Dharm

सुन्दरकाण्ड-08-1…

...हनुमान जी द्वारा अशोक वाटिका विध्वंस...

दोहा :-

देखि बुद्धि बल निपुन कपि कहेउ जानकीं जाहु।

रघुपति चरन हृदयँ धरि तात मधुर फल खाहु ।।

वाल्व्याससुमनजीमहाराज श्लोक का अर्थ बताते हुए कहते है कि, माता जानकी ने हनुमानजी को बुद्धि और बल में निपुण देखा तो कहा- जाओ. हे तात ! श्रीरघुनाथजी के चरणों को हृदय में धारण कर करके मीठे फल खाओ.

चौपाई :-

चलेउ नाइ सिरु पैठेउ बागा। फल खाएसि तरु तोरैं लागा।।

रहे तहाँ बहु भट रखवारे। कछु मारेसि कछु जाइ पुकारे ।।

महाराजजी श्लोक का अर्थ बताते हुए कहते है कि, हनुमानजी ने माता सीता को सिर नवाकर (झुकाकर) चले और बाग में घुस कर फल खाए और वृक्षो को तोड़ने लगे. अशोक वाटिका को बहुत से योद्धा रखवाली करते थे. उनमे से कुछ को मार डाला और कुछ ने जाकर रावण से पुकार की.

नाथ एक आवा कपि भारी। तेहिं असोक बाटिका उजारी।।

खाएसि फल अरु बिटप उपारे। रच्छक मर्दि मर्दि महि डारे ।।

महाराजजी श्लोक का अर्थ बताते हुए कहते है कि, हे नाथ ! एक बड़ा भारी बंदर आया है और उसने सारी अशोक वाटिका उजाड डाली. फल खाए, वृक्षो को उखाड़ डाला और रखवालो को मसल-मसलकर जमीन पर डाल दिया.

चौपाई :-

सुनि रावन पठए भट नाना। तिन्हहि देखि गर्जेउ हनुमाना।।

सब रजनीचर कपि संघारे। गए पुकारत कछु अधमारे ।।

महाराजजी श्लोक का अर्थ बताते हुए कहते है कि, यह सुनकर रावण ने बहुत से योद्धा भेजे जिसे देखकर हनुमानजी गर्जना की. उसके बाद हनुमानजी बहुत से राक्षसों को मार डाला वहीँ, कुछ अधमरे थे जो चिल्लाते हुये भाग गए.

पुनि पठयउ तेहिं अच्छकुमारा। चला संग लै सुभट अपारा।।

आवत देखि बिटप गहि तर्जा। ताहि निपाति महाधुनि गर्जा।।

महाराजजी श्लोक का अर्थ बताते हुए कहते है कि, यह देखके रावण ने अक्षय कुमार को भेजा. अक्षय कुमार अपने असंख्य श्रेष्ठ योद्धाओं को साथ लेकर चला. उसे आते देखकर हनुमानजी ने एक वृक्ष हाथ में लेकर ललकारा और उसे मरकर महाध्वनि से गर्जना की.

वाल्वयासुमनजी महाराज,

महात्मा भवन, श्रीरामजानकी मंदिर,

राम कोट, अयोध्या.

मोब: – 8709142129.

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Sundarkand-08-1…

… Ashok Vatika destruction by Hanuman Ji…

Doha:-

Dekhi buddhi bal nipun kapi kaheu jaanakeen jaahu

Raghupati charan hrdayan dhari taat madhur phal khaahu ।।

Describing the meaning of Valvyassumanji Maharaj shloka, it is said that when Mata Janaki saw Hanumanji skilled in intelligence and strength, she said – Go. Hey Tat! Keep the feet of Shri Raghunathji in your heart and eat sweet fruits.

Chaupaee:-

Chaleu nai siru paitheu baagaphal khaesi taru torain laaga।।

rahe tahaan bahu bhat rakhavaarekachhu maaresi kachhu jai pukaare ।।

Describing the meaning of this verse, Maharajji says that Hanumanji walked by bowing his head to Mother Sita and entered the garden and ate fruits, and started plucking trees. Ashok Vatika was guarded by many warriors. Some of them were killed and some went and called out to Ravana.

Naath ek aava kapi bhaareetehin asok baatika ujaaree।।

khaesi phal aru bitap upaarerachchhak mardi mardi mahi daare ।।

Explaining the meaning of the verse, Maharajji says, O Nath! A huge monkey has come and destroyed the entire Ashok Vatika. Ate the fruits, uprooted the trees, and crushed the keepers to the ground.

Chaupaee:-

Suni raavan pathe bhat naanatinhahi dekhi garjeu hanumaana।।

Sab rajaneechar kapi sanghaaregae pukaarat kachhu adhamaare ।।

Maharajji explains the meaning of the verse and says that hearing this, Ravana sent many warriors, seeing which Hanumanji roared. After that Hanumanji killed many demons and there were some half-dead who ran away screaming.

Puni pathayu tehin achchhakumaarachala sang lai subhat apaara।।

Aavat dekhi bitap gahi tarjataahi nipaati mahaadhuni garja।।

Explaining the meaning of the verse, Maharajji says that, seeing this, Ravana sent Akshay Kumar. Akshay Kumar took his innumerable best warriors with him. Seeing him coming, Hanumanji shouted with a tree in his hand and roared with a great sound after killing him.

Valvayasumanji Maharaj,

Mahatma Bhavan, Shri Ramjanaki Temple,

Ram Kot, Ayodhya.

Mob: – 8709142129.

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