रुद्राभिषेक…
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, श्रावण का महीना औघरदानी , नटेश्वर, भोले नाथ , हर हर शम्भू को अति प्रिय है. सनातन धर्म के अनुयायी इस महीने में महदेव की पूजा- अर्चना के साथ ही उनकी विशेष पूजा भी की जाती है. इस महीने के किसी भी दिन इस विशेष पूजा का आयोजन शिवालयों व घरों में की जाती है. इस विशेष पूजा को अभिषेक के नाम से जानते हैं.
‘अभिषेक’ का अर्थ है भगवान शिव को जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर आदि से स्नान कराना. यह प्रक्रिया धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होती है और इसे श्रद्धालुओं द्वारा भक्ति भाव से किया जाता है.
जलाभिषेक: – पहले शिवलिंग को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें और आस-पास का वातावरण साफ-सुथरा बनाएं. पवित्र गंगाजल, नदी का जल, कुएं का जल, तालाब का जल या नल का स्वच्छ जल लें. जलाभिषेक करते समय शिव मंत्रों का उच्चारण करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप विशेष रूप से किया जाता है. साथ ही अन्य शिव मंत्र जैसे “महामृत्युंजय मंत्र” या “रुद्राष्टाध्यायी” का पाठ भी किया जा सकता है.
जल को एक पात्र में भरें और उसे धीरे-धीरे शिवलिंग पर अर्पित करें. इस दौरान मंत्र जाप और भगवान शिव की स्तुति करें. जलाभिषेक से मन और शरीर की शुद्धता बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है साथ ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. यह मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है.
दूध अभिषेक: – शिवलिंग पर गाय के दूध से अभिषेक करना. इसे भगवान शिव की कृपा और शांति प्राप्त करने के लिए किया जाता है.
दही अभिषेक: – शिवलिंग पर दही से अभिषेक करना. इसे समृद्धि और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है.
घी अभिषेक: – शिवलिंग पर शुद्ध घी से अभिषेक करना. इसे स्वास्थ्य और ऐश्वर्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है.
शहद अभिषेक: – शिवलिंग पर शहद से अभिषेक करना. इसे भगवान शिव को प्रसन्न करने और जीवन में मिठास लाने के लिए किया जाता है.
पंचामृत अभिषेक: – पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर (चीनी या गुड़) का मिश्रण होता है. इसे मिलाकर शिवलिंग पर अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है.
चन्दन अभिषेक: – शिवलिंग पर चन्दन का लेप लगाकर अभिषेक करना. इसे भगवान शिव को ठंडक प्रदान करने और शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है.
सुगन्धित जल अभिषेक: – गुलाब जल, केवड़ा जल आदि सुगन्धित जल से अभिषेक करना. इसे भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है.
फलों के रस का अभिषेक: – विभिन्न फलों के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना. इसे भगवान शिव को नैवेद्य अर्पित करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है.
भस्म अभिषेक: – शिवलिंग पर भस्म (राख) का अभिषेक करना. इसे भगवान शिव की भस्मधारी स्वरूप की पूजा के लिए किया जाता है.
सावन के महीने में इन विभिन्न प्रकार के अभिषेकों के माध्यम से श्रद्धालु भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं. प्रत्येक अभिषेक का अपना महत्व और फल होता है, और इसे श्रद्धा और भक्ति से किया जाता है.
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Rudrabhishek…
According to mythological texts, the month of Shravan is very dear to Aughardaani, Nateshwar, Bhole Nath, and Har Har Shambhu. Followers of Sanatan Dharma worship Mahadev this month and also do his special worship. This special worship is organized in Shiva temples and homes on any day of this month. This special worship is known as Abhishek.
Abhishek means bathing Lord Shiva with water, milk, curd, ghee, honey, sugar etc. This process is very important from the religious point of view and it is done with devotion by the devotees.
Jalabhishek: – First, install the Shivling in a clean place and make the surrounding environment clean. Take holy Ganga water, river water, well water, pond water or clean tap water. While doing Jalabhishek, chant Shiva mantras. The mantra “Om Namah Shivaya” is chanted especially. Also, other Shiva mantras like “Mahamrityunjaya Mantra” or “Rudrashtadhyayi” can be recited.
Fill water in a vessel and slowly offer it on the Shivling. During this, chant mantras and praise Lord Shiva. Jalabhishek increases the purity of mind and body and destroys negative energy as well as receives the blessings of Lord Shiva. It paves the way for mental peace and spiritual advancement.
Milk Abhishek: – Abhishek of cow’s milk on Shivling. It is done to receive the blessings and peace of Lord Shiva.
Curd Abhishek: – Abhishek of curd on Shivling. It is done to attain prosperity and happiness.
Ghee Abhishek: – Abhishek of pure ghee on Shivling. It is done to attain health and prosperity.
Honey Abhishek: – Abhishek of honey on Shivling. It is done to please Lord Shiva and bring sweetness to life.
Panchamrit Abhishek: – Panchamrit is a mixture of milk, curd, ghee, honey and sugar (sugar or jaggery). Mixing this and performing Abhishek on Shivling is considered very auspicious.
Chandan Abhishek: – Abhishek by applying sandalwood paste on Shivling. It is done to provide coolness to Lord Shiva and attain peace.
Fragrant water Abhishek: – Abhishek with fragrant water like rose water, kewda water etc. It is done to please Lord Shiva.
Fruit juice Abhishek: – Abhishek of Shivling with juice of various fruits. It is done to offer Naivedya to Lord Shiva and get his blessings.
Bhasm Abhishek: – Abhishek of Bhasm (ash) on Shivling. It is done to worship the ash-covered form of Lord Shiva.
Through these different types of Abhishek in the month of Sawan, devotees try to please Lord Shiva and wish to receive blessings from him. Each Abhishekam has its significance and result and is performed with reverence and devotion.