गायत्री जयंती
गायत्री जयंती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे माता गायत्री के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. गायत्री माता को वेदों की माता और ज्ञान की देवी माना जाता है. इस दिन का विशेष महत्व होता है और इसे हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है.
गायत्री माता को त्रिदेवियों (सरस्वती, लक्ष्मी, और पार्वती) के त्रिगुणात्मक स्वरूप के रूप में पूजा जाता है. इन्हें वेदों की देवी भी कहा जाता है, क्योंकि गायत्री मंत्र वेदों का सार है. गायत्री मंत्र को सबसे पवित्र और शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है. यह मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है और इसके जाप से मानसिक और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है.
गायत्री मंत्र: –
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम्। भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
गायत्री जयंती के दिन लोग गायत्री माता की पूजा-अर्चना करते हैं. विशेष रूप से गायत्री मंत्र का जाप करते हैं. इस दिन लोग उपवास रखते हैं और भक्ति और ध्यान में लीन रहते हैं. इस दिन मंदिरों में और घरों में भजन, कीर्तन और धार्मिक प्रवचन आयोजित किए जाते हैं. लोग एकत्र होकर सामूहिक रूप से गायत्री मंत्र का जाप करते हैं.
गायत्री जयंती के अवसर पर दान और सेवा के कार्य भी किए जाते हैं. जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान की जाती हैं. कई स्थानों पर विशेष यज्ञ और हवन भी आयोजित किए जाते हैं. गायत्री जयंती को आत्म शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर माना जाता है. इस दिन लोग अपने मन और आत्मा को पवित्र करने के लिए विशेष साधना और ध्यान करते हैं.
गायत्री जयंती का पर्व आध्यात्मिक उन्नति और शुद्धि का पर्व है. इस दिन का महत्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अपने जीवन में आध्यात्मिक मार्ग पर चलना चाहते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त करना चाहते हैं. गायत्री माता की कृपा से जीवन में ज्ञान, शांति और समृद्धि का संचार होता है.
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Gayatri Jayanti
Gayatri Jayanti is an important festival in Hinduism, which is celebrated as the birthday of Mother Gayatri. Gayatri Mata is considered to be the mother of Vedas and the goddess of knowledge. This day has special significance and it is celebrated on Ekadashi of Shukla Paksha of Jyeshtha month according to the Hindu calendar.
Gayatri Mata is worshipped as the triguna form of Tridevis (Saraswati, Lakshmi, and Parvati). She is also called the goddess of Vedas, because Gayatri Mantra is the essence of the Vedas. Gayatri Mantra is considered to be one of the most sacred and powerful mantras. This mantra is taken from the Rigveda and its chanting brings mental and spiritual purity.
Gayatri Mantra: –
Om Bhurbhuvah Svahaa Tatsaviturvarenyam। Bhargo Devasya Dhimahi Dhiyo Yonah Prachodayat।।
On the day of Gayatri Jayanti, people worship Gayatri Mata. Especially chant the Gayatri Mantra. On this day people keep fast and remain absorbed in devotion and meditation. On this day bhajans, kirtans and religious discourses are organized in temples and homes. People gather and chant the Gayatri Mantra collectively.
Charity and service works are also done on the occasion of Gayatri Jayanti. Food, clothing and other essential items are donated to the needy. Special yagna and havan are also organized at many places.
Gayatri Jayanti is considered an occasion for self-purification and spiritual advancement. On this day people do special sadhana and meditation to purify their mind and soul.
The festival of Gayatri Jayanti is a festival of spiritual advancement and purification. This day is especially important for those who want to follow the spiritual path in their life and want to attain spiritual peace. With the grace of Gayatri Mata, knowledge, peace and prosperity are infused in life.