मौसम की महत्ता…
धूप, फूल और हरी घास के लिए थोड़ा समय निकाल लेने का मौसम है
यह खुलते ठंड का मौसम है, रात भर ठंडाई हुई ओस के सुबह-सुबह,
सूरज की गर्म रोशनी पीकर दमक जाने का मौसम है,
यह खिले आसमान और खिलते धूप का मौसम है,
सूरज के इंतजार का यह खुशनुमा मौसम है,
यह फूलों के खिलने का बेचैन मौसम है,
यह खिले फूलों के साथ-साथ खुद को भी खिला महसूसने का खिलता मौसम है
यह धूप की गुनगुनी कोमलता और भरपूर खिले कमल की प्रफुल्लता में खो जाने का मौसम है,
यह फूलों के जीत जाने और कांटों के, आखिरकार हार जाने का मौसम है
यह परिंदों के चोंच मिलाने का मौसम है,यह उनका जोड़ी से फुग्गे-सा शरीर बना
सटे-सटे निर्द्वंद्व धूप के मजे लेने का मौसम है,यह दोस्ती और दोस्ताना गर्माहट का मौसम है.
यह ठंडी हवा में गर्म प्यार के घुले होने का मौसम है,यह इंसानी गर्माहट को सहेज रखने का मौसम है,
यह काम के बीच में धूप, फूल और हरी घास के लिए थोड़ा समय निकाल लेने का मौसम है.
यह फूलों की हल्की सी भी आहट को महसूस पाने का मौसम है,
यह अलसाते सपनों के नशीले बुलबुलों में समा जाने का मौसम है,
यह किसान के सपनों का क़रीने से खलिहान में रच जाने का मौसम है,
यह पैरावट की आसमान छूती ढेरियों पर बच्चों की कलाबाजियां खिल जाने का मौसम है,
यह ठंड-पछाड़ भूरियां तापते दिन-रात धान-मिंजाई में जुटे रहने का मौसम है,
यह ठिठुरते-बेआसरा-बेमंदिर-बेदेखभाल नर-नारायणों को कंबल चढ़ा कर खुद को गर्म करने का
मौसम है,
यह इंसान में सोये हुए इंसान के फिर खिल आने का मौसम है
यह गाड़ियों के ओस-जमे-शीशों पर चुपचाप मनचले-प्यार की बात लिखने का मौसम है,
यह रात के खुले आसमान में चांद और सितारों के बेपनाह मोहब्बत का मौसम है,
यह खुलते ठंड का खिलता मौसम है…
प्रभाकर कुमार.