Dharm
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सुन्दरकाण्ड-17-2
दोहा: – सकल चरित तिन्ह देखे धरें कपट कपि देह। प्रभु गुन हृदयँ सराहहिं सरनागत पर नेह ।। वाल्व्यास सुमनजी…
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श्री राम के दर्शन की अभिलाषी
श्री राम के दर्शन की अभिलाषी, लहरें गाती हैं श्री सीताराम की। शैल शिखर से सरयू प्रति प्रताप में, महिमा…
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सुन्दरकाण्ड-17
चौपाई: – सुनु कपीस लंकापति बीरा। केहि बिधि तरिअ जलधि गंभीरा।। संकुल मकर उरग झष जाती। अति अगाध दुस्तर सब…
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श्रीराम …
भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में ‘भगवान राम’ का अत्यधिक महत्व है. ‘राम’ जिन्हें भगवान ‘विष्णु’ के आवतार के रूप…
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पौष पुत्रदा एकादशी…
वालव्याससुमनजीमहाराज कहते हैं पौष (पूस) का महीना अत्यंत ही पावन और पवित्र महीना होता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार साल…
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सुन्दरकाण्ड-16-7
दोहा: – रावन क्रोध अनल निज स्वास समीर प्रचंड। जरत बिभीषनु राखेउ दीन्हेहु राजु अखंड।। वाल व्यास सुमनजी महाराज श्लोक…
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मकर संक्राति…
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी संक्रांति आ ही गई. आज के बाद भगवान भास्कर उत्तरायण हो जायेंगें. अब…
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सुन्दरकाण्ड-16-6
दोहा: – सगुन उपासक परहित निरत नीति दृढ़ नेम। ते नर प्रान समान मम जिन्ह कें द्विज पद प्रेम ।।…
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शिव के शिष्य…
शिव तो जगत के गुरु हैं. मान्यताओं के अनुसार सबसे पहले उन्होंने अपना ज्ञान सप्त ऋषियों को दिया था. सप्त…
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सुन्दरकाण्ड-16-5
दोहा: – अहोभाग्य मम अमित अति राम कृपा सुख पुंज। देखेउँ नयन बिरंचि सिब सेब्य जुगल पद कंज ।। वाल…
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