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गोवा क्रान्ति दिवस

गोवा क्रांति दिवस, जिसे 18 जून के दिन मनाया जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है. इस दिन को गोवा की जनता द्वारा पुर्तगाली शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.

गोवा, 16वीं शताब्दी से पुर्तगालियों के शासन के अधीन था. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, जब भारत के अधिकांश हिस्सों ने अंग्रेजों से आजादी प्राप्त कर ली थी, गोवा अभी भी पुर्तगाली शासन के अधीन था.

18 जून 1946 को डॉ. राम मनोहर लोहिया, जो एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता थे, ने गोवा के मडगाँव में पुर्तगाली शासन के खिलाफ एक बड़े जनसभा का आयोजन किया. इस सभा में हजारों गोवा वासियों ने भाग लिया और यह पहली बार था जब गोवा की जनता ने खुले-आम पुर्तगाली शासन के खिलाफ विद्रोह किया. इस विद्रोह ने गोवा की स्वतंत्रता की लड़ाई को एक नई दिशा दी और गोवा की जनता में स्वतंत्रता की भावना को मजबूत किया.

गोवा की स्वतंत्रता की लड़ाई में कई आंदोलन और संघर्ष शामिल थे. गोवा की जनता ने पुर्तगाली शासन के खिलाफ कई बार प्रदर्शन किए और कई बार इस संघर्ष में उन्हें जेल भी जाना पड़ा. गोवा के स्वतंत्रता संग्राम में कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया और उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना इस संघर्ष को आगे बढ़ाया.

गोवा को 19 दिसंबर 1961 को भारतीय सेना के ऑपरेशन विजय के तहत पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया गया. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त किया और गोवा को भारत में शामिल किया.

गोवा क्रांति दिवस गोवा के लोगों के साहस, संघर्ष और बलिदान की याद दिलाता है. यह दिन हमें स्वतंत्रता संग्राम के उन नायकों की याद दिलाता है जिन्होंने गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि स्वतंत्रता एक अमूल्य धरोहर है और इसके लिए हमें सदैव सजग रहना चाहिए.

गोवा क्रांति दिवस हर साल 18 जून को गोवा में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, रैलियाँ, और समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें गोवा के लोग अपने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

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Goa Revolution Day

Goa Revolution Day, which is celebrated on 18 June, is an important chapter in the Indian freedom struggle. This day is celebrated as a symbol of the beginning of the freedom struggle by the people of Goa against Portuguese rule.

Goa has been under the rule of the Portuguese since the 16th century. During the Indian freedom struggle, when most parts of India had gained independence from the British, Goa was still under Portuguese rule.

On 18 June 1946, Dr. Ram Manohar Lohia, a prominent Indian freedom fighter and socialist leader, organized a large public meeting against Portuguese rule in Madgaon, Goa. Thousands of Goans participated in this meeting and this was the first time that the people of Goa openly revolted against Portuguese rule. This rebellion gave a new direction to the fight for Goa’s freedom and strengthened the spirit of freedom among the people of Goa.

The fight for Goa’s freedom included many movements and struggles. The people of Goa demonstrated many times against the Portuguese rule and many times they had to go to jail in this struggle. Many prominent leaders participated in the freedom struggle of Goa and they carried forward this struggle without caring for their lives.

Goa was liberated from Portuguese rule on 19 December 1961 under Operation Vijay of the Indian Army. In this operation, the Indian Army successfully liberated Goa from Portuguese rule and included Goa in India.

Goa Revolution Day reminds us of the courage, struggle and sacrifice of the people of Goa. This day reminds us of the heroes of the freedom struggle who sacrificed their lives to liberate Goa from Portuguese rule. This day also reminds us that freedom is a priceless heritage and we should always be vigilant for it.

Goa Revolution Day is celebrated with great pomp in Goa every year on 18 June. Various cultural programs, rallies, and celebrations are organized on this day, in which the people of Goa pay tribute to the heroes of their freedom struggle.

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