स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद भारतीय संत, योगी, और धार्मिक विचारक थे, जो 19वीं सदी के आधुनिक भारत के रूप में जाने जाते हैं। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था और मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुई थी।
स्वामी विवेकानंद ने भारतीय धर्म, योग, और वेदांत के महत्व को प्रचारित किया और पश्चिमी दुनिया में भारतीय धर्म और दर्शन के प्रति जागरूकता भी फैलाई। उन्होंने 1893 में विश्व धर्म महासभा में शिकागो, अमेरिका में भारत के प्रतिष्ठित वक्ता के रूप में भाषण दिया था, जिससे उन्होंने अपने विचारों को पश्चिमी दुनिया में प्रस्तुत किया और भारत की धार्मिक और दार्शनिक धरोहर को प्रमोट किया। उनके भाषण के प्रारंभ में “सिस्टर्स और ब्रदर्स ऑफ अमेरिका” के शब्दों से शुरुआत होती थी, और उनका भाषण विश्वभर के लोगों के बीच में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।
स्वामी विवेकानंद के द्वारा प्रवृत्त की गई योग और ध्यान की प्रक्रिया को आधुनिक योग के अद्वितीय प्रतिपादक के रूप में माना जाता है। उन्होंने वेदांत के महत्व को बढ़ावा दिया और भारतीय समाज को सशक्त बनाने के लिए उत्साहित किया। स्वामी विवेकानंद का योगदान और उनका धार्मिक विचार पुरे विश्व में धार्मिक और दार्शनिक विचारकों पर गहरा प्रभाव डाला है, और वे आज भी एक महान आदर्श के रूप में माने जाते हैं।
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स्वतंत्रता सेनानी भगवान दास
स्वतंत्रता सेनानी भगवान दास, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख महान वीर और महान कवि थे। वे 1885 में पुणे, महाराष्ट्र में पैदा हुए थे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण योद्धा बने। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सख्त विरोध किया और अपने कविताओं के माध्यम से लोगों को जागरूक किया।
दास की कविताएँ और गीत स्वतंत्रता संग्राम के समय के जनमानस की भावनाओं को बयां करती थीं और लोगों को आजादी के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देती थीं। उनका लोकप्रिय कविता “करम की धरती पर” भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक मानी जाती है। दास का योगदान स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण है और उन्होंने अपने साहित्यिक कौशल के माध्यम से भारतीय जनमानस को एकजुट किया और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित किया। उनकी स्मृति में भारत सरकार ने 1987 में एक डाक टिकट जारी किया था।
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महर्षि महेश योगी
महर्षि महेश योगी का जन्म छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गाँव में 12 जनवरी 1918 को हुआ था और मृत्यु 2008 में हुई थी। महेश योगी एक प्रमुख योगगुरु और ध्यान शिक्षक थे। वे हिन्दू धर्म के आध्यात्मिक अध्यात्मगुरु थे और उन्होंने त्रांसेंडेंटल मेडिटेशन नामक एक ध्यान प्रणाली का प्रचार किया था।
महर्षि महेश योगी ने ध्यान की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विश्व भर में इसे प्रसारित किया। उन्होंने योग के माध्यम से मानव जीवन को सुखमय और शांतिपूर्ण बनाने के लिए तकनीकों का उपयोग किया और उनके अनुसार ध्यान करने से मानव आत्मा का स्वरूप और आंतरिक शांति की प्राप्ति होती है।
महर्षि महेश योगी के द्वारा शिक्षित ध्यान प्रणाली विश्वभर में लोकप्रिय हुई साथ ही उनकी योगशिक्षा के कई शिष्य भारत और विश्वभर में उनके आदर्शों का पालन करते हैं। उन्होंने योग के माध्यम से आत्मा के साथ अधिक गहरी जुड़ाव और आंतरिक सुख की प्राप्ति को प्रमोट किया और ध्यान की महत्वपूर्ण भूमिका को जागरूक किया।
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संगीतकार सी. रामचन्द्र
सी. रामचन्द्र का जन्म 12 जनवरी 1918 को हुआ था और उनकी मृत्यु 5 जनवरी 1982 को हुई थी। रामचन्द्र एक प्रमुख भारतीय संगीतकार और संगीत निर्माता थे। वे भारतीय सिनेमा में अपने अद्वितीय संगीत की बजाय जाने जाते हैं और उन्होंने अपने संगीत के कई हिट गाने प्रस्तुत किए।
सी. रामचन्द्र ने भारतीय सिनेमा के गोल्डन एरा में अपने संगीत के लिए प्रसिद्ध हुए और उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के लिए कई हिट गाने बनाए, जैसे कि “एक लड़की भीगी भागी सी,” “आवारा हूँ,” “मेरे सपनों में आने वाला पल,” और “आवें जावें ते मैंडवा” आदि।
सी. रामचन्द्र के संगीत का महत्वपूर्ण हिस्सा भारतीय सिनेमा की धाराओं को बदल दिया और उन्होंने अपने संगीत के माध्यम से संगीतकारों की नई परंपरा की शुरुआत की। उन्हें अपने योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
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राजनीतिज्ञ मुफ़्ती मोहम्मद सईद
मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू और कश्मीर के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका जन्म 12 जनवरी 1936 को हुआ था और उनकी मृत्यु 7 जनवरी 2016 को हुई।
मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू और कश्मीर के सियासी मंच पर कई दशकों तक अध्यक्ष भूमिका निभाने वाले एक प्रमुख राजनीतिज्ञ थे। मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जम्मू और कश्मीर में जनता की जरूरियों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक समझदारी का प्रतीक बनाया और उन्होंने भारतीय सरकार से बेहतर संबंध स्थापित करने का प्रयास किया। उन्होंने भारतीय राजनीति में अपना विशेष स्थान बनाया और उन्होंने जम्मू और कश्मीर के मामलों को अधिक उद्देश्यपूर्ण तरीके से देखने का प्रयास किया।
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राजनीतिज्ञ एम. वीरप्पा मोइली
एम. वीरप्पा मोइली भारतीय राजनीतिज्ञ और कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। उनका जन्म 12 जनवरी 1940 को कर्नाटक राज्य के मंड्य जिले में हुआ था। वे भारतीय संसद के दोनों सदनों में सदस्य रहे हैं और उन्होंने विभिन्न सरकारी पदों पर काम किया है।
म. वीरप्पा मोइली ने अपनी राजनितिक कैरियर की शुरुआत कर्नाटक राज्य किया । उन्होंने राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री रहे हैं, जैसे कि वित्त मंत्री और बेल्लारी मंत्री आदि। मोइली ने भी भारत सरकार में मंत्री के रूप में कई पदों पर काम किया, जैसे कि पेट्रोलियम और नैचरल गैस मंत्री, उद्योग और वाणिज्य मंत्री, और न्याय मंत्री। उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता और योगदान के लिए कई बार सरकारी और राजनीतिक मंडलों में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में काम किया है।
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अभिनेता अरुण गोविल
अरुण गोविल एक फ़िल्म और टेलीविजन अभिनेता हैं, जिनका जन्म 30 जुलाई 1958 को हुआ था। अरुण गोविल का सबसे प्रसिद्ध किरदार “रामायण” में भगवान राम की भूमिका, जो 1987 में प्रसारित हुआ था। अरुण गोविल ने अपने कैरियर के दौरान फ़िल्मों और टेलीविजन शो में काम किया, जिसमें “विक्रम और बेताल,” “महाभारत,” “मुझसे दोस्ती करोगे?” आदि शामिल हैं।
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राजनीतिज्ञ अजय माकन
अजय माकन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं। उनका जन्म 12 जनवरी 1964 को हुआ था। माकन ने अपना कैरियर राजनीति में बनाया और वे दिल्ली से लोकसभा सदस्य रहे हैं। उन्होंने अपने सियासी कैरियर के दौरान कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष और वाणिज्यिक मंत्रालय के मंत्री के रूप में काम किया।
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प्रियंका गाँधी
प्रियंका गांधी वाड्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं। उनका जन्म 12 जनवरी 1972 को हुआ था। प्रियंका गांधी भारतीय राजनीति में अपने परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के रूप में प्रसिद्ध हैं, क्योंकि वे जवाहरलाल नेहरू के परिवार के सदस्यों की नौवीं पीढ़ी के सदस्य हैं और इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की छोटी बहन हैं।
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स्वतंत्रता सेनानी गोपीनाथ साहा
गोपीनाथ साहा भारतीय जनरल सेरजेंट हैं जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपना योगदान दिया था. वे मुक्ति संग्राम के महत्वपूर्ण सिपाहियों में से एक थे और उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया।
गोपीनाथ का जन्म 12 जनवरी 1901 को हुआ था। उन्होंने कैलकट्टा (अब कोलकाता) के एक छोटे से गांव से अपना कैरियर आरंभ किया और फिर स्वतंत्रता संग्राम के समय मुक्ति सेनानी बने। वे गांधीजी के महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों में भाग लिये और उनके साथ कई बार जेल गए। गोपीनाथ साहा ने स्वतंत्रता संग्राम के बाद भारतीय सेना में भी सेवा की और उन्होंने अपने देश के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया।
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शास्त्रीय गायक कुमार गंधर्व
कुमार गंधर्व भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रमुख गायकों में से एक थे। उनका जन्म 8 अप्रैल 1924 को मध्य प्रदेश के धरबंदा जिले में हुआ था, और उनका असली नाम शिवपुत्र कुमार राय था। वे भारतीय क्लासिकल म्यूजिक के गायक होने के साथ-साथ एक अद्वितीय संगीतकार और संगीत शिक्षक भी थे।
कुमार गंधर्व ने भारतीय संगीत के विभिन्न गायन पद्धतियों को समझने और प्रकट करने में अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में राग-रागिनियों का अध्ययन किया और अपने आदिकारण को मजबूत किया। कुमार गंधर्व का संगीत गुरु गोपालराव व्यास थे, जिन्होंने उन्हें बचपन में संगीत की शिक्षा दी। उन्होंने गायन के कई आधारभूत सिद्धांतों को समझाने के साथ ही खुद की अपनी आद्यत्मिक प्रतिष्ठा भी बनाई।
कुमार गंधर्व का गायन बहुत ही अनूठा था, और उन्होंने रागों को अपने अंतरात्मा से जोड़कर सुनाया। उनकी गायन कला को आध्यात्मिकता और भक्ति के भाव से भरपूर माना जाता है। कुमार गंधर्व ने भारतीय संगीत को विश्वभर में प्रस्तुत किया और अपनी उन्नत गायन प्रवृत्ति के लिए प्रमुख गायकों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त की। कुमार गंधर्व का निधन 12 जून 1992 को हुआ, लेकिन उनका संगीत आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है।
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राजनीतिज्ञ रामकृष्ण् हेगड़े
रामकृष्ण हेगड़े कर्नाटक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका जन्म 29 अगस्त 1926 को कर्नाटक राज्य के सिरसी जिले में हुआ था, और उन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रामकृष्ण हेगड़े का प्रमुख रूप से संघटना (सोशलिस्ट) जनता पार्टी (एस.जे.पी) के सदस्य और नेता के रूप में योगदान था। वे कर्नाटक राज्य में बीते कुछ दशकों तक कई बार मुख्यमंत्री रहे और राज्य के विकास और प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान किया। रामकृष्ण हेगड़े के शासकीय कैरियर के दौरान, कर्नाटक में कई सामाजिक और आर्थिक सुधार कार्यक्रमों की शुरुआत की गई, और उन्होंने राज्य की विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों को आगे बढ़ाया। उन्होंने आर्थिक विकास, किसानों के हित में सुधार, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध थे।
रामकृष्ण हेगड़े का निधन 12 जनवरी 2004 को हुआ, लेकिन उनका योगदान और उनकी सेवाएँ कर्नाटक राज्य और भारतीय राजनीति के इतिहास में याद की जाती हैं।
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खलनायक अमरीश पुरी
अमरीश पुरी बॉलीवुड फ़िल्मों में अपनी अद्वितीय अभिनय के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की। अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को पंजाब प्रांत के लाहौर शहर (जो अब पाकिस्तान में है) में हुआ था। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत नौकरी और रेडियो ड्रामा से की थी, और फिर बॉलीवुड में प्रवेश किया।
अमरीश पुरी ने कई किरदारों को निभाया परन्तु “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” में सिमरन का पिता बन सबके दिल को छू लिया था। वैसे तो पुरी हर किरदार में फिट होने वाले एक आदर्श अभिनेता थे। अमरीश पुरी ने कई लोकप्रिय फ़िल्मों में काम किया, जैसे कि “मोग़ल-ए-आज़म”, “शोले”, “कर्मा” ,”मेरी जंग”, “नायक”, “दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे” आदि।
अमरीश पुरी का निधन 12 जनवरी 2005 को हुआ था, लेकिन उनकी फ़िल्मों में की गई अद्वितीय अभिनय की यादें और उनका योगदान आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।