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याद आते वो पल-33.
- औरंगजेब के हवाले:- आज ही के दिन वर्ष 1659 में दादर के बलूची प्रमुख जीवन खान ने धोखे से मुगल शहजादे दारा शिकोह को औरंगजेब के हवाले कर दिया.
- सेना नायक बन्दा सिंह:- आज ही के दिन वर्ष 1716 में सेना नायक बन्दा सिंह बहादुर का निधन हुआ था.
- आत्मसमर्पण किया:- आज ही के दिन वर्ष 1752 में फ्रांसीसी सेना ने भारत के त्रिचिनोपोली क्षेत्र में ब्रिटिश सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया.
- लोकनायक बिरसा मुंडा:- आज ही के दिन वर्ष 1900 में आदिवासी नेता और लोकनायक बिरसा मुंडा का निधन हुआ था. मुण्डा एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे. उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में हुए एक आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया. भारत के आदिवासी उन्हें भगवान मानते हैं.
- लक्ष्मण प्रसाद दुबे:- आज ही के दिन वर्ष 1909 में छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक लक्ष्मण प्रसाद दुबे का जन्म छत्तीसगढ़ स्थित दुर्ग ज़िले के दाढी गांव में हुआ था. वे गांव में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद बेमेतरा से उच्चतर माध्यमिक व शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त कर शिक्षकीय कार्य में जुट गये. उनकी पहली नियमित पद स्थापना वर्ष 1929 में भिलाई के माध्यमिक स्कूल में हुई थी. ज्योतिष के विद्वान लक्ष्मण प्रसाद दुबे ने यूनानी चिकित्सा व वैद विशारद की परिक्षा भी पास की थी एवं शिक्षा के साथ चिकित्सा कार्य भी किया.भिलाई में शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए लक्ष्मण प्रसाद का संपर्क ज़िले के वरिष्ठ सत्याग्रही नरसिंह प्रसाद अग्रवाल से हुआ।. उस समय किशोर व युवजन के अग्रवाल जी आदर्श थे। उनके मार्गदर्शन व आदेश से लक्ष्मण प्रसाद जी भिलाई में अपने साथियों एवं छात्रों के साथ मिलकर ‘मद्य निषेध आंदोलन’ व ‘विदेशी वस्त्र आंदोलन’ को हवा देने लगे.स्वतंत्रता आंदोलन को जीवंत रखने के लिए द्वितीय पंक्ति के सत्याग्रहियों को अपना दायित्व निभाना था, अत: लक्ष्मण प्रसाद दुबे अपने गांधीवादी नरम रवैये से शिक्षकीय कार्य करते रहे.जंगल सत्याग्रह की रणनीति में माहिर लक्ष्मण प्रसाद दुबे जी के लिए यह स्थान बालोद जैसा ही रहा, क्योंकि यह स्थान जंगलों के बीच है, अत: वे वहां अपने मूल कार्य के साथ पैदल गांव-गांव का दौरा कर सत्याग्रह का पाठ पढ़ाते रहे. रायपुर के प्रमुख सक्रिय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोतीलाल जी त्रिपाठी से पारिवारिक संबंधों का लाभ इन्हें मिलता रहा और लक्ष्मंण प्रसाद दुबे घुर जंगल क्षेत्र में स्वतंत्रता आंदोलन की लौ जलाते रहे. लक्ष्मण प्रसाद दुबे शिक्षक जीवन से अवकाश प्राप्त करने के बाद सक्रिय राजनीति में जनपद पंचायत बेमेतरा के सदस्य रहे. उन्होंने दुर्ग ज़िला कांग्रेस की सदस्यता वर्ष 1930 में ग्रहण की थी. वर्ष 1942 से 1947 तक ज़िला कांग्रेस के कार्यकारिणी सदस्य के रूप में उन्होंनें कार्य किया.
- संगीतकार वसन्त देसाई :- आज ही के दिन वर्ष 1912 में सिनेमा जगत् के संगीतकार वसन्त देसाई का जन्म गोवा के कुदाल नामक स्थान पर हुआ था. उनको बचपन के दिनों से ही संगीत के प्रति रूचि थी. वर्ष 1929 में बसंत देसाई महाराष्ट्र से कोल्हापुर आ गए थे.वर्ष 1930 में उन्हें ‘प्रभात फ़िल्म्स’ की मूक फ़िल्म “खूनी खंजर” में अभिनय करने का मौका मिला.इन सबके साथ ही उन्होंने इस फ़िल्म में एक गाना “जय जय राजाधिराज” भी गाया. इस बीच वसन्त फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करते रहे. वर्ष 1934 में प्रदर्शित फ़िल्म “अमृत मंथन” में गाया उनका यह गीत “बरसन लगी” श्रोताओं के बीच काफ़ी लोकप्रिय हुआ.वर्ष 1957 में वसन्त देसाई के संगीत निर्देशन में “दो आँखें बारह हाथ” का गीत ऐ मालिक तेरे बंदे हम आज भी श्रोताओं के बीच काफ़ी लोकप्रिय है. इस गीत की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पंजाब सरकार ने इस गीत को सभी विद्यालयों में प्रात:कालीन प्रार्थना सभा में शामिल कर लिया.
- चौधरी दिगम्बर सिंह:- आज ही के दिन वर्ष 1913 में स्वतंत्रता सेनानी चौधरी दिगम्बर सिंह का जन्म कुरसण्डा तहसील सादाबाद ज़िला मथुरा (कुरसण्डा अब हाथरस ज़िले में है) के एक ज़मींदार परिवार में हुआ.
- मुख्यमंत्री तथा लेखिका नंदिनी सत्पथी:- आज ही के दिन वर्ष 1931 में उड़ीसा की महिला मुख्यमंत्री तथा लेखिका नंदिनी सत्पथी का जन्म उड़ीसा के कटक ज़िले में हुआ था. उनके पिता का नाम कालिंदी चरण पाणिग्रही था.नंदिनी के चाचा भगवती चरण पाणिग्रही ने भारत की कम्युनिस्ट पार्टी की उड़ीसा शाखा की स्थापना की थी. नंदिनी का विवाह देवेन्द्र सत्पथी के साथ हुआ था. भारत के प्रमुख राजनैतिक दल ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ से नंदिनी सत्पथी जुड़ी हुई थीं. देश की प्रसिद्ध महिला राजनीतिज्ञों में नंदिनी सत्पथी का नाम लिया जाता है. नंदिनी सत्पथी 14 जून, 1972 से 16 दिसम्बर, 1976 तक उड़ीसा राज्य की मुख्यमंत्री भी रहीं.
- स्वतंत्रता सेनानी हरि किशन सरहदी:- आज ही के दिन वर्ष 1931 में स्वतंत्रता सेनानी हरि किशन सरहदी का निधन हुआ था.
- उपन्यासकार अजित शंकर चौधरी:- आज ही के दिन वर्ष 1933 में कवि, संस्मरणकार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा सहृदय समीक्षक अजित शंकर चौधरी का जन्म लखनऊ में हुआ था. अजित को साहित्यिक परिवेश विरासत में मिला था. उनके पिता प्रकाशन चलाते थे, जिसने निराला की पुस्तकें छापीं. मां सुमित्रा कुमारी सिन्हा स्वयं महत्वपूर्ण कवयित्री थीं.
- क्रांतिकारी दिनेश चंद्र मजूमदार:- आज ही के दिन वर्ष 1934 में क्रांतिकारी दिनेश चंद्र मजूमदार का निधन हुआ था.
- क्रांतिकारीअब्बास तैयबजी:- आज ही के दिन वर्ष 1936 में क्रांतिकारीअब्बास तैयबजी का निधन हुआ था.
- उद्योगपति अनिल मनीभाई नाईक:- आज ही के दिन वर्ष 1942 में भारतीय उद्योगपति और भारतीय इंजीनियरिंग समूह ‘लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड’ के अध्यक्ष अनिल मनीभाई नाईक का जन्म गुजरात में हुआ था.
- प्रथम महिला आइ.पी.एस किरण बेदी:- आज ही के दिन वर्ष 1949 में भारत की प्रथम महिला आइ.पी.एस किरण बेदी का जन्म अमृतसर में हुआ था. उनके पिता का नाम प्रकाश ला पेशावरिया और मां प्रेमलता थीं. किरण की चार बहनें भी हैं. किरण को बचपन में किमी के नाम से भी जाना जाता था. उनका परिवार पेशावर का रहने वाला था लेकिन वर्ष 1860 में किरण के परदादा लाला हरगोबिंद पेशावरिया पेशावर से अमृतसर आ गए थे.सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से शुरुआती शिक्षा हासिल की. उसके बाद पंजाब यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स डिग्री हासिल की. उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से किरण बेदी ने कानून की डिग्री से एलएलबी की पढ़ाई पूरी और वर्ष 1993 में आईआईटी दिल्ली से समाज विज्ञान विभाग से पीएचडी की उपाधि हासिल की. किरण ने वर्ष 1970 में अपने करियर की शुरुआत अमृतसर के खालसा कॉलेज से बतौर लेक्चरर की थी. लेकिन, वर्ष 1972 में उनकी शादी के कुछ महीनों बाद ही किरण जुलाई में आईपीएस की ट्रेनिंग के लिए चली गईं.
- भारत के दूसरे प्रधानमंत्री:- आज ही के दिन वर्ष 1964 में लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने. लाल बहादुर शास्त्री 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे. इस दौरान उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा.
- अभिनेत्री अमीषा पटेल:- आज ही के दिन वर्ष 1975 में हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्री अमीषा पटेल का जन्म मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में एक गुजराती परिवार में अमित और आशा पटेल के घर हुआ था. वह अश्मित पटेल की बहन और प्रसिद्ध वकील-राजनीतिज्ञ बैरिस्टर रजनी पटेल की पोती हैं, जो मुंबई के कांग्रेस प्रदेश समिति अध्यक्ष थे. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत ब्लॉकबस्टर रोमांटिक थ्रिलर फिल्म कहो ना … प्यार है से की.
- संगीतकार अनुष्का शंकर:- आज ही के दिन वर्ष 1981 में संगीतकार अनुष्का शंकर का जन्म हुआ. लंदन में एक बंगाली हिंदू परिवार में पैदा हुआ था. उनक पिता सितारवादक एवं संगीतकार रवि शंकर है.महज 13 वर्ष की उम्र में अपना पहला सार्वजनिक प्रदर्शन दिया. चौदह वर्ष की आयु तक वह दुनिया भर के समारोहों पर उसके पिता के साथ किया गया था.
- अभिनेत्री सोनम कपूर:- आज ही के दिन वर्ष 1985 में हिन्दी फ़िल्म अभिनेत्री सोनम कपूर का जन्म जन्म चेंबूर, मुंबई में हुआ था. उनके पिता का नाम अनिल कपूर है जो कि हिन्दी फिल्मों के मशहूर अभिनेता हैं. उनकी मां का नाम सुनीता कपूर है. सोनम ने अपनी शुरूआती पढ़ाई आर्य विद्या मंदिर स्कूल, जुहू से की है. सोनम ने यूनाइटेड वर्ल्ड काॅलेज आॅफ साउथ ईस्ट एशिया, सिंगापुर से थियेटर और कला की पढ़ाई की.उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत रानी मुखर्जी की फिल्म ‘ब्लैक’ में सोनम ने सहायक निर्देशक के तौर पर काम किया था. लेकिन, उन्हें बड़ा ब्रेक दिया संजय लीली भंसाली ने अपनी फिल्म ‘सांवरिया’ में. इस फिल्म में पहली बार वह पर्दे पर लोगों के सामने आईं और अखबारों और टी.वी. चैनलों पर भी खूब सुर्खियां बटोरीं.
- गीतकार और शायर असद भोपाली:- आज ही के दिन वर्ष 1990 में गीतकार और शायर असद भोपाली का निधन हुआ था.
- निर्देशक राज खोसला:- आज ही के दिन वर्ष 1991 में हिंदी फ़िल्मों में शीर्ष निर्देशक, निर्माणकर्ता और पटकथाकारों में से एक राज खोसला का निधन हुआ था.
- निर्देशक सत्एन बोस:- आज ही के दिन वर्ष 1993 में हिन्दी चित्रपट निर्देशक सत्एन बोस का निधन हुआ था.
- धीरेन्द्र ब्रह्मचारी:- आज ही के दिन वर्ष 1994 में भारतीय योगाचार्य धीरेन्द्र ब्रह्मचारी का निधन हुआ था. धीरेन्द्र के बचपन का नाम ‘धीरचन्द्र चौधरी’ था.
- किसान नेता एन.जी. रंगा:- आज ही के दिन वर्ष 1995 में स्वतंत्रता सेनानी, सांसद तथा किसान नेता एन.जी. रंगा का निधन हुआ था.
- फ्रेंच ओपेन का युगल खिताब:- आज ही के दिन वर्ष 2001 में लिएंडर पेस और महेश भूपति की जोड़ी ने फ्रेंच ओपेन का युगल खिताब जीता.
- इंद्रदीप सिन्हा:- आज ही के दिन वर्ष 2003 में बिहार के वामपंथी राज्य सभा सांसद इंद्रदीप सिन्हा का निधन हुआ था.
- चक दे इण्डिया’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार:- आज ही के दिन वर्ष 2008 में फ़िल्म अभिनेता शाहरुख ख़ान को नौवें इंटरनेशनल इण्डियन फ़िल्म एकेडमी (आईफ़ा) पुरस्कार समारोह में फ़िल्म ‘चक दे इण्डिया’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता.
- चित्रकार मक़बूल फ़िदा हुसैन:- आज ही के दिन वर्ष 2011 में महाराष्ट्र के चित्रकार मक़बूल फ़िदा हुसैन का निधन हुआ था.
- ललितेश्वर प्रसाद शाही:- आज ही के दिन वर्ष 2018 में राजनेता ललितेश्वर प्रसाद शाही का निधन हुआ था.
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Remember those moments- 33.
- Handing over to Aurangzeb:- On this day in the year 1659, Balochi chief Jeevan Khan of Dadar fraudulently handed over the Mughal prince Dara Shikoh to Aurangzeb.
- Sena Nayak Banda Singh:- On this day in the year 1716, Sena Nayak Banda Singh Bahadur passed away.
- Surrendered:- On this day in the year 1752, the French army surrendered to the British army in the Trichinopoly region of India.
- Loknayak Birsa Munda: – On this day in the year 1900, tribal leader and Loknayak Birsa Munda passed away. Munda was an Indian tribal freedom fighter and folk hero of the Munda tribe. He led a tribal religious millenarian movement that originated in the Bengal Presidency (now Jharkhand) in the late 19th century during the British Raj. The tribals of India consider him as God.
- Laxman Prasad Dubey:- On this day in the year 1909, Laxman Prasad Dubey, one of the freedom fighters of Chhattisgarh, was born in Dadhi village of Durg district of Chhattisgarh. After receiving primary education in the village, he got involved in teaching after getting higher secondary and teacher training from Bemetara. His first regular post was established in the middle school of Bhilai in the year Astrologer Laxman Prasad Dubey had also passed the examination of Unani Medicine and Vaid Visharad and also did medical work along with education. While working as a teacher in Bhilai, Laxman Prasad came in contact with senior satyagraha Narsingh Prasad Agarwal of the district… At that time Agarwal ji was the role model for the youth and youth. With his guidance and orders, Laxman Prasad ji along with his colleagues and students in Bhilai started fueling the ‘Prohibition Movement’ and ‘Foreign Clothing Movement’. To keep the freedom movement alive, the second line Satyagrahis had to fulfill their responsibility, Therefore, Laxman Prasad Dubey continued to do teaching work with his Gandhian soft attitude. For Laxman Prasad Dubey, who specializes in the strategy of Jungle Satyagraha, this place remained like Balod, because this place is in the middle of the jungles, so he remained there for his original work. Along with visiting every village on foot, he kept teaching the lesson of Satyagraha. He continued to get the benefit of family relations with Motilal ji Tripathi, the main active freedom fighter of Raipur and Laxman Prasad Dubey kept lighting the flame of the freedom movement in the Ghur forest area. Laxman Prasad Dubey remained a member of Janpad Panchayat Bemetara in active politics after getting retirement from a teacher’s life. He had taken the membership of Durg District Congress in the year 1930. From 1942 to 1947, he worked as an executive member of the District Congress.
- Composer Vasant Desai:- On this day in the year 1912, Vasant Desai, the composer of the cinema world, was born at a place named Kudal in Goa. He was interested in music since childhood. Basant Desai came to Kolhapur from Maharashtra in the year 1929. In the year 1930, he got a chance to act in the silent film “Khooni Khanjar” by ‘Prabhat Films’. Along with all this, he also sang the song “Jai Jai Rajadhiraj” in this film. Sang. Meanwhile, Vasant struggled to make his mark in the film industry. His song “Barsan Lagi” sung in the film “Amrit Manthan” released in the year 1934 became very popular among the audience. In the year 1957, the song “Do Aankhen Barah Haath” under the music direction of Vasant Desai, Ae Malik Tere Bande Hum Aaj Bhi listeners. Very popular among The popularity of this song can be gauged from the fact that the Punjab government included this song in the morning prayer meeting in all the schools.
- Chaudhary Digambar Singh:- On this day in the year 1913, freedom fighter Chaudhary Digambar Singh was born in a zamindar family of Kursanda tehsil Sadabad district Mathura (Kursanda is now in Hathras district).
- Chief Minister and writer Nandini Satpathy:- On this day in the year 1931, woman Chief Minister of Orissa and writer Nandini Satpathy was born in the Cuttack district of Odisha. Her father’s name was Kalindi Charan Panigrahi. Nandini’s uncle Bhagwati Charan Panigrahi founded the Orissa branch of the Communist Party of India. Nandini was married to Devendra Satpathy. Nandini Satpathy was associated with India’s main political party ‘Indian National Congress. Nandini Satpathy’s name is taken among the famous women politicians of the country. Nandini Satpathy was also the Chief Minister of Odisha State from June 14, 1972, to December 16, 1976.
- Freedom Fighter Hari Kishan Sarhadi:- On this day in the year 1931, freedom fighter Hari Kishan Sarhadi passed away.
- Novelist Ajit Shankar Chowdhary: – On this day in the year 1933, poet, memoirist, storyteller, novelist, and hearty critic Ajit Shankar Chowdhary was born in Lucknow. Ajit had inherited the literary environment. His father ran Prakashan, which published Nirala’s books. Mother Sumitra Kumari Sinha herself was an important poetess.
- Revolutionary Dinesh Chandra Majumdar:- On this day in the year 1934, revolutionary Dinesh Chandra Majumdar passed away.
- Revolutionary Abbas Tyabji:- On this day in the year 1936, revolutionary Abbas Tyabji passed away.
- Industrialist Anil Manibhai Naik:- On this day in the year 1942, Anil Manibhai Naik, an Indian industrialist and chairman of the Indian engineering group ‘Larsen & Toubro Limited’, was born in Gujarat.
- First woman IPS Kiran Bedi:- On this day in the year 1949, India’s first woman IPS Kiran Bedi was born in Amritsar. His father’s name was Prakash La Peshawaria and his mother was Premlata. Kiran also has four sisters. Kiran was also known as Kimi in her childhood. His family was a resident of Peshawar but in the year 1860, Kiran’s great-grandfather Lala Hargobind Peshawaria had moved from Peshawar to Amritsar. Received early education from Sacred Heart Convent School. After that, he obtained a master’s degree in Political Science from Punjab University. After that, Kiran Bedi completed LLB from Delhi University with a law degree and in the year 1993 obtained PhD degree from the Department of Social Sciences from IIT Delhi. Kiran started her career in the year 1970 as a lecturer at Khalsa College, Amritsar. But, a few months after their marriage in the year 1972, Kiran left for IPS training in July.
- Second Prime Minister of India: – On this day in the year 1964, Lal Bahadur Shastri became the second Prime Minister of India. Lal Bahadur Shastri was the Prime Minister of India for almost eighteen months from 9 June 1964 till his death on 11 January During this his tenure was unique.
- Actress Ameesha Patel:- On this day in the year 1975, Hindi film actress Ameesha Patel was born to Amit and Asha Patel in a Gujarati family at Breach Candy Hospital in Mumbai. She is the sister of Ashmit Patel and granddaughter of renowned lawyer-politician Barrister Rajni Patel, who was the Congress Pradesh Committee President of Mumbai. He started his career with the blockbuster romantic thriller film Kaho Naa… Pyaar Hai.
- Composer Anushka Shankar:- Music composer Anoushka Shankar was born on this day in the year 1981. Was born in a Bengali Hindu family in London. His father is sitarist and composer Ravi Shankar. He gave his first public performance at the age of just 13. By the age of fourteen, she had accompanied her father to concerts around the world.
- Actress Sonam Kapoor:- On this day in the year 1985, Hindi film actress Sonam Kapoor was born in Chembur, Mumbai. His father’s name is Anil Kapoor, he is a famous actor in Hindi films. His mother’s name is Sunita Kapoor. Sonam did her early studies at Arya Vidya Mandir School, Juhu. Sonam studied theater and arts at the United World College of South East Asia, Singapore. Sonam started her career as an assistant director in Rani Mukherjee’s film ‘Black’. But Sanjay Leeli Bhansali gave him a big break in his film ‘Saawariya’. For the first time in this film, she came in front of the people on the screen and appeared in newspapers and T.V. Got a lot of headlines on the channels too.
- Lyricist and poet Asad Bhopali: On this day in the year 1990, lyricist and poet Asad Bhopali passed away.
- Director Raj Khosla:- On this day in the year 1991, Raj Khosla, one of the top directors, producers, and screenwriters in Hindi films, passed away.
- Director Satyan Bose: On this day in the year 1993, Hindi film director Satyan Bose passed away.
- Dhirendra Brahmachari:- Indian Yogacharya Dhirendra Brahmachari passed away on this day in the year 1994. Dhirendra’s childhood name was ‘Dhirchandra Chowdhary’.
- Farmer leader N.G. Ranga:- On this day in the year 1995, freedom fighter, MP and farmer leader N.G. Ranga passed away.
- Doubles title of French Open:- On this day in the year 2001, the pair of Leander Paes and Mahesh Bhupathi won the doubles title of the French Open.
- Indradeep Sinha:- On this day in the year 2003, Indradeep Sinha, the Leftist Rajya Sabha MP from Bihar, passed away.
- Best Actor Award for ‘Chak De India’:- On this day in the year 2008, film actor Shahrukh Khan won the Best Actor Award for the film ‘Chak De India’ at the 9th International Indian Film Academy (IIFA) Awards ceremony…
- Painter Maqbool Fida Hussain:- On this day in the year 2011, Maharashtra’s painter Maqbool Fida Hussain passed away.
- Laliteshwar Prasad Shahi: – On this day in the year 2018, Raj leader Laliteshwar Prasad Shahi passed away.