श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती हर वर्ष 06 जुलाई को मनाई जाती है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 06 जुलाई 1901 को कोलकाता (तब का कलकत्ता) में हुआ था. वह एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद, और भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पूर्ववर्ती संगठन है.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई और बाद में स्वतंत्र भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जो भारतीय जनता पार्टी का मूल आधार बना. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे युवा कुलपति बने और शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कई पहलें भी कीं थीं.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर मुद्दे पर अपने मजबूत रुख के लिए जाने जाते थे. उन्होंने ‘एक देश, एक विधान, एक प्रधान’ का नारा दिया और भारतीय संघ में जम्मू और कश्मीर के पूर्ण विलय की मांग की. वे भारतीय उद्योगों के विकास के समर्थक थे और भारतीय उद्योगों को स्वदेशी बनाने की दिशा में काम किया.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें याद किया जाता है और उनके योगदानों को श्रद्धांजलि दी जाती है. इस दिन पर विभिन्न कार्यक्रमों, संगोष्ठियों, और स्मारक समारोहों का आयोजन किया जाता है ताकि नई पीढ़ी को उनके विचारों और कार्यों से प्रेरित किया जा सके.
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Shyama Prasad Mukherjee Jayanti
Shyama Prasad Mukherjee’s birth anniversary is celebrated every year on 06 July. Shyama Prasad Mukherjee was born on 06 July 1901 in Kolkata (then Calcutta). He was a prominent Indian politician, educationist, and founder of the Bharatiya Jana Sangh, the predecessor of the Bharatiya Janata Party (BJP).
Shyama Prasad Mukherjee played an active role in the Indian independence movement and later made significant contributions to the politics of independent India. He founded the Bharatiya Jana Sangh, which became the core of the Bharatiya Janata Party. He also made significant contributions to the field of education. He became the youngest Vice Chancellor of the University of Calcutta and also took several initiatives to improve the education system.
Shyama Prasad Mukherjee was known for his strong stand on the Kashmir issue. He gave the slogan of ‘One Country, One Constitution, One Prime Minister’ and demanded the complete merger of Jammu and Kashmir into the Indian Union. He was a supporter of the development of Indian industries and worked towards making Indian industries indigenous.
Shyama Prasad Mukherjee’s birth anniversary is celebrated to remember him and pay tribute to his contributions. Various programs, seminars, and memorial ceremonies are organized on this day to inspire the new generation with his thoughts and works.