Article

स्वामी विवेकानंद स्मृति दिवस

स्वामी विवेकानंद स्मृति दिवस 4 जुलाई को मनाया जाता है, जो स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि है. यह दिन उनके जीवन, विचारों और शिक्षाओं को स्मरण करने और सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई 1902 को हुआ था.

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. उनका मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्त था. वे महान संत रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे और उनके मार्गदर्शन में उन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया था.

वर्ष 1893 में, स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्व धर्म महासभा में भाग लिया और अपने प्रसिद्ध भाषण के माध्यम से भारतीय दर्शन और वेदांत को प्रस्तुत किया। उनके भाषण की शुरुआत “मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों” से हुई, जिसने सबको प्रभावित किया.

स्वामी विवेकानंद ने 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य समाज सेवा और आध्यात्मिकता का प्रसार था. यह मिशन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और समाज सेवा के क्षेत्रों में कार्यरत है. उन्होंने मानवता की सेवा, आत्म-साक्षात्कार, और भारतीय संस्कृति और परंपराओं के महत्व पर जोर दिया. उनके विचारों में सामाजिक समानता, शिक्षा, और महिला सशक्तिकरण की झलक मिलती है.

स्वामी विवेकानंद स्मृति दिवस पर उनके अनुयायी और विभिन्न संगठन उनके जीवन और शिक्षाओं को याद करते हैं. इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों, संगोष्ठियों, और समारोहों का आयोजन किया जाता है, जिसमें स्वामी विवेकानंद के विचारों और उनके द्वारा किए गए कार्यों पर चर्चा होती है. स्कूलों और कॉलेजों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां छात्रों को स्वामी विवेकानंद की जीवनी और उनकी शिक्षाओं से अवगत कराया जाता है.

इस दिन लोग स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं. स्वामी विवेकानंद के अनुयायी उनके आदर्शों को अपनाने और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करते हैं.

स्वामी विवेकानंद स्मृति दिवस हमें उनके महान कार्यों और विचारों को याद करने और उनसे प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है. उनका जीवन और शिक्षाएं आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक हैं और हमें समाज की सेवा और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में प्रेरित करती हैं.

==========  =========  ===========

Swami Vivekananda Memorial Day

Swami Vivekananda Memorial Day is celebrated on July 4, which is the death anniversary of Swami Vivekananda. This day is celebrated to commemorate and honor his life, thoughts, and teachings. Swami Vivekananda died on July 4, 1902.

Swami Vivekananda was born on 12 January 1863 in Kolkata. His original name was Narendranath Dutta. He was a disciple of the great saint Ramakrishna Paramahansa and attained spiritual knowledge under his guidance.

In the year 1893, Swami Vivekananda attended the World Parliament of Religions in Chicago and presented Indian philosophy and Vedanta through his famous speech. His speech began with “My American brothers and sisters”, which impressed everyone.

Swami Vivekananda founded the Ramakrishna Mission in 1897, with the aim of social service and the spread of spirituality. This mission is engaged in the fields of education, healthcare, and social service. He emphasized the importance of service to humanity, self-realization, and Indian culture and traditions. His thoughts reflect social equality, education, and women’s empowerment.

On Swami Vivekananda Smriti Diwas, his followers and various organizations remember his life and teachings. On this day, various programs, seminars, and ceremonies are organized, in which Swami Vivekananda’s thoughts and the work done by him are discussed. Special programs are also organized in schools and colleges, where students are made aware of Swami Vivekananda’s biography and his teachings.

On this day, people pay tribute to Swami Vivekananda and pledge to follow the path shown by him. Swami Vivekananda’s followers try to adopt his ideals and bring positive change in the society.

Swami Vivekananda Smriti Diwas allows us to remember his great works and thoughts and take inspiration from them. His life and teachings are still a guide for us and inspire us towards serving society and self-realization.

5/5 - (4 votes)
:

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!