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अक्षय नवमी…

अक्षय नवमी का पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. इसे “आंवला नवमी” के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने और इसके नीचे भोजन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.

अक्षय नवमी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. मान्यता है कि इसी दिन से सतयुग की शुरुआत हुई थी, इसलिए इसे “सतयुगादि नवमी” भी कहते हैं. सतयुग को सभी युगों में श्रेष्ठ और धर्म, सत्य एवं पुण्य का युग माना गया है, इसलिए इस दिन किए गए पुण्य कार्य, जैसे दान, तप, और सेवा का फल अक्षय रहता है.

इस दिन भक्तगण आंवले के वृक्ष के नीचे पूजा करते हैं, भोजन बनाते हैं और परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करते हैं. आंवला को धार्मिक दृष्टि से पवित्र और स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना गया है, इसलिए इसे पूजनीय माना गया है.

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Akshaya Navami…

The festival of Akshaya Navami is celebrated on the ninth day of Kartik Shukla Paksha. It is also known as “Amla Navami“. It is believed that worshipping the Amla tree on this day and eating food under it leads to attaining Akshaya Punya.

Akshaya Navami has great religious significance. It is believed that the Satyug started from this day, hence it is also called “Satyugadi Navami”. Satyug is considered to be the best of all the ages and the era of religion, truth and virtue, hence the fruits of the virtuous deeds done on this day, such as charity, penance, and service remain everlasting.

On this day, devotees worship under the Amla tree, cook food and consume prasad with the family. Amla is considered sacred from a religious point of view and also beneficial for health, hence it is considered worshipable.

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