सालों तक बीमार नहीं होने देगा
गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं. इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है. कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई. गिलोय बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता :-गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं. यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है. लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं.
ठीक करती है बुखार :-अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए. गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है. इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है. डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है. गिलोय के फायदे – डायबिटीज के रोगियों के लिए गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है. इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है. पाचन शक्ति बढ़ाती है -: यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है, इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है, कम करती है स्ट्रेस -: गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है. गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है. इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है. बढ़ाती है आंखों की रोशनी :-गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है. इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा. जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं. अस्थमा में भी फायदेमंद :-मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है. ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा.
गठिया में मिलेगा आराम :- गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है. गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है. अगर हो गया हो एनीमिया, तो करिए गिलोय का सेवन :-भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं. इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है. गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है.
बाहर निकलेगा कान का मैल :- कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें. ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें. एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा. कम होगी पेट की चर्बी :-गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है. ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है खूबसूरती बढ़ाती है गिलोय :-गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है जवां रखती है गिलोय :-गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं. इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है. अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं.
प्रभाकर कुमार.