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साया …

अध्याय 3: लक्ष्मी की कहानी

अमन ने और मिट्टी हटाई. अब पूरा नाम दिखाई दे रहा था: “लक्ष्मी देवी”. उसके नीचे, एक संक्षिप्त तिथि लिखी थी, जो कई साल पुरानी थी. रवि ने उस झोपड़ी को ध्यान से देखा. यह कभी किसी का घर रहा होगा, पर अब खंडहर बन चुका था.

तभी, अमन को ऐसा लगा जैसे उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा हो. वह चौंककर मुड़ा, पर वहाँ कोई नहीं था. हालाँकि, उसने महसूस किया कि साया उसके और उस स्मारक के बीच मंडरा रहा है, मानो कुछ याद कर रहा हो.

अमन ने धीरे से कहा, “क्या… क्या आप ही लक्ष्मी देवी हैं?”

कोई जवाब नहीं आया, लेकिन साये के भीतर की आकृति थोड़ी देर के लिए और स्पष्ट हुई, और अमन को लगा जैसे उसने एक क्षण के लिए एक उदास मुस्कान देखी हो.

अगले कुछ दिनों तक, अमन हर शाम बरगद के पेड़ के नीचे जाता रहा. वह लक्ष्मी के बारे में और जानने की कोशिश कर रहा था. उसने गाँव के कुछ बुजुर्गों से उस बारे में पूछा, लेकिन किसी को भी उस नाम की कोई औरत याद नहीं थी जो जंगल में रहती हो.

एक शाम, जब अमन स्मारक के पास बैठा था, उसने देखा कि साया मिट्टी पर कुछ और लिख रहा है. इस बार, अक्षर पहले से ज़्यादा स्पष्ट थे. उसने लिखा: “अन्याय… आग…”

अमन का दिल धड़क उठा. अन्याय? आग? क्या लक्ष्मी की मौत किसी दुर्घटना में नहीं हुई थी?

उस रात, अमन सो नहीं सका. वह लक्ष्मी और उसके साथ हुए अन्याय के बारे में सोचता रहा. उसे उस साये के लिए दुख महसूस हो रहा था, जो इतने सालों से शांति के लिए भटक रहा था.

अगली सुबह, अमन ने फैसला किया कि वह इस रहस्य को ज़रूर उजागर करेगा. वह गाँव के सबसे पुराने व्यक्ति, दादाजी के पास गया. दादाजी बहुत बूढ़े थे, लेकिन उनकी याददाश्त अभी भी तेज थी.

अमन ने दादाजी को लक्ष्मी देवी और जंगल में मिली झोपड़ी के बारे में बताया. दादाजी ने कुछ देर तक सोचा, उनकी आँखें दूर कहीं खोई हुई थीं. फिर, धीरे से उन्होंने बोलना शुरू किया.

“लक्ष्मी… हाँ, मुझे याद है. बहुत साल पहले, इस जंगल के पास एक छोटी सी बस्ती थी. लक्ष्मी वहीं रहती थी, अपने पति के साथ. वह बहुत सुंदर और दयालु थी. लेकिन गाँव के कुछ लालची लोगों की नज़र उसकी ज़मीन पर थी. उन्होंने उस पर झूठा आरोप लगाया और… और एक रात, बस्ती में आग लग गई.”

दादाजी की आवाज़ भारी हो गई. “किसी ने नहीं सुना. सब कुछ जल गया। लक्ष्मी और उसका पति… कोई नहीं बचा.”

अमन सन्न रह गया. तो, साया लक्ष्मी की आत्मा थी, जो अपने साथ हुए अन्याय की गवाही दे रही थी. उसे शांति नहीं मिली थी क्योंकि उसके साथ बहुत बुरा हुआ था.

अब अमन जानता था कि उसे क्या करना है. उसे लक्ष्मी को शांति दिलानी थी. लेकिन वह यह कैसे करेगा?

शेष भाग अगले अंक में…,

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