वर्ष 1803 ई० में डाल्टन ने बताया कि प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे कणों से बना होता है, जिन्हें परमाणु (Atom) कहते हैं. डाल्टन ने उस समय बताया कि परमाणु का किसी भी भौतिक अथवा रासायनिक विधि द्वारा विभाजन नहीं किया जा सकता लेकिन, आगे चलकर परमाणु का भी विभाजन हुआ और विभाजक कणों को पदार्थ का मौलिक कण कहा गया. मौलिक कण (Fundamental Particles) :- भौतिकी में मूल कण वे कण हैं, जिनकी संरचना किन्हीं और कणों से नहीं हुई है और जिनका विभाजन नहीं किया जा सकता. बताते चलें कि, वर्ष 1932 ई० से पूर्व तक इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन को ही मूल कण माने जाते थे. वर्ष 1932 ई० में चैडविक द्वारा न्यूट्रॉन नामक आवेशरहित कण की खोज की गयी तब इसकी संख्या तीन हो गई. इसके बाद मूल कणों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई और वर्तमान समय तक मूल कणों की संख्या 30 से ऊपर पहुँच चुकी है. इलेक्ट्रान (Electron) :- की खोज वर्ष 1897ई. में जे०जे० थामसन ने की थी. उन्हें आधुनिक भौतिकी का जनक भी कहा जाता है. इलेक्ट्रॉन एक ऋणावेशित मूल कण है तथा परमाणु के नाभिक के चारों ओर विभिन्न ऊर्जा स्तरों वाले कक्षाओं में चक्कर काटते रहते हैं. इस पर 1.6 × 10-19 कृलम्ब ऋण आवेश होता है. इसका द्रव्यमान 9.1 × 10-31 किग्रा होता है. यह एक स्थायी (stable) मूल कण है. प्रोटॉन (Proton) :- की खोज वर्ष 1896 ई० में गोल्डस्टीन ने की थी. यह एक धनात्मक मूल कण है, जो परमाणु के नाभिक में रहता है. यह एक स्थायी मूल कण है. इस पर 1.6 × 10-19 कूलम्ब धन आवेश होता है. इनका द्रव्यमान 1.67 × 10-27 किग्रा० होता है. न्यूट्रॉन (Neutron) :- की खोज वर्ष 1932 ई० में चैडविक ने की थी. यह एक आवेश रहित मूल कण है, जो परमाणु के नाभिक में रहता है. इसका द्रव्यमान प्रोटान के द्रव्यमान के बराबर होता है. यह एक अस्थायी मूल कण है. न्यूट्रॉन का उपयोग जीव-विज्ञान एवं चिकित्सा विज्ञान में होता है. आवेश रहित होने के कारण इसका उपयोग नाभिकीय विखंडन में किया जाता है. पॉजीट्रॉन (Positron) :- की खोज वर्ष 1932 ई० में एण्डरसन ने की थी. यह एक धन आवेशित मूल कण है, जिसका द्रव्यमान व आवेश इलेक्ट्रॉन के बराबर होता है. इसीलिए इसे इलेक्ट्रॉन का एन्टि-कण(Anti-Particle of Electron) भी कहते हैं. न्यूट्रिनो (Neutrino) :- की खोज वर्ष 1930 ई० में पाउली ने की थी. यह द्रव्यमान व आवेश रहित मूल कण हैं. ये दो प्रकार के होते हैं, न्यूट्रिनो एवं एन्टिन्यूट्रिनो. इनके रोटेशन एक-दूसरे के विपरीत होता हैं. पाई-मेसॉन (π-meson) :- की खोज वर्ष 1935 ई० में एच० युकावा ने की थी. यह दो प्रकार की होती है- धनात्मक पाई मेसॉन एवं ऋणात्मक पाई मेसॉन. यह एक अस्थायी मूल कण होता है. इसका जीवनकाल 10-8 से० होता है. इसका द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का 274 गुना होता है. फोटॉन (Photon) :- यह ऊर्जा का पैकेट होता है, जो प्रकाश की चाल से चलते हैं. सभी विद्युत चुम्बकीय किरणों का निर्माण मूल कण से हुआ है. इनका विराम द्रव्यमान शून्य होता है. प्रो. अमरेंद्र कुमार. ========== ========= =========== Related to Physics-148 Atomic Structure… In the year 1803, Dalton said that every substance is made up of small particles, which are called atoms. At that time, Dalton said that an atom could not be divided by any physical or chemical method, but later the atom was also divided and the divisible particles were called the fundamental particles of matter. Fundamental Particles: – In physics, fundamental particles are those particles, which are not composed of any other particles and which cannot be divided. Let us tell you that, before the year 1932, electrons and protons were considered to be the fundamental particles. In the year 1932, a chargeless particle called neutron was discovered by Chadwick, then its number became three. After this, the number of fundamental particles increased rapidly and till the present time, the number of fundamental particles has reached above 30. Electron: – It was discovered by J.J. Thomson in the year 1897. He is also called the father of modern physics. An electron is a negatively charged fundamental particle and revolves around the nucleus of the atom in orbits with different energy levels. It has a 1.6 × 10-19 Coulomb negative charge. Its mass is 9.1 × 10-31 kg. It is a stable fundamental particle. Proton: – was discovered by Goldstein in the year 1896 AD. It is a positive fundamental particle, which resides in the nucleus of the atom. It is a stable fundamental particle. It has a 1.6 × 10-19 Coulomb positive charge. Its mass is 1.67 × 10-27 kg. Neutron: – was discovered by Chadwick in the year 1932 AD. It is a chargeless fundamental particle, which resides in the nucleus of the atom. Its mass is equal to the mass of a proton. It is a temporary elementary particle. Neutron is used in biology and medical science. Being chargeless, it is used in nuclear fission. Positron: – was discovered by Anderson in the year 1932. It is a positively charged elementary particle, whose mass and charge are equal to that of an electron. That is why it is also called the anti-particle of an electron. Neutrino: – was discovered by Pauli in the year 1930. It is an elementary particle without mass and charge. There are two types of it, neutrino and antineutrino. Their rotation is opposite to each other. Pi-meson: – was discovered by H. Yukawa in the year 1935. It is of two types – positive pi meson and negative pi meson. It is a temporary fundamental particle. Its lifetime is 10-8 sec. Its mass is 274 times the mass of an electron. Photon: – It is a packet of energy, which travels at the speed of light. All electromagnetic rays are formed from fundamental particles. Their rest mass is zero. Prof. Amarendra Kumar.
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