सिस्टर निवेदिता
सिस्टर निवेदिता का असली नाम मार्गरेट एलिजाबेथ नोबल था. उनका जन्म 28 अक्टूबर 1867 को आयरलैंड में हुआ था. स्वामी विवेकानंद के संपर्क में आने के बाद उन्होंने भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति गहरी आस्था जताई और अपना जीवन भारत को समर्पित कर दिया. स्वामी विवेकानंद ने उन्हें वर्ष 1898 में “निवेदिता” नाम दिया, जिसका अर्थ है “जो समर्पित है.”
सिस्टर निवेदिता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और समाज सुधार के क्षेत्र में भी योगदान दिया. उन्होंने न केवल भारतीय महिलाओं की शिक्षा और उत्थान के लिए कार्य किया बल्कि ब्रिटिश राज के दौरान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का भी समर्थन किया. उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से भारतीय संस्कृति और सभ्यता को पश्चिम में भी प्रचारित किया.
उन्होंने 13 अक्टूबर 1911 को भारत में ही अंतिम सांस ली. सिस्टर निवेदिता का जीवन, कार्य और उनके विचार भारतीय समाज के उत्थान में आज भी प्रेरणा स्रोत हैं.
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गीतकार अंजान
गीतकार अंजान का असली नाम लालजी पांडे था. उनका जन्म 28 अक्टूबर 1930 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था. अंजान ने वर्ष 1970 के दशक में मुंबई में फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई और अपने अनूठे गीतों से हिंदी सिनेमा में पहचान बनाई. उनके गीतों में आमतौर पर ग्रामीण और शहरी भारतीय समाज के प्रतीक, भावनाएँ, और जीवन की सच्चाइयाँ झलकती थीं. उनका लेखन आम आदमी की भाषा में था, जो श्रोताओं के दिल को छू जाता था.
अंजान ने कई प्रसिद्ध गीत लिखे, जिनमें से कुछ सुपरहिट फिल्में हैं जैसे डॉन, लावारिस, मुकद्दर का सिकंदर, मर्द, और कूली. उनके लिखे गीत “खइके पान बनारस वाला” (डॉन), “रोते हुए आते हैं सब” (मुकद्दर का सिकंदर), “अपनी तो जैसे तैसे” (लावारिस), और “जो भी कसमें खाईं” (काला पत्थर) आज भी लोकप्रिय हैं और श्रोताओं में गूंजते हैं.
उनके पुत्र, समीर, भी एक प्रसिद्ध गीतकार हैं, जिन्होंने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए हिंदी सिनेमा में एक सफल कैरियर बनाया. गीतकार अंजान का योगदान हिंदी फिल्म संगीत जगत में अमूल्य है. उनका देहांत 13 सितंबर 1997 को हुआ, लेकिन उनके गीतों का जादू आज भी बरकरार है.
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भारतीय रिज़र्व बैंक के 24वें गवर्नर उर्जित पटेल
उर्जित पटेल भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 24वें गवर्नर थे. उन्होंने 4 सितंबर 2016 को आरबीआई के गवर्नर का पदभार संभाला, और यह भूमिका 10 दिसंबर 2018 तक निभाई. उर्जित पटेल के नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लिए गए, विशेष रूप से मुद्रास्फीति नियंत्रण और मौद्रिक नीति की स्थिरता पर उनका विशेष जोर था. उनके कार्यकाल के दौरान, आरबीआई की नीतियों का मुख्य उद्देश्य मुद्रास्फीति को 4% के आस-पास बनाए रखना था, जिसमें +/- 2% का अंतर रखा गया था.
उर्जित पटेल का जन्म 28 अक्टूबर 1963 को हुआ था और उनकी पढ़ाई भारत के बाहर हुई थी. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से स्नातक की पढ़ाई की और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम. फिल. किया. इसके बाद उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की.
उर्जित पटेल को अर्थशास्त्र और वित्त क्षेत्र में गहरी जानकारी है, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. आरबीआई में गवर्नर बनने से पहले, उन्होंने डिप्टी गवर्नर के रूप में भी सेवाएँ दीं और मौद्रिक नीति के क्षेत्र में सुधारों में योगदान दिया. गवर्नर के रूप में, उन्होंने डिजिटल भुगतान और नोटबंदी के बाद की चुनौतियों का सामना किया. उनके कार्यकाल का अंत दिसंबर 2018 में हुआ, और उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस पद से इस्तीफा दे दिया.
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राजनीतिज्ञ अशोक चह्वाण
अशोक चव्हाण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं. उनका जन्म 28 अक्टूबर 1958 को महाराष्ट्र के नांदेड़ में हुआ था. अशोक चव्हाण महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने वर्ष 2008 में विलासराव देशमुख के बाद मुख्यमंत्री का पद संभाला और नवंबर वर्ष 2010 तक इस पद पर कार्य किया.
उनके पिता, शंकरराव चव्हाण, महाराष्ट्र के दो बार मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे, जिनसे अशोक चव्हाण को राजनीतिक अनुभव और मार्गदर्शन मिला. अशोक चव्हाण ने मुंबई विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन बाद में राजनीति की ओर रुख किया.
मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने महाराष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया और कई प्रमुख परियोजनाओं का नेतृत्व किया. हालाँकि, वर्ष 2010 में आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद भी, उन्होंने पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाई और वर्ष 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा में फिर से विधायक बने. अशोक चव्हाण नांदेड़ से सांसद भी रह चुके हैं और महाराष्ट्र में कांग्रेस के एक प्रमुख नेता के रूप में उनकी गहरी पकड़ है.
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री के रूप में भी कार्य किया है और राज्य के विकास और समाज कल्याण के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं.
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अभिनेता कुणाल कोहली
कुणाल कोहली एक भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने निर्देशन के साथ-साथ फिल्मों में अभिनय भी किया है, लेकिन उनका मुख्य योगदान निर्देशन और लेखन में है. कुणाल कोहली का सबसे प्रसिद्ध काम वर्ष 2006 में आई फिल्म फना है, जिसमें आमिर खान और काजोल ने मुख्य भूमिकाएँ निभाईं. यह फिल्म एक रोमांटिक थ्रिलर थी और बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई.
कुणाल कोहली का जन्म 28 अक्टूबर 1970 को हुआ था.कोहली ने अपने कैरियर की शुरुआत बतौर फिल्म क्रिटिक्स से वर्ष 1990 के आखिरी में की थी. फिल्मी दुनिया में बतौर निर्देशक कदम रखने से पहले कुणाल कई म्यूजिक वीडियो को डायरेक्ट कर चुके हैं.
कुणाल कोहली का निर्देशन कैरियर वर्ष 2002 में मुझसे दोस्ती करोगे! फिल्म से शुरू हुआ, जिसमें ऋतिक रोशन, रानी मुखर्जी और करीना कपूर थे. हालाँकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही, लेकिन वर्ष 2004 में उनकी फिल्म हम तुम, जिसमें सैफ अली खान और रानी मुखर्जी ने अभिनय किया, ने उन्हें बड़ा नाम दिया. हम तुम ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के फिल्मफेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कार जीते और उस साल की सबसे सफल फिल्मों में से एक रही.
इसके बाद उन्होंने तुम मिले और तेरा इंतजार जैसी फिल्मों में भी निर्देशन किया. कुणाल कोहली ने वेब सीरीज़ और डिजिटल कंटेंट के क्षेत्र में भी कदम रखा है, और भारतीय सिनेमा के साथ-साथ नई मीडिया की संभावनाओं को भी तलाश रहे हैं. उनका निर्देशन एक विशिष्ट और ताज़गी भरी शैली में होता है, जो रोमांटिक और पारिवारिक तत्वों से भरपूर होता है.
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अभिनेत्री अदिति राव हैदरी
अदिति राव हैदरी एक प्रतिभाशाली भारतीय अभिनेत्री और गायिका हैं, जो मुख्यतः हिंदी, तमिल, तेलुगु, और मलयालम सिनेमा में अपने काम के लिए जानी जाती हैं. उनका जन्म 28 अक्टूबर 1986 को हैदराबाद में हुआ था. अदिति का परिवार शाही वंश से है; उनके नाना राजा जे. रामेश्वर राव तेलंगाना के वंशज थे, और उनकी दादी अकबर हैदरी की वंशज थीं.
अदिति ने वर्ष 2007 में मलयालम फिल्म प्रजापति से अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत की, लेकिन उन्हें व्यापक पहचान वर्ष 2011 में आई फिल्म ये साली ज़िंदगी से मिली, जिसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का स्क्रीन अवार्ड जीता. इसके बाद उन्होंने रॉकस्टार, मर्डर 3, वज़ीर, और पद्मावत जैसी कई प्रमुख फिल्मों में अभिनय किया. अदिति के अभिनय में गहरी संवेदनाएँ और अभिव्यक्ति की कुशलता होती है, जिसके कारण उनकी पहचान एक सशक्त अभिनेत्री के रूप में हुई है.
अदिति अपने शास्त्रीय नृत्य कौशल के लिए भी जानी जाती हैं और भरतनाट्यम में प्रशिक्षित हैं. उनकी प्रतिभा और शालीनता ने उन्हें न केवल बॉलीवुड बल्कि दक्षिण भारतीय सिनेमा में भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है.
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साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल
श्रीलाल शुक्ल हिंदी साहित्य के प्रमुख व्यंग्यकार और उपन्यासकार थे. उन्हें मुख्यतः उनके विख्यात उपन्यास राग दरबारी के लिए जाना जाता है, जो भारतीय ग्रामीण समाज और उसकी समस्याओं पर गहरा और चुटीला व्यंग्य प्रस्तुत करता है. राग दरबारी वर्ष 1968 में प्रकाशित हुआ था और इसने हिंदी साहित्य में एक मील का पत्थर स्थापित किया. यह उपन्यास न केवल साहित्यिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक विडंबनाओं को भी उजागर करता है.
श्रीलाल शुक्ल का जन्म 31 दिसम्बर 1925 को अतरौली गाँव, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के बाद प्रशासनिक सेवा (IAS) में कार्य किया और उसी दौरान वे समाज की गहरी समझ के साथ अपने लेखन को विकसित कर सके. उनके लेखन का केंद्र आम भारतीय समाज, विशेषकर ग्रामीण भारत की जटिलताएँ और उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार, राजनीति, और विडंबनाएँ थीं.
उनकी अन्य प्रमुख कृतियों में आदमी का ज़हर, मकान, पहला पड़ाव, विश्रामपुर का संत और सुनीता शामिल हैं. श्रीलाल शुक्ल का व्यंग्य गहरे सामाजिक सरोकारों से जुड़ा हुआ था, और उन्होंने बहुत ही सजीव और सरल भाषा में ग्रामीण और शहरी जीवन की सच्चाइयों को चित्रित किया.
उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2009 में भारतीय साहित्य का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान “ज्ञानपीठ पुरस्कार” प्रदान किया गया. इसके अलावा, उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया। श्रीलाल शुक्ल का लेखन आज भी प्रासंगिक है और समाज की वास्तविकता पर सोचने के लिए प्रेरित करता है. श्रीलाल शुक्ल का निधन 28 अक्टूबर 2011को हुआ था.