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व्यक्ति विशेष

भाग – 188.

दर्शन शास्त्री रामचंद्र दत्तात्रेय रानाडे

रामचंद्र दत्तात्रेय रानाडे (1886-1957) एक प्रख्यात भारतीय दर्शन शास्त्री और अध्यात्मवादी थे। उनका योगदान भारतीय दर्शन और अध्यात्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। रानाडे ने वेदांत, उपनिषद, और भारतीय दर्शन के अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथों पर गहन अध्ययन किया और उनकी शिक्षाओं को व्यापक रूप से प्रचारित किया।

रामचंद्र दत्तात्रेय रानाडे का जन्म 3 जुलाई 1886 को  बगलकोट ज़िला (कर्नाटक) में हुआ था और उनका निधन 6 जून, 1957 ई. को हुआ. उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा शिक्षा और अध्यापन में बिताया. वह पुणे विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे और उन्होंने कई छात्रों को भारतीय दर्शन की शिक्षा दी.

रानाडे ने भारतीय दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत अध्ययन और शोध किया. उन्होंने वेदांत और उपनिषदों के गहन अध्ययन के माध्यम से भारतीय दर्शन की मौलिकता को उजागर किया.

प्रमुख पुस्तकें:रानाडे की प्रमुख पुस्तकों में “अ पाथवे टू गॉड इन हिंदी लिटरेचर”, “मिस्टिक्स ऑफ महाराष्ट्र”, और “क्रीड ऑफ द वॉटशिपर्स” शामिल हैं. इन पुस्तकों ने भारतीय दर्शन और अध्यात्म की गहरी समझ को व्यापक रूप से प्रस्तुत किया.

रानाडे का जीवन अध्यात्म और साधना के प्रति समर्पित था. उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों और साधना के माध्यम से भारतीय दर्शन को जीवंत बनाया.

रामचंद्र दत्तात्रेय रानाडे की शिक्षाएँ और रचनाएँ आज भी भारतीय दर्शन और अध्यात्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. उनके विचार और सिद्धांत आज भी अध्ययन और अनुसंधान के महत्वपूर्ण स्रोत हैं.

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अभिनेता तिग्मांशु धूलिया

तिग्मांशु धूलिया एक भारतीय अभिनेता, निर्देशक, पटकथा लेखक, और निर्माता हैं. उनका जन्म 3 जुलाई 1967 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज), उत्तर प्रदेश में हुआ था. धूलिया भारतीय फिल्म उद्योग में अपनी विविध भूमिकाओं और प्रतिभाओं के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत एक सहायक निर्देशक के रूप में की और बाद में निर्देशन, लेखन, और अभिनय में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.

तिग्मांशु धूलिया ने कई प्रशंसित फिल्मों का निर्देशन किया है. उनकी प्रमुख निर्देशित फिल्मों में “हासिल” (2003), “पान सिंह तोमर” (2012), “साहेब, बीवी और गैंगस्टर” (2011), और “बुलेट राजा” (2013) शामिल हैं. “पान सिंह तोमर” फिल्म ने राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता है.

धूलिया ने कई फिल्मों में अभिनय भी किया है और अपने अभिनय कौशल से दर्शकों को प्रभावित किया है. उनकी उल्लेखनीय अभिनय भूमिकाओं में “गैंग्स ऑफ वासेपुर” (2012) में रामाधीर सिंह का किरदार और “शाहिद” (2012) में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

धूलिया ने कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी है, जिसमें उनकी लेखनी की गहराई और संजीदगी स्पष्ट रूप से झलकती है. धूलिया ने टेलीविजन और वेब सीरीज में भी काम किया है. उनकी निर्देशित वेब सीरीज “क्रिमिनल जस्टिस” (2019) ने भी काफी प्रशंसा प्राप्त की.

तिग्मांशु धूलिया का कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक है और उन्होंने भारतीय सिनेमा को कई यादगार और महत्वपूर्ण फिल्में दी हैं. उनके निर्देशन, लेखन, और अभिनय में उनकी गहरी समझ और प्रतिभा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है.

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क्रिकेट खिलाड़ी हरभजन सिंह

हरभजन सिंह एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जिन्हें उनके बेहतरीन ऑफ-स्पिन गेंदबाजी के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 3 जुलाई 1980 को जालंधर, पंजाब में हुआ था. हरभजन सिंह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल ऑफ-स्पिन गेंदबाजों में से एक माने जाते हैं.

हरभजन सिंह ने 1998 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और जल्द ही अपनी स्पिन गेंदबाजी से प्रसिद्ध हो गए. उन्होंने 103 टेस्ट मैचों में 417 विकेट और 236 वनडे मैचों में 269 विकेट लिए हैं. उन्होंने 28 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है.

वर्ष  2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता में खेले गए टेस्ट मैच में हरभजन ने हैट्रिक लेकर इतिहास रच दिया. इस प्रदर्शन ने उन्हें और भी प्रसिद्ध बना दिया. उनके बेहतरीन प्रदर्शन के कारण भारत ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीती.

हरभजन सिंह ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मुंबई इंडियंस के साथ खेलते हुए कई वर्षों तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ भी आईपीएल में हिस्सा लिया.

हरभजन को 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वर्ष  2009 में उन्हें पद्म श्री, भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान से नवाजा गया. हरभजन सिंह ने दिसंबर 2021 में सभी प्रकार के क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. उनका  विवाह गीता बसरा से हुआ है, जो एक बॉलीवुड अभिनेत्री हैं. उनकी एक बेटी भी है.

हरभजन सिंह क्रिकेट के अलावा टेलीविजन पर भी सक्रिय रहते हैं और विभिन्न शो में नजर आते हैं. हरभजन सिंह का योगदान भारतीय क्रिकेट में अमूल्य है और उनकी उपलब्धियों ने उन्हें एक महान क्रिकेटर के रूप में स्थापित किया है.

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टेलीविजन अभिनेत्री कृतिका सेंगर

कृतिका सेंगर एक भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री हैं. उनका पूरा नाम कृतिका सेंगर वेदांत है और उनका जन्म 3 जुलाई 1986 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था. कृतिका सेंगर ने अपने अभिनय कौशल और सशक्त भूमिकाओं से भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है.

कृतिका सेंगर ने अपने कैरियर की शुरुआत “कसौटी जिंदगी की”  में छोटी सी भूमिका से की थी. कृतिका ने  रानी लक्ष्मीबाई की मुख्य भूमिका निभाकर उन्होंने काफी प्रसिद्धि प्राप्त की. उनके अभिनय को दर्शकों और समीक्षकों द्वारा काफी सराहा गया. वहीं , “पुर्नविवाह” में उन्होंने आरती की भूमिका निभाई, जो एक पुनर्विवाहिता की कहानी थी. इस भूमिका के लिए भी उन्हें काफी प्रशंसा मिली. कृतिका ने “कसम तेरे प्यार की” के शो में तनु की भूमिका निभाई, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया.

कृतिका ने “देवों के देव…महादेव”, “कबूल है”, और “कसम तेरे प्यार की” जैसे लोकप्रिय शो में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं. उन्होंने विभिन्न रियलिटी शोज़ में भी भाग लिया है, जिससे उनकी लोकप्रियता और भी बढ़ी है.

कृतिका सेंगर को उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए कई टेलीविजन पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिनमें इंडियन टेली अवार्ड्स और ज़ी गोल्ड अवार्ड्स शामिल हैं. उनका विवाह अभिनेता निकितिन धीर से हुआ है, जो बॉलीवुड फिल्मों और टेलीविजन शोज़ में नजर आते हैं.

कृतिका सेंगर ने अपने मेहनत और प्रतिभा से टेलीविजन इंडस्ट्री में एक मजबूत पहचान बनाई है. उनकी अभिनय की विविधता और सशक्त भूमिकाओं ने उन्हें दर्शकों के दिलों में एक खास जगह दी है.

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अभिनेत्री भारती सिंह

भारती सिंह एक भारतीय हास्य अभिनेत्री और टीवी होस्ट हैं. उनका जन्म 3 जुलाई 1984 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था. भारती सिंह को उनके बेहतरीन कॉमेडी अभिनय के लिए जाना जाता है, और उन्होंने भारतीय टेलीविजन पर अपनी हास्य कला से एक खास पहचान बनाई है.

कॉमेडी शो और अभिनय: –

“द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज”: – भारती ने इस शो में भाग लेकर प्रसिद्धि पाई. उनकी कॉमिक टाइमिंग और प्रदर्शन ने दर्शकों का दिल जीत लिया.

“कॉमेडी सर्कस”: – उन्होंने इस शो में कई सीजन तक भाग लिया और अपनी प्रतिभा से दर्शकों को हंसाया.

“कॉमेडी नाइट्स बचाओ”: – इस शो में भारती ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने हास्य अभिनय से लोगों का मनोरंजन किया.

भारती ने कई रियलिटी शो जैसे “इंडिया गॉट टैलेंट”, “नच बलिए”, “झलक दिखला जा” और “फियर फैक्टर: खतरों के खिलाड़ी” में होस्टिंग की है. उनकी होस्टिंग स्टाइल और कॉमेडी ने इन शोज़ को और भी मनोरंजक बना दिया.

उन्होंने अपने पति हर्ष लिम्बाचिया के साथ डांस रियलिटी शो “नच बलिए” और “खतरों के खिलाड़ी” में भाग लिया. भारती सिंह ने कुछ बॉलीवुड फिल्मों में भी छोटे-मोटे रोल निभाए हैं, जिनमें उनकी कॉमेडी का तड़का शामिल होता है. भारती का विवाह हर्ष लिम्बाचिया से हुआ है, जो एक लेखक और होस्ट हैं. उनकी जोड़ी को टेलीविजन पर काफी पसंद किया जाता है.

भारती को उनके बेहतरीन कॉमेडी और होस्टिंग के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिसमें इंडियन टेलीविजन अकादमी पुरस्कार और गोल्डन पेटल अवार्ड्स शामिल हैं भारती सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत, प्रतिभा, और अद्वितीय हास्य शैली से भारतीय मनोरंजन उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है. उनकी यात्रा संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानी है.

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अभिनेता राज कुमार

राज कुमार भारतीय सिनेमा के एक महान अभिनेता थे. उनका वास्तविक नाम कुलभूषण पंडित था. उनका जन्म 8 अक्टूबर 1926 को बलूचिस्तान (अब पाकिस्तान में) हुआ था, और उनका निधन 3 जुलाई 1996 को हुआ. राज कुमार अपने अनोखे संवाद अदायगी और शानदार अभिनय के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने अपने कैरियर में कई यादगार और प्रतिष्ठित फिल्में दीं.

राज कुमार ने अपने कैरियर की शुरुआत 1952 में फिल्म “रंगीली” से की थी. उनकी प्रारंभिक फिल्में कुछ खास सफल नहीं रहीं, लेकिन उन्होंने अपने अभिनय कौशल से धीरे-धीरे अपनी पहचान बनाई.

प्रमुख फिल्में: –

“मदर इंडिया” (1957): – इस फिल्म में उन्होंने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह फिल्म एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई.

“पाकीजा” (1972): – इस फिल्म में उनकी भूमिका को आज भी याद किया जाता है. इस  फिल्म में उनकी संवाद अदायगी और भावनात्मक प्रदर्शन को खूब सराहा गया.

“वक्त” (1965): – इस फिल्म में उनके अभिनय को बहुत सराहा गया और यह फिल्म भी बहुत सफल रही.

“सौदागर” (1991): – दिलीप कुमार के साथ उनकी यह फिल्म भी एक महत्वपूर्ण फिल्म मानी जाती है.

राज कुमार अपने अनोखे संवाद अदायगी के लिए जाने जाते थे. उनकी आवाज और बोलने का तरीका बेहद प्रभावशाली था. वे गंभीर और प्रभावशाली भूमिकाओं के लिए जाने जाते थे और उनके अभिनय में एक खास तरह का अंदाज था. राज कुमार को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए कई पुरस्कार मिले. उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए कई बार नामांकित किया गया.

राज कुमार का व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही दिलचस्प था. उनका विवाह जेनिफर से हुआ था, जो बाद में गायत्री नाम से जानी गईं. उनके तीन बच्चे हैं: – पुरु राज कुमार, पाणिनी राज कुमार, और वास्तविकता राज कुमार.

राज कुमार भारतीय सिनेमा के एक प्रतिष्ठित अभिनेता थे और उनकी फिल्में आज भी दर्शकों द्वारा पसंद की जाती हैं. उनकी अद्वितीय अभिनय शैली और संवाद अदायगी उन्हें बॉलीवुड के महानतम अभिनेताओं में से एक बनाती है. उनके योगदान को भारतीय सिनेमा में हमेशा याद किया जाएगा.

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बसंत कुमार बिड़ला

बसंत कुमार बिड़ला (Basant Kumar Birla) एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति थे और बिड़ला परिवार के प्रतिष्ठित सदस्य थे. उनका जन्म 12 जनवरी 1921 को हुआ था और उनका निधन 3 जुलाई 2019 को हुआ. वे बिड़ला समूह के कई प्रमुख व्यवसायों के नेतृत्व कर्ता थे और भारतीय उद्योग में उनके योगदान को उच्च सम्मान के साथ देखा जाता है.

बसंत कुमार बिड़ला ने अपने कैरियर की शुरुआत अपने परिवार के व्यवसाय से की और धीरे-धीरे विभिन्न क्षेत्रों में बिड़ला समूह के व्यवसायों का विस्तार किया. उन्होंने बिड़ला समूह के कई प्रमुख कंपनियों की स्थापना की और उन्हें सफलतापूर्वक संचालित किया, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम शामिल हैं: –

केशोराम इंडस्ट्रीज: सीमेंट, टायर और अन्य उद्योगों में सक्रिय.

ग्रासिम इंडस्ट्रीज: सीमेंट और वस्त्र निर्माण में प्रमुख.

सेंचुरी टेक्सटाइल्स एंड इंडस्ट्रीज: वस्त्र और सीमेंट उद्योग में प्रतिष्ठित कंपनी.

बसंत कुमार बिड़ला ने शिक्षा और सामाजिक सेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कई शैक्षिक संस्थानों की स्थापना की, जिनमें बी के बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पिलानी और बी के बिड़ला सेंटर फॉर एजुकेशन शामिल हैं. बी के बिड़ला स्कूल, कल्याण और अन्य शैक्षिक संस्थानों के भी संस्थापक थे, जो शिक्षा के क्षेत्र में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.

बसंत कुमार बिड़ला का विवाह सरला बिड़ला से हुआ था, जो स्वयं भी एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता थीं. उनके तीन बच्चे हैं: – आदित्य विक्रम बिड़ला, अशोक बिड़ला, और मंजुश्री खैतान. आदित्य विक्रम बिड़ला, उनके पुत्र, एक प्रमुख उद्योगपति थे और बिड़ला समूह के नेतृत्व कर्ता बने.

बसंत कुमार बिड़ला को उनके उद्योग और समाज सेवा में योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए. उन्हें विभिन्न संगठनों द्वारा उनकी उत्कृष्टता और योगदान के लिए सम्मानित किया गया.

बसंत कुमार बिड़ला का योगदान भारतीय उद्योग और समाज सेवा में अमूल्य है. उनकी नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बनाया. बिड़ला समूह के व्यवसायों और उनके द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्थानों के माध्यम से उनका प्रभाव आज भी भारतीय समाज पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है.

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कोरियोग्राफर सरोज खान

सरोज खान भारतीय फिल्म उद्योग की एक प्रमुख कोरियोग्राफर थीं. उनका वास्तविक नाम निर्मला नागपाल था. उन्हें भारतीय सिनेमा में कई प्रतिष्ठित नृत्य संख्याओं को कोरियोग्राफ करने के लिए जाना जाता है. उन्होंने अपनी कोरियोग्राफी से हिंदी फिल्मों में नृत्य की एक नई परिभाषा दी.

सरोज खान का जन्म 22 नवंबर 1948 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था. उन्होंने मात्र तीन वर्ष की आयु में बाल कलाकार के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की. उन्होंने 13 वर्ष की आयु में कोरियोग्राफी असिस्टेंट के रूप में काम करना शुरू किया. सरोज खान ने अपने कैरियर में 2000 से अधिक गानों को कोरियोग्राफ किया.

लोकप्रिय गाने: –  “एक दो तीन” (तेजाब), “धक धक करने लगा” (बेटा), “डोला रे डोला” (देवदास), “ये इश्क हाय” (जब वी मेट), “हमको आज कल है इंतजार” (सैलाब).

सरोज खान ने तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, फिल्मफेयर अवार्ड सहित अमेरिकी कोरियोग्राफी अवार्ड से सम्मानित की गई. सरोज खान ने न केवल नृत्य कोरियोग्राफी में उच्च मानक स्थापित किए, बल्कि उन्होंने कई युवा नर्तकियों और कलाकारों को प्रशिक्षित भी किया. उनकी शिक्षाओं ने कई प्रसिद्ध नृत्य कलाकारों और अभिनेत्रियों के कैरियर को नया आकार दिया.

सरोज खान का विवाह बी सोहनलाल से हुआ था, जो एक प्रमुख कोरियोग्राफर थे. उनके तीन बच्चे हैं: हामिद खान (राजू), हिना खान और सुकैना खान. वह एक दृढ़ नृत्य शिक्षिका और एक आदर्श मां थीं.

सरोज खान का योगदान भारतीय सिनेमा के नृत्य और कोरियोग्राफी में अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने अपनी कला और कौशल से कई पीढ़ियों को प्रेरित किया और हिंदी फिल्मों में नृत्य के क्षेत्र में एक उच्च मानक स्थापित किया. उनकी कोरियोग्राफी भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक स्थायी छाप छोड़ गई है, और उनके योगदान को हमेशा सम्मान और श्रद्धा के साथ याद किया जाएगा.

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