ज्येष्ठ मास…
” ज्येष्ठ मास” या जेठ का महीना हिंदू कैलेंडर के अनुसार वर्ष का तीसरा महीना है. यह महीना ग्रेगोरियन कैलेंडर के मई और जून के बीच में आता है. हिंदू ज्योतिष में, ज्येष्ठ सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश के साथ शुरू होता है.
ज्येष्ठ मास को गर्मी के मौसम का संकेत माना जाता है और इस दौरान भारत में कई जगहों पर गर्मी का तापमान काफी अधिक होता है. इस महीने में लोग विशेष रूप से पूजा-पाठ और धार्मिक उत्सवों में संलग्न होते हैं. चूकिं, ज्येष्ठ का महीना पूजा, स्नान-दान के लिहाज से शुभ माना गया है. इस माह में शनि जयंती, निर्जला एकादशी और वट सावित्री व्रत खास होता है.
दान: – जल का दान करना चाहिए.
नोट: –
आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, ज्येष्ठ मास में अत्यधिक तेल-मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए साथ ही इस माह में लहसुन, राई और गर्म तासीर वाली चीजों के सेवन नहीं करना चाहिए.
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Jyeshtha Month…
“Jyeshtha month” or the month of Jeth is the third month of the year according to the Hindu calendar. This month falls between May and June of the Gregorian calendar. In Hindu astrology, Jyeshtha begins with the Sun’s entry into Taurus.
Jyeshtha month is considered a sign of the summer season and during this time the summer temperature is very high in many places in India.
In this month people especially engage in worship and religious festivals. Because, the month of Jyeshtha is considered auspicious in terms of worship, bathing, and donations. Shani Jayanti, Nirjala Ekadashi, and Vat Savitri fast are special this month.
Donate: – Water should be donated.
Note: –
According to Ayurvedacharya, one should not consume excessively oily and spicy food in the month of Jyeshtha and also one should not consume garlic, mustard, and things of hot nature in this month.