Apni Baat

जन्म: ना ऊँच-नीच

जन्मना जायते शुद्र:

संस्कार द्बिज उच्चते..

जन्म से सभी लोग शुद्र  है, संस्कार से महान होते है, अभी देश में विद्वान बनने का होड़ नही है, अभी लोगों में आरक्षण लेने का होड़ मचा हुआ है, जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी , जितने महापुरुष इस धरती पर आये सभी लोगों ने जाति के लिए नहीं जीये, सभी महापुरुष राष्ट्र के लिए अपने को समर्पित किये, अवतारी सत्ता तीन रुप में आये.. संत, शहीद और समाज सुधारक के रुप में आये और व्यवस्था परिवर्तन कर चले गए, अभी देश में भिखारी बनने का होड़ मचा हुआ है कोई भिक्षु नहीं बनना चाहता है, लेकिन आरक्षण रुपी भीख लेने को सब लोग तैयार है, आजादी के पचहत्तर साल बीत जाने के बाद यदि आरक्षण के माध्यम से गरीबी हट जाता चाहे जीवन स्तर में सुधार आ जाता तो हमें लगता कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आरक्षण जरुरी है, देश में अमीर अमीर बनते चला जा रहा है और गरीब गरीब बनता चला जा रहा है ,अमीरी और गरीबी का खाई रहते हुए देश में समानता की बात बेईमानी है, सरकारी नौकरी से एक प्रतिशत परिवार का भरण पोषण होता है, और हमलोग एक प्रतिशत के फेर में अपने समाज को आरक्षण रुपी झगड़ा में इस तरह से फंसाकर राज करने बाले लोग देश पर राज कर रहे है, देश में उधोगपतियों का कितना कम संख्या होते हुए भी पुरे देश वासी उनके कंपनी में नौकर बनने के लिए होड़ मचा हुआ है, देश को सात हजार जाति उप जाति में बांट कर देश को इस तरह से रोग लगा दिया गया है कि जीवन भर जाती पाती के नफरत में रहकर जीवन भर उलझ कर अपना जीवन बर्बाद कर रहे है और देश आर्थिक गुलामी के जंजीर में जकड़ते चला जा रहा है, देश वासियों को पता भी नहीं चला कि हम कैसे गुलाम हो गये, देश वासी नारा और जयकार में ही अपने को खपा रहे है, देश के सभी पार्टी राजस्व पर कब्जा करने के होड़ में लगा हुआ है और देशवासी कर्ज में डूबते चला जा रहा है, जातिय जनगणना पर बल दिया जा रहा है जनसंख्या नियंत्रण कैसे हो इस पर बिचार नहीं हो रहा है, एक समय फिर ऐसा आयेगा कि जनसंख्या को लोग फिर से बढना शुरू करेंगे और देश की आबादी फिर बढ जायेगा, देश भुखमरी के दौर से कभी नहीं निकल पायेगा…..

संजय कुमार सिंह, संस्थापक,

ब्रह्म बाबा सेवा एवं शोध संस्थान निरोग धाम 

अलावलपुर पटना.

Rate this post
:

Related Articles

Check Also
Close
Back to top button