Apni Baat

भारत की आत्मा…

जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये…

महलों में राखे चाहे झोपड़ी में बास दे… सीता राम ,सीता राम सीता राम कहिये…. राम और कृष्ण यदि दो ऐसे नाम है यदि इस देश से निकाल दिया जाय तो देश की संस्कृति और सभ्यता नष्ट हो जायेगी, हजारों बर्ष की गुलामी और भुखमरी से यदि कोई देश को बचाया है तो यही दो महापुरुषों का चरित्र के सहारे देश बच पाया है नहीं तो देश कब को रसातल में चला जाता है, धन्य है हमारे पूर्वज जिन्होंने जीवन भर आंक्रताओ का दंश झेला पर अपने आराध्य राम और कृष्ण के सहारे भारत को बचा लिया, कितना कुठाराघात हुआ हमारी संस्कृति और सभ्यता पर फिर भी अपने देश को बचाये रखा, पश्चिमी देश भी जब भारतीय संस्कृति को अपनाने लगे, हरे राम हरे कृष्ण गाने लगे तो देश में राम और कृष्ण पर ही लोग सबाल खड़ा करने लगे, मुगल, डच, हुण, पुर्तगाल, अंग्रेज जो भी देश में आये लुटेरा बन कर आये और देश को लूटकर चले गए, देश को आजाद हुए पचहत्तर साल बीतने को है देश को जाति पाती में खंड खंड कर दिया गया, पहले अंखड भारत को खंड खंड में विभक्त किया गया और अब समाज को भी खंड खंड किया जा रहा है, देश के जितने भी स्वतंत्रता सेनानी थे गीता और रामायण के सहारे ही अंग्रेजों की यातनाएं झेल लिये, उन्हीं के बच्चे अभी अगड़ा, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित महादलित, आदिवासी मूल निवासी में लड़ कर नये भारत के निर्माण में लगे हुए है, कौन मना कर रहा है अपने अपने जाति के उत्थान के लिए कार्य करने के लिए जिस जाति में गरीबी ,भुखमरी, अशिक्षा, व्यवसाय आदि पर काम करके अपनी जाति को समृद्ध बनाये, संपन्नता समाज में आने पर ही देश में समानता आयेगी, देश को 200 बर्षो में जितना अंग्रेज नहीं लूट पाया, उससे ज्यादा पचहत्तर साल में देश को नया अंग्रेज लूट लिया, भ्रष्टाचार के आंकठ में डुबा यह देश जातिवाद के आंकठ में डुब रहा है, देश में भ्रष्टाचार, महंगाई, गरीबी, वे रोजगारी, मुद्दा नहीं बन रहा है देश में राम और कृष्ण मुद्दा बन रहा है……

एक कर फल तू आगे पावहू, बन्दर भाल चमेटन लागेहू.

 

संजय कुमार सिंह, संस्थापक,

ब्रह्म बाबा सेवा एवं शोध संस्थान निरोग धाम,

 अलावलपुर पटना.

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