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  • साया …

    अमन ने और मिट्टी हटाई. अब पूरा नाम दिखाई दे रहा था: “लक्ष्मी देवी”. उसके नीचे, एक संक्षिप्त तिथि लिखी…

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  • साया …

    अमन उस धुंधली आकृति को देखता रहा. औरत की आँखें बंद थीं, और उसके चेहरे पर एक गहरी उदासी छाई…

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  • साया …

    गाँव के बाहर, बरगद के पुराने पेड़ के नीचे, एक साया मंडराता था. न वह पूरी तरह से अँधेरा था,…

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  • मन का टिस…

    रवि और शीला अक्सर मिलते रहे. वे पुरानी यादों को साझा करते, अपने वर्तमान जीवन के बारे में बताते. धीरे-धीरे,…

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  • मन का टिस…

    बरसों बाद, नियति ने एक अप्रत्याशित मोड़ लिया. शीला एक साहित्यिक कार्यक्रम में गई हुई थी. मंच पर एक जाने-माने…

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  • मन का टिस…

    दिन बीतते गए। शीला ने अपनी ज़िंदगी को एक नया आकार देने की कोशिश की. उसने पढ़ाना शुरू किया, बच्चों…

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  • मन का टिस…

    कमरे की खिड़की से झांकती धुंधली धूप, शीला के चेहरे पर उतरकर भी कोई गर्माहट नहीं ला पाई. साठ वसंत…

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  • बेबसी का पिटारा…

    अपने पोते रवि की पहल और अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने के बाद, गोपाल और उनके बच्चों के बीच…

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  • बेबसी का पिटारा…

    एक बूढ़ा आदमी, जिनका नाम गोपाल था, गाँव के एक छोर पर बने अपने छोटे से घर में अकेले रहते…

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  • बेबसी का पिटारा…

    छात्रवृत्ति मिलने की खबर मीरा के लिए किसी सपने के सच होने जैसा था. गाँव की धूल भरी गलियों से…

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