रसायन विज्ञान से संबंधित-150.
वैसे पदार्थ जो हमें बतलाते है कि, दिया गया पदार्थ अम्ल, भस्म या क्षार को सूचक (Indicator) कहा जाता हैं. प्रयोगशाला में अम्ल, क्षार या भस्म को सूचक (Indicator) के उपयोग से पहचान किया जा सकता है.
अम्ल-क्षार सूचक (Acid-Base Indicator) के प्रकार:-
श्रोत के आधार पर सूचक (Indicator) को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है.
1.प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) 2. मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicator).
प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) :- वैसे सूचक जो प्राकृतिक श्रोत से प्राप्त किया जाता है, उसे प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) कहते हैं. जैसे लिटमस( Litmus), हल्दी (Turmeric), प्याज (Onion), वैनिला (Vanilla), लौंग (Clove), और लाल पत्ता गोभी (Red Cabbage) इत्यादि.
लिटमस( Litmus) :- एक प्राकृतिक सूचक है जो पानी में घुलनशील होता है. यह एक प्रकार का रंग होता है जिसे लाईकेन (Lichen) नामक ओर्गानिस्म (Organism) से प्राप्त किया जाता है. छ्न्ना पत्र (Filter paper) को लिटमस के अर्क में डुबोकर लिटमस पेपर तैयार किया जाता है. लिटमस मूल रूप से लाल रंग का होता है. लिटमस पेपर का उपयोग प्रयोगशालाओं में अम्ल या क्षार की पहचान के लिए सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है. लिटमस पेपर दो रंगों (लाल व नीले) में उपलब्ध होता है.
अगर नीले रंग के लिटमस पेपर को अम्ल (Acid) में डालते है तो उसका रंग बदलकर लाल हो जाता है.
अगर लाल रंग के लिटमस पेपर को क्षार (Base) में डालते हैं तो उसका रंग बदलकर नीला हो जाता है.
हल्दी (Turmeric) :- इसका रंग पीला होता है और यह भी प्राकृतिक सूचक होता है. हल्दी के रंग पर अम्ल (Acid) का कोई प्रभाव नहीं होता है लेकिन, क्षार (Base) में हल्दी के पीले रंग को बदलकर भूरा या लाल रंग में बदल देता है. जैसे:- अगर कपड़े पर हल्दी का पीला रंग लग गया हो और उसे साबून से धोते है तो उसका रंग बदलकर रेडिश ब्राउन (Reddish Brown) हो जाता है. चुकिं, साबुन में क्षार (Base) होता है जो हल्दी के पीले रंग को बदलकर रेडिश ब्राउन कर देता है.
छ्न्ना पत्र (Filter paper) को हल्दी के घोल में डुबोकर तथा सुखाकर हल्दी पेपर (Turmeric paper) तैयार किया जाता है. इसका उपयोग लिटमस पेपर की तरह अम्ल (Acid) या क्षार (Base) की पहचान के लिए उपयोग किया जा सकता है.
लाल पत्ता गोभी (Red Cabbage) :- लाल पत्ता गोभी के रस को भी प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) के रूप में उपयोग किया जाता है. चुकिं लाल पत्ता गोभी का रस मूल रूप से बैंगनी रंग का होता है. बताते चलें कि, लाल पत्ता गोभी को अम्लीय मिटटी में उगाया जाता है तो इसके पत्ते का रंग लाल होता है. अगर लाल पत्ता गोभी को क्षारीय मिटटी में उगाया जाता है तो इसके पत्तों का रंग पीलापन लिए हुए हरे रंग का होता है. यही कारण है कि, लाल पत्ता गोभी का उपयोग अम्ल (Acid) तथा क्षार की पहचान के लिए किया जाता है और यह प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator) होता है.
लाल पत्ता गोभी का रस मूल रूप से बैंगनी रंग का होता है. जब लाल पत्ता गोभी के रस में अम्ल (Acid) मिलाने पर लाल रंग में बदल जाता है.
लाल पत्ता गोभी के रस को क्षार (Base) में मिलाते हैं तो इसका रंग बदलकर हरा हो जाता है.
प्याज (Onion) :- प्याज का उपयोग सूंघने वाला सूचक (Olfactory indicators) के रूप में होता है. प्याज के रस में अम्ल (Acid) मिलाने पर प्याज का गंध नहीं बदलता है लेकिन, प्याज के रस में क्षार (Base) मिलाने पर प्याज का गंध खत्म हो जाता है. प्याज के इसी गुण के कारण इसका उपयोग सूंघने वाला सूचक (Olfactory indicators) के रूप में होता है.
वैनिला (Vanilla) :- वैनिला में जब अम्ल (Acid) को मिलाया जाता है तो इसके गंध पर कोई असर नहीं होता है जबकि, वैनिला को क्षार (Base) में मिलाया जाता है तो इसका गंध खत्म हो जाता है.
लौंग (Clove) :- लौंग में जब अम्ल (Acid) को मिलाया जाता है तो इसके गंध पर कोई असर नहीं छोड़ता है जबकि, लौंग को क्षार (Base) में मिलाया जाता है तो इसका गंध खत्म हो जाता है.
मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicator) :- वैसे सूचक (indicator) जिसे प्रयोगशाला में बनाया जाता है उसे मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicator) कहते हैं. फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) तथा मिथाईल ऑरेंज (Methyl orange) दो महत्वपूर्ण मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicators) हैं जिनका उपयोग प्रयोगशालाओं में अम्ल (Acid) तथा क्षार (Base) की पहचान के लिये किया जाता है.
फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) :- फ़ेनॉल्फ़थैलीन एक रंगहीन होता है. अगर इसमें एसिड (Acid) को मिलाते मिलाते हैं तो फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) रंगहीन ही रहता है जबकि इसमें क्षार (Base) को मिलाते हैं तो फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) का रंग गुलाबी (Pink) हो जाता है.
मिथाईल ऑरेंज (Methyl orange) :- यह एक नारंगी रंग का तरल (Liquid) है. जब मिथाईल ऑरेंज (Methyl orange) में अम्ल (Acid) को मिलाते हैं तो इसका रंग लाल हो जाता है. जबकि मिथाईल ऑरेंज (Methyl orange) में क्षार (Base) को मिलाते हैं तो इसका रंग पीला हो जाता है.
प्रो. अमरेंद्र कुमार.