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व्यक्ति विशेष

भाग - 64.

औषध विज्ञानी बिष्णुपद मुखर्जी

बिष्णुपद मुखर्जी एक प्रतिष्ठित भारतीय औषध विज्ञानी और आर्थोपेडिक सर्जन थे, जिनका जन्म 1 मार्च 1903 को पश्चिम बंगाल के बैरकपुर में हुआ था. उन्होंने अपनी शिक्षा स्कॉटिश चर्च कॉलेज, कोलकता और कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से पूरी की. उन्होंने भारतीय औषधीय अनुसंधान और दवाओं के मानकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया था.

मुखर्जी ने रॉकफेलर फाउंडेशन से फेलोशिप प्राप्त कर चीन, अमेरिका और जापान में वनस्पति दवाओं पर शोध किया. वह कई प्रतिष्ठित संस्थानों में निदेशक के पद पर रहे, जिनमें सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी और चित्तरंजन नेशनल कैंसर रिसर्च सेंटर शामिल हैं. मुखर्जी को उनके अनुसंधान और योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया, जिनमें पद्म श्री और ग्रिफिथ मेमोरियल पुरस्कार शामिल हैं​​​​​​.

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साहित्यकार करतार सिंह दुग्गल

करतार सिंह दुग्गल एक भारतीय साहित्यकार थे जिनका जन्म 1 मार्च 1917 को रावलपिंडी, अविभाजित पंजाब में हुआ था. उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से प्राप्त की और अंग्रेज़ी में एम.ए. की डिग्री हासिल की. उनकी लेखनी में पंजाबी, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी भाषाएँ शामिल थीं, और उन्होंने कहानियाँ, कविताएँ, उपन्यास, और नाटक लिखे.

दुग्गल ने अपने कैरियर के दौरान 1942 से 1966 तक आकाशवाणी में विभिन्न पदों पर काम किया. इसके अलावा, वे 1966 से 1973 तक नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक और बाद में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार के रूप में कार्यरत रहे.

उनकी पत्नी का नाम ‘आयशा’ था और उनका एक पुत्र भी है. दुग्गल की कहानियों और कविताओं के कुल  24 संग्रह प्रकाशित हुए हैं, और उनके द्वारा लिखित नाटक और उपन्यास भी साहित्य संसार में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. उन्हें उनके योगदान के लिए 1988 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया और उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ. करतार सिंह दुग्गल का निधन 26 जनवरी 2012 को दिल्ली में हुआ​​ था​​​​.

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उद्योगपति आर. पी. गोयनका

आर. पी. गोयनका, जिनका पूरा नाम राम प्रसाद गोयनका है, एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति थे. वे आरपीजी ग्रुप के संस्थापक थे, जो भारत में एक प्रमुख व्यावसायिक समूह है. आर. पी. गोयनका ने अपने व्यवसायिक ज्ञान और कौशल के साथ विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार का विस्तार किया, जिसमें टायर, आईटी, बिजली, रिटेल और अन्य कई उद्योग शामिल हैं.

उनके नेतृत्व में, आरपीजी ग्रुप ने महत्वपूर्ण विकास किया और भारतीय उद्योग जगत में एक प्रमुख स्थान बनाया. आर. पी. गोयनका को उनके उद्यमी कौशल और व्यावसायिक सफलता के लिए व्यापक पहचान मिली. वे भारतीय उद्योग जगत में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में माने जाते थे.

आर. पी. गोयनका की विरासत उनके परिवार और उत्तराधिकारियों द्वारा आज भी जारी है, जो उनके व्यावसायिक साम्राज्य को आगे बढ़ा रहे हैं. उनका योगदान भारतीय उद्योग जगत में हमेशा याद किया जाएगा.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

नीतीश कुमार एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो बिहार राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर कई बार आसीन रहे हैं. वह जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी के सदस्य हैं और उन्होंने बिहार में विकास की नई दिशाओं को स्थापित किया है. उनका जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में हुआ था.

नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में कई सामाजिक और आर्थिक सुधार किए गए हैं. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और सड़क निर्माण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है. वे खासकर महिलाओं और वंचित समूहों के अधिकारों के लिए कई नीतियां लागू करने के लिए जाने जाते हैं.

नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत जय प्रकाश नारायण के आंदोलन से की थी और बाद में वे लोक सभा और राज्य सभा के सदस्य भी रहे हैं. उनका राजनीतिक सफर बिहार की राजनीति में उनके विभिन्न रोल और नीतियों के कारण खासा चर्चित रहा है. उन्होंने बिहार को एक नई दिशा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं.

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अभिनेत्री अर्चना जोगलकर

अर्चना जोगलेकर एक भारतीय अभिनेत्री हैं, जिन्होंने मुख्यतः मराठी और हिंदी फिल्मों में काम किया है. वह 1980 – 90 के दशक में काफी सक्रिय थीं और उन्होंने अपने अभिनय कौशल के लिए कई प्रशंसा प्राप्त की. अर्चना ने कुछ लोकप्रिय मराठी फिल्मों में भी काम किया है और उन्हें उनके चित्रित किए गए पात्रों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है.

अर्चना जोगलेकर ने विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभाई हैं, जिसमें नायिका से लेकर सहायक भूमिकाएं तक शामिल हैं. उनके काम ने उन्हें मराठी मनोरंजन जगत में एक पहचान दिलाई है. हालांकि वह अब फिल्म उद्योग में उतनी सक्रिय नहीं हैं, लेकिन उनके योगदान को अभी भी सराहा जाता है.

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भूतपूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य

बुद्धदेव भट्टाचार्य एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. वे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई(एम)) के एक अनुभवी सदस्य रहे हैं. बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च 1944 को हुआ था और उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में 2000 से 2011 तक कार्य किया।

उनके कार्यकाल के दौरान, बुद्धदेव भट्टाचार्य ने औद्योगिकीकरण और आधुनिकीकरण पर बल दिया। उन्होंने विदेशी निवेश को आकर्षित करने और राज्य के औद्योगिक ढांचे को सुधारने की कोशिश की. हालांकि, उनके कार्यकाल में सिंगुर और नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण विवाद भी शामिल थे, जिसने विवाद और आलोचनाओं को जन्म दिया।

बुद्धदेव भट्टाचार्य की राजनीतिक दृष्टिकोण और उनके नीतिगत निर्णयों को विविध मतों से देखा जाता है, जिसमें उनके समर्थक और आलोचक दोनों शामिल हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

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राजनितज्ञ एम.के. स्टालिन

एम.के. स्टालिन, जिनका पूरा नाम मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन है, एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और तमिलनाडु के एक अनुभवी नेता हैं. वे द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके) पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष हैं और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दे रहे हैं. एम.के. स्टालिन महान तमिल राजनीतिज्ञ और पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के पुत्र हैं.

उनका जन्म 1 मार्च 1953 को हुआ था. स्टालिन ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत युवा वर्षों में ही की थी और डीएमके के युवा शाखा के नेता के रूप में उभरे. उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया है, जिनमें चेन्नई के महापौर से लेकर तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री तक शामिल हैं.

एम.के. स्टालिन की नेतृत्व क्षमता, उनकी नीतियों और उनके द्वारा किए गए सामाजिक और आर्थिक सुधारों को सराहा जाता है. वे सामाजिक न्याय, समानता और द्रविड़ आदर्शों के प्रबल समर्थक हैं. उनके नेतृत्व में, डीएमके ने तमिलनाडु में विभिन्न सामाजिक और आर्थिक परियोजनाओं को लागू किया है.

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खिलाड़ी कुंजारानी देवी

कुंजारानी देवी एक प्रसिद्ध भारतीय भारोत्तोलक खिलाड़ी हैं. उनका पूरा नाम नामरम कुंजारानी देवी है, और वह मणिपुर की रहने वाली हैं. कुंजारानी देवी ने भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीते हैं और उन्हें भारतीय भारोत्तोलन में एक पथ-प्रदर्शक माना जाता है.

उन्होंने एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप में कई पदक जीते हैं. कुंजारानी देवी ने 1980 और 1990 के दशकों में भारतीय भारोत्तोलन में महिलाओं के लिए एक नई ऊंचाई स्थापित की. उनकी उपलब्धियों ने भारत में अन्य महिला खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया है.

कुंजारानी देवी को उनके खेल के प्रति समर्पण और उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री शामिल हैं. वे भारतीय भारोत्तोलन में एक आइकॉन हैं और उनका योगदान अमूल्य है.

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क्रिकेटर सलिल अंकोला

सलिल अंकोला एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर और एक अभिनेता हैं. उन्होंने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेला और अपने क्रिकेट कैरियर के दौरान एक तेज गेंदबाज के रूप में पहचाने गए. अंकोला ने भारत के लिए टेस्ट और वनडे दोनों प्रारूपों में क्रिकेट खेली, हालांकि उनका अंतरराष्ट्रीय कैरियर बहुत छोटा था.

क्रिकेट के अलावा, सलिल अंकोला ने भारतीय टेलीविजन और फिल्म उद्योग में भी अपनी पहचान बनाई. उन्होंने विभिन्न टीवी शोज और फिल्मों में काम किया. अंकोला ने अपनी अभिनय प्रतिभा के लिए प्रशंसा प्राप्त की और उन्होंने अपने अभिनय कैरियर के दौरान कई भूमिकाएं निभाईं.

उनके क्रिकेट और अभिनय कैरियर के अलावा, सलिल अंकोला का जीवन कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, जिसमें व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों चुनौतियां शामिल हैं.

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महिला मुक्केबाज़ मैरी कॉम

मैरी कॉम, जिनका पूरा नाम मंगते चुंगनेइजंग मैरी कॉम है, भारत की एक प्रसिद्ध महिला मुक्केबाज़ हैं. वे मणिपुर की रहने वाली हैं और उन्होंने महिला मुक्केबाजी में भारत का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है. मैरी कॉम को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए “मैग्निफिसेंट मैरी” के उपनाम से भी जाना जाता है.

मैरी कॉम ने अपने मुक्केबाजी कैरियर में अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं. उन्होंने विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कई बार स्वर्ण पदक जीता है और ओलंपिक में भी पदक जीता है.2012 लंदन ओलंपिक्स में, मैरी कॉम ने महिला मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था.

मैरी कॉम को उनके खेल के प्रति समर्पण और उपलब्धियों के लिए भारत सरकार द्वारा कई सम्मान से नवाजा गया है, जिनमें पद्म भूषण, पद्म श्री, और अर्जुन पुरस्कार शामिल हैं. उनकी जीवनी और मुक्केबाजी कैरियर पर आधारित एक बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है, जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने मैरी कॉम की भूमिका निभाई थी. मैरी कॉम ने न केवल महिला मुक्केबाजी में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, बल्कि वह युवा एथलीटों के लिए एक प्रेरणा और आदर्श भी बन चुकी हैं.

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अभिनेत्री क्रिस्टल डी सूजा

क्रिस्टल डिसूजा एक भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री हैं जिन्होंने भारतीय टीवी इंडस्ट्री में कई प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं. उन्हें विशेष रूप से उनके टीवी शो ‘एक हज़ारों में मेरी बहना है’ में जीविका वधेरा की भूमिका और ‘ब्रह्मराक्षस’ में रैना की भूमिका के लिए जाना जाता है. इन शोज में उनके अभिनय ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई.

क्रिस्टल ने अपने कैरियर की शुरुआत काफी युवा उम्र में की थी और जल्द ही वे टीवी इंडस्ट्री की एक जानी-मानी हस्ती बन गईं. उनके निभाए गए किरदारों ने उन्हें विभिन्न उम्र के दर्शकों के बीच लोकप्रियता दिलाई है. क्रिस्टल अपनी खूबसूरती और फैशन सेंस के लिए भी प्रसिद्ध हैं.

उन्होंने अपने अभिनय कैरियर के अलावा कई रियलिटी शोज में भी भाग लिया है और विभिन्न ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग भी की है. क्रिस्टल सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती हैं और अपने प्रशंसकों के साथ अक्सर अपने जीवन की झलकियाँ साझा करती रहती हैं.

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कवि सोहन लाल द्विवेदी

सोहन लाल द्विवेदी एक प्रसिद्ध हिंदी कवि थे, जिनका जन्म 22 फरवरी, 1906 को उत्तर प्रदेश के बिंदकी में हुआ था. उनकी कविताएँ देशभक्ति, प्रकृति और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित होती थीं. उनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान मानी जाती हैं.

सोहन लाल द्विवेदी की कविताएँ उनके गहन भावनात्मक अनुभव और सरल भाषा के लिए जानी जाती हैं. उनकी कविता “कदम मिलाकर चलना होगा” बहुत ही प्रसिद्ध है और यह कविता युवाओं को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करती है. उनकी अन्य कविताएँ जैसे “पुष्प की अभिलाषा”, “चलना हमारा काम है” आदि भी काफी लोकप्रिय हैं.

द्विवेदी जी की कविताएँ भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के दौरान लोगों को उत्साहित और प्रेरित करती रहीं. उनका साहित्यिक काम न केवल साहित्यिक महत्व का है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और समाज के विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उनकी कविताएँ आज भी विभिन्न पाठ्यपुस्तकों और साहित्यिक संकलनों में शामिल की जाती हैं और वे अपनी समृद्ध साहित्यिक विरासत के लिए याद किए जाते हैं.

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राजनीतिज्ञ बंगारू लक्ष्मण

बंगारू लक्ष्मण एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जो भारतीय जनता पार्टी  के प्रमुख सदस्य रहे हैं. वे केंद्रीय मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके थे और भारतीय राजनीति में उनकी एक महत्वपूर्ण भूमिका थी. बंगारू लक्ष्मण 2000 – 2001 तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे.

उनका कैरियर विवादों से भी घिरा रहा, जिसमें सबसे प्रमुख विवाद रक्षा सौदों से जुड़ा एक स्टिंग ऑपरेशन था.2001 में, एक तहलका नामक समाचार पोर्टल ने एक स्टिंग ऑपरेशन प्रकाशित किया जिसमें लक्ष्मण को कथित तौर पर रक्षा सौदों के लिए घूस लेते हुए दिखाया गया था. इस घटना ने भारतीय राजनीति में बहुत हंगामा मचाया और इसके परिणामस्वरूप उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया.

इस विवाद के बावजूद, बंगारू लक्ष्मण का राजनीतिक कैरियर विभिन्न पदों पर उनकी सेवा से चिह्नित था. वे राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहे, खासकर तेलंगाना और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में. उनकी मृत्यु के बाद भी, उनकी विरासत और उनके कैरियर के विवाद भारतीय राजनीति में चर्चा का विषय बने रहे.

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निर्देशक मनमोहन देसाई

मनमोहन देसाई भारतीय सिनेमा के एक फिल्म निर्देशक और निर्माता थे, जिन्होंने मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में काम किया. उन्हें 1970 – 80 के दशक में बनी मसाला फिल्मों के लिए जाना जाता है, जिनमें एक्शन, कॉमेडी, रोमांस, ड्रामा और मेलोड्रामा का मिश्रण होता था. उनकी फिल्में उस समय के सबसे लोकप्रिय और सफल फिल्मों में से एक मानी जाती हैं.

मनमोहन देसाई की कुछ सबसे प्रसिद्ध फिल्मों में ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘कुली’, ‘नसीब’, ‘धरम वीर’, और ‘परवरिश’ शामिल हैं. उनकी फिल्में न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं, बल्कि उन्होंने मनोरंजन के नए आयामों को भी छुआ.’अमर अकबर एंथनी’ विशेष रूप से उनकी सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक है, जिसने तीन अलग-अलग धर्मों के तीन भाइयों की कहानी को प्रस्तुत किया.

मनमोहन देसाई का मानना था कि सिनेमा लोगों को भूलने और उनकी दैनिक जिंदगी की चिंताओं से बचने का एक माध्यम होना चाहिए. उनका उद्देश्य दर्शकों को खुशी और आनंद प्रदान करना था, और इस दृष्टिकोण ने उन्हें ‘मनोरंजन के बादशाह’ के रूप में पहचान दिलाई. उनका निधन 1 मार्च 1994 को हुआ था, लेकिन उनकी फिल्में और उनकी सिनेमाई शैली आज भी बॉलीवुड में प्रेरणास्रोत बनी हुई हैं.

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