शारदीय नव रात्रि…
वाल व्यास सुमन जी महाराज धार्मिक चर्चा कर रहें थे. धार्मिक चर्चा के दौरान महाराज जी ने कहा कि आश्विन का पावन व पवित्र महीना शुरू हो गया है. वैदिक साहित्य और हिन्दू धर्म में ‘अश्विन’ यानी दो अश्विनों का उल्लेख देवता के रूप में मिलता है जिन्हें अश्विनी कुमार के नाम से जाना जाता है. ऋग्वेद में 398 बार अश्विनी कुमारों का उल्लेख हुआ है. ये देवों के चिकित्सक और रोगमुक्त करने वाले हैं. महाभारत के अनुसार नकुल और सहदेव उन्हीं के पुत्र थे (इन दोनों को ‘अश्विनेय’ भी कहा जाता हैं). महाराज जी कहते हैं कि नव रात्रि वर्ष में चार बार या यूँ कहें कि, पौष, चैत्र, आषाढ़ व अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है.
महाराज जी कहते हैं कि शारदीय नव रात्रि प्रारम्भ हो गया है. नव रात्रि संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ होता है “नौ रातें”. इन दिनों माँ भवानी की पूजा अर्चना बड़े ही धूम-धाम से की जाती है. यह पर्व दस दिवसीय होता है जिसमें माँ भगवती के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और दसवां दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध होता है. महाराज जी कहते हैं कि, नव रात्रि के नौ रातों में तीन देवियों महालक्ष्मी, महा सरस्वती और माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है.
महाराज जी कहते हैं कि माँ दुर्गा त्रिदेवियों में प्रमुख देवी है और इस जगत में शक्ति का संचार करती है. माँ दुर्गा का स्मरण करने से ही कष्टों का निवारण होने लगता है. माँ दुर्गा के 108 नाम हैं….
1. अग्निज्वाला – मार्मिक आग की तरह
2. अनन्ता – जिनके स्वरूप का कहीं अंत नहीं 3. अनन्ता – विनाश रहित 4. अनेकवर्णा – अनेक रंगों वाली 5. अनेकशस्त्रहस्ता – कई हथियार धारण करने वाली 6. अनेकास्त्रधारिणी – अनेक हथियारों को धारण करने वाली 7. अपर्णा – तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली 8. अप्रौढा – जो कभी पुराना ना हो 9. अभव्या – जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं 10. अमेय – जिसकी कोई सीमा नहीं 11. अहंकारा – अभिमान करने वाली 12. आद्य – शुरुआत की वास्तविकता 13. आर्या – देवी 14. इंद्री – इंद्र की शक्ति 15. एककन्या – कन्या 16. कराली – हिंसक 17. कलामंजीरारंजिनी – पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली 18. कात्यायनी – ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय 19. कालरात्रि – काले रंग वाली 20. कुमारी – सुंदर किशोरी 21. कैशोरी – जवान लड़की 22. कौमारी – किशोरी 23. क्रिया – हर कार्य में होने वाली 24. क्रूरा – दैत्यों के प्रति कठोर 25. घोररूपा – एक भयंकर दृष्टिकोण वाली 26. चण्डघण्टा – प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली 27. चण्डमुण्ड विनाशिनि – चंड और मुंड का नाश करने वाली 28. चामुण्डा – चंड और मुंड का नाश करने वाली 29. चिता – मृत्युशय्या 30. चिति – चेतना 31. चित्तरूपा – वह जो सोच की अवस्था में है 32. चित्रा – सुरम्य, सुंदर 33. चिन्ता – चिन्ता 34. जया – विजयी 35. जलोदरी – ब्रह्मांड में निवास करने वाली 36. ज्ञाना – ज्ञान से भरी हुई 37. तपस्विनी – तपस्या में लगे हुए 38. त्रिनेत्र – तीन आंखों वाली 39. दक्षकन्या – दक्ष की बेटी 40. दक्षयज्ञविनाशिनी – दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली 41. दुर्गा – अपराजेय 42. देवमाता – देव गण की माता 43. नारायणी – भगवान नारायण की विनाशकारी रूप 44. नित्या – अनन्त 45. निशुम्भशुम्भहननी – शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली 46. पट्टाम्बरपरीधाना – रेशमी वस्त्र पहनने वाली 47. परमेश्वरी – प्रथम देवी 48. पाटला – लाल रंग वाली 49. पाटलावती – गुलाब के फूल 50. पिनाकधारिणी – शिव का त्रिशूल धारण करने वाली 51. पुरुषाकृति – वह जो पुरुष धारण कर ले 52. प्रत्यक्षा – वास्तविक 53. प्रौढा: – जो पुराना है 54. बलप्रदा – शक्ति देने वाली 55. बहुलप्रेमा – सर्व प्रिय 56. बहुला – विभिन्न रूपों वाली 57. बुद्धि – सर्वज्ञाता 58. बुद्धिदा – ज्ञान देने वाली 59. ब्रह्मवादिनी – वर्तमान में हर जगह वास करने वाली 60. ब्राह्मी – भगवान ब्रह्मा की शक्ति 61. भद्रकाली – काली का भयंकर रूप 62. भवप्रीता – भगवान शिव पर प्रीति रखने वाली 63. भवमोचनी – संसारिक बंधनों से मुक्त करने वाली 64. भवानी – ब्रह्मांड में निवास करने वाली 65. भव्या: – कल्याणरूपा, भव्यता के साथ 66. भाविनी – सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत 67. भाव्या– भावना एवं ध्यान करने योग्य 68. मन: – मनन-शक्ति 69. मसुकैटभहंत्री – मधु व कैटभ का नाश करने वाली 70. महाबला – अपार शक्ति वाली 71. महिषासुरमर्दिनि – महिषासुर का वध करने वाली 72. महोदरी – ब्रह्मांड को संभालने वाली 73. मातंगमुनिपूजिता – बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय 74. मातंगी – मतंगा की देवी 75. माहेश्वरी – प्रभु शिव की शक्ति 76. मुक्तकेशी – खुले बाल वाली 77. यति – तपस्वी 78. युवती – नारी 79. रत्नप्रिया – गहने से प्यार करने वाली 80. रौद्रमुखी – विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा 81. लक्ष्मी – सौभाग्य की देवी 82. वनदुर्गा – जंगलों की देवी 83. वाराही – वराह पर सवार होने वाली 84. विक्रमा – असीम पराक्रमी 85. विमिलौत्त्कार्शिनी – आनन्द प्रदान करने वाली 86. विष्णुमाया – भगवान विष्णु का जादू 87. वृद्ध माता – शिथिल 88. वैष्णवी – अजेय 89. शाम्भवी – शिवप्रिया, शंभू की पत्नी 90. शिवदूती – भगवान शिव की राजदूत 91. शूलधारिणी – शूल धारण करने वाली 92. सती – अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली 93. सत्ता – सत-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है 94. सत्या – सच्चाई 95. सत्यानन्दस्वरूपिणी – अनन्त आनंद का रूप 96. सदागति – हमेशा गति में, मोक्ष दान 97. सर्वदानवघातिनी – संहार के लिए शक्ति रखने वाली 98. सर्वमन्त्रमयी – सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली 99. सर्ववाहनवाहना – सभी वाहन पर विराजमान होने वाली 100. सर्वविद्या – ज्ञान का निवास 101. सर्वशास्त्रमयी – सभी सिद्धांतों में निपुण 102. सर्वासुरविनाशा – सभी राक्षसों का नाश करने वाली 103. सर्वास्त्रधारिणी – सभी हथियारों धारण करने वाली 104. साध्वी – आशावादी 105. सावित्री – सूर्य की बेटी 106. सुधा – अमृत की देवी 107. सुन्दरी – सुंदर रूप वाली 108. सुर सुन्दरी – अत्यंत सुंदर
वाल व्यास सुमन जी महाराज, महात्मा भवन, श्रीरामजानकी मंदिर, राम कोट, अयोध्या. Mob: – 8709142129.
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