आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का
“आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस” जिसे अंग्रेज़ी में “International Day of Innocent Children Victims of Aggression” के नाम से जाना जाता है, हर वर्ष 4 जून को मनाया जाता है. यह दिवस 1982 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य युद्ध और संघर्षों में मासूम बच्चों के प्रति हुई आक्रामकता के प्रति जागरूकता फैलाना और इसकी निंदा करना है.
इस दिन की घोषणा लेबनान में इजरायली हमलों के दौरान बच्चों पर हुए अत्याचारों के विरोध में की गई थी. तब से, यह दिन विश्व भर के सभी युद्ध ग्रस्त और संघर्ष क्षेत्रों में बच्चों के प्रति हुई हिंसा के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाने का माध्यम बन गया है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों को संघर्षों से सुरक्षित रखा जा सके और उन्हें एक सुरक्षित और स्वस्थ विकास का वातावरण प्रदान किया जा सके.
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Innocent children victims of aggression
“International Day of Innocent Children Victims of Aggression” is celebrated on 4 June every year. The day was established by the United Nations General Assembly in 1982, which aims to spread awareness and condemn the aggression towards innocent children in war and struggles.
This day was announced in protest against the atrocities on children during the Israeli attacks in Lebanon. Since then, this day has become a medium for raising a strong voice against violence against children in all war-torn and struggling areas around the world. The main objective of celebrating this day is to ensure that children can be protected from struggles and provide them with a safe and healthy development environment.