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याद आते वो पल-24.
- नूरजहाँ:- आज ही के दिन वर्ष 1577 में मुग़ल सम्राट जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ (जिसका मूल नाम ‘मेहरुन्निसा’) का जन्म हुआ था. मेहरुन्निसा का जन्म 31 मई 1577 को कंधार, अफ़ग़ानिस्तान में हुआ था. मेहरुन्निसा असाधारण सुन्दरी होने के अतिरिक्त नूरजहाँ बुद्धिमती, शील और विवेकसम्पन्न भी थी. साथ ही साहित्य, कविता और ललित कलाओं में विशेष रुचि थी. मेहरुन्निसा का लक्ष्य भेद अचूक होता था. सत्रह वर्ष की उम्र में एक ईरानी युवक से मेहरुन्निसा का निकाह हुआ था. जिसे जहाँगीर के राज्य काल के प्रारम्भ में शेर अफ़ग़ान की उपाधि और बर्दवान की जागीर दी गई थी. वर्ष 1607 ई. में जहाँगीर के दूतों ने शेर अफ़ग़ान को एक युद्ध में मार डाला. मेहरुन्निसा को पकड़ कर दिल्ली लाया गया और उसे बादशाह के शाही हरम में भेज दिया गया जहाँ बादशाह अकबर की विधवा रानी ‘रुकईयाबेगम’ की परिचारिका बनी. सर्वप्रथम नौरोज़ त्यौहार के अवसर पर जहाँगीर ने मेहरुन्निसा को देखा और उसके सौन्दर्य पर मुग्ध होकर जहाँगीर ने 25 मई, 1611 ई. में उससे निकाह कर लिया. निकाह के पश्चात् जहाँगीर ने उसे ‘नूरमहल’ एवं ‘नूरजहाँ’ की उपाधि प्रदान की. मेहरुन्निसा की निकाह के बाद लोग उन्हें ‘नूरजहाँ’ के नाम जानते थे. वर्ष 1619 ई. में ‘नूरजहाँ’ ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए एक ही गोली से शेर को मार गिराया था. इन समस्त गुणों के कारण उसने अपने पति पर पूर्ण प्रभुत्व स्थापित कर लिया था. सिक्कों पर भी उसका नाम खोदा जाने लगा और वह महल में ही दरबार करने लगी। उसके पिता एत्मादुद्दोला और भाई आसफ़ ख़ाँ को मुग़ल दरबार में उच्च पद प्रदान किया गया था और उसकी भतीजी का विवाह, जो आगे चलकर मुमताज़ के नाम से प्रसिद्ध हुई. नूरजहाँ ने पहले पति से उत्पन्न अपनी पुत्री का विवाह जहाँगीर के सबसे छोटे पुत्र शहरयार से कर दिया और क्योंकि उसकी जहाँगीर से कोई संतान नहीं थी, अत: वह शहरयार को ही जहाँगीर के उपरांत राज सिंहासन पर बैठाना चाहती थी. जहाँगीर के जीवन काल में नूरजहाँ सर्वशक्ति सम्पन्न रही, किंतु 1627 ई. में जहाँगीर की मृत्यु के उपरांत उसकी राजनीतिक प्रभुता नष्ट हो गई.
- अहिल्याबाई होल्कर:- आज ही के दिन वर्ष 1725 में भारत की वीरांगनाओं में से एक अहिल्याबाई होल्कर का जन्म चौंडी नामक गाँव में हुआ था जो आजकल महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के जामखेड में पड़ता है. उनके पिता माणकोजी शिंदे जो क्षेत्र के पाटील थे. होल्कर का विवाह करीब दस-बारह वर्ष की आयु में हुआ. करीब उनतीस वर्ष की अवस्था में विधवा हो गईं हुआ था. अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मन्दिर बनवाए, घाट बँधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया, मार्ग बनवाए-सुधरवाए, भूखों के लिए अन्नसत्र (अन्यक्षेत्र) खोले, प्यासों के लिए प्याऊ बिठलाईं, मन्दिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन-चिन्तन और प्रवचन हेतु की. और, आत्म-प्रतिष्ठा के झूठे मोह का त्याग करके सदा न्याय करने का प्रयत्न करती रहीं-मरते दम तक..अहिल्याबाई के सम्बन्ध में दो प्रकार की विचारधाराएँ रही हैं. एक में उनको देवी के अवतार की पदवी दी गई है, दूसरी में उनके अति उत्कृष्ट गुणों के साथ अन्धविश्वासों और रूढ़ियों के प्रति श्रद्धा को भी प्रकट किया है.
- डाक सेवा कार्यालय:- आज ही के दिन भारत में पहला डाक सेवा कार्यालय वर्ष 1774 में कोलकाता में खोला गया.
- अण्णा साहेब किर्लोस्कर:- आज ही के दिन वर्ष 1843 में मराठी रंगमंच में क्रांति लाने वाले प्रसिद्ध नाटककारअण्णा साहेब किर्लोस्कर का जन्म बेलगाँव जिले के एक गाँव में हुआ था. विद्याध्ययन के लिए पूना भेजे गए किंतु संगीत और नाटक में आरंभ से ही रुचि होने के कारण स्कूली पढ़ाई में मन नहीं लगा. पढ़ाई छोड़कर किर्लोस्कर ने अध्यापक, सिपाही आदि की नौकरी की पर उनके जीवन का विकास नाटक के क्षेत्र में ही हुआ. उन्होंने वर्ष 1866 में भारत शास्त्रोत्तेजक मंडली की स्थापना की और अपने लिखे नाटक श्री शंकर-दिग्विजय और ‘अलाउद्दीन’ का मंचन किया. इस नाटक की सफलता ने मराठी रंगमंच में एक नया युग उपस्थित कर दिया.
- महाबोधि सोसाइटी:- आज ही के दिन वर्ष 1891में महा बोधि सोसाइटी एक दक्षिण एशियाई बौद्ध समाज है, जिसकी स्थापना श्रीलंका के बौद्ध नेता अनारिका धर्मपाल और ब्रिटिश पत्रकार और कवि सर एडविन अर्नोल्ड ने की थी.
- लाला जगत नारायन:- आज ही के दिन वर्ष 1899 में पत्रकार तथा हिन्द समाचार समूह के संस्थापक लाला जगत नारायन का जन्म वजीराबाद, गुजरांवाला जिले (अब पाकिस्तान) में हुआ था. उन्होने लाहौर के दयानन्द ऐंग्लोवैदिक कॉलेज से स्नातक किया तथा लाहौर के विधि महाविद्यालय (ला कॉलेज) में प्रवेश लिया. वर्ष 1920 में अध्ययन छोड़ दिया और महात्मा गाँधी के असहयोग आन्दोलन में शामिल हुए. इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा जब उन्हें लगभग ढाई वर्ष जेल में रहना पड़ा. जेल ही में उन्हें प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय के निजी सचिव के तौर पर कार्य करने का सौभाग्य मिला. वर्ष 1924 में ही लाला जगत नारायण जी को भाई परमानन्द द्वारा प्रकाशित ‘आकाशवाणी’ नामक साप्ताहिक समाचार पत्र में बतौर संपादक का कार्यभार मिला. यहीं से के पत्रकारिता जीवन की उम्दा शुरूआत हुई लेकिन उनमें देशभावना के प्रति उत्साह कूट-कूट कर भरा था. वे सभी सत्याग्रह आन्दोलन लाला जी का प्रमुख हिस्सा बने रहे और देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए लगभग नौ वर्ष तक कारावास भी काटा बल्कि लाला जी की पत्नी को भी छ: महीने जेल काटनी पड़ी जबकि उनके बड़े बेटे रमेश चोपड़ा को भी भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार किया लेकिन लाला जी ने इन सब विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी.1965 में लाला जी ने पंजाब केसरी दैनिक हिन्दी समाचार पत्र की स्थापना कर डाली जिसे पहले उत्तर भारत के राज्यों तथा बाद में मध्य एवं पूर्व और पश्चिम राज्यों में भी खूब लोकप्रियता मिली. लाला जी अपने जीवनकाल में हमेशा ही आदर्श परिवार एवं आदर्श समाज स्थापना तथा नैतिक कर्तव्य एवं योगदान के लिए प्रेरणास्रोत रहे.
- झंडे को अंगीकार किया :- आज ही के दिन वर्ष 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया गया.
- राज खोसला:- आज ही के दिन वर्ष 1925 में हिंदी फ़िल्मों में शीर्ष निर्देशक, निर्माणकर्ता और पटकथाकारों में से एक राज खोसला का जन्म पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था. राज खोसला की प्रारंभिक शिक्षा अंजुमन इस्लामिक स्कूल में हुई. उन्होंने एलिफोस्टन कॉलेज से अंग्रेज़ी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. खोसला बचपन से ही गीत संगीत की ओर रूझान था और वे प्लेबैक सिंगर बनना चाहते थे. आकाशवाणी में बतौर उद्घोषक और पार्श्वगायक का काम करने के बाद राज खोसला 19 वर्ष की उम्र में अपने पिता के साथ पार्श्वगायक की तमन्ना लिए मुंबई आ गए. उनके चाचा देवानंद के पिता किशोरी आनंद के गहरे दोस्त थे. मुंबई आने के बाद राज खोसला ने रंजीत स्टूडियों में अपना स्वर परीक्षण कराया और इस कसौटी पर वह खरे भी उतरे लेकिन रंजीत स्टूडियों के मालिक सरदार चंदू लाल ने उन्हें बतौर पार्श्वगायक अपनी फ़िल्म में काम करने का मौका नहीं दिया.उन दिनों रंजीत स्टूडियो की स्थिती ठीक नही थी और सरदार चंदूलाल को नए पार्श्वगायक की अपेक्षा मुकेश पर ज़्यादा भरोसा था अतः उन्होंने अपनी फ़िल्म में मुकेश को ही पार्श्वगायन करने का मौका देना उचित समझा.राज खोसला द्वारा निर्देशित अन्य फ़िल्मों में ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’, ‘दो रास्ते’ ‘सोलहवां साल’ ‘काला पानी’ ‘एक मुसाफिर एक हसीना’, ‘चिराग’, ‘मेरा साया’ आदि प्रमुख हैं.
- वनराज भाटिया :- आज ही के दिन वर्ष 1927 में भारतीय फ़िल्मों के प्रसिद्ध संगीत निर्देशक वनराज भाटिया का जन्म बॉम्बे, ब्रिटिश भारत में हुआ था. 70 और 80 के दशक की समानांतर फिल्मों में सुमधुर संगीत देने के लिए वनराज भाटिया मशहूर रहे. एक समय सिनेमा जगत में उनका ऊंचा नाम था और उनके द्वारा संगीतबद्ध किए गए गाने खूब पसंद किए जाते हैं. कॅरियर की ऊंचाइयों को छूने वाले वनराज भाटिया ने जीवन के अंतिम वर्ष आर्थिक संकट भी देखा.वर्ष 1974 में रिलीज हुई श्याम बेनेगल निर्देशित फिल्म ‘अंकुर’ बतौर संगीतकार वनराज भाटिया की पहली फिल्म थी.
- विनोद मेहता:- आज ही के दिन वर्ष 1942 में आउटलुक के संस्थापक एवं प्रसिद्ध पत्रकार विनोद मेहता का जन्म रावलपिंडी (पाकिस्तान) में हुआ था. विनोद मेहता न्यूज चैनलों में बतौर पैनलिस्ट बहुत बेबाकी से अपनी राय रखते थे. विनोद मेहता ने वर्ष 2011 में आत्मकथा ‘लखनऊ ब्वॉय’ लिखी और वे टीवी पर चर्चा करने वालों में लोकप्रिय चेहरा थे. मेहता मौजूदा दौर के सबसे प्रयोगधर्मी संपादक रहे. उन्होंने अपने पत्रकारीय करियर की शुरुआत प्लेब्वॉय के भारतीय संस्करण डेबोनियर के संपादक के तौर पर की.उन्होंने अपने इस सफर के दौरान भारत के सबसे पहले साप्ताहिक अखबार, द संडे आब्जर्वर को शुरू किया. इसके बाद इंडियन पोस्ट और इंडिपेंडेंट जैसे अखबारों को संभाला. पायनियर के दिल्ली संस्करण की शुरुआत की और इन सबके बाद करीब डेढ़ दशक तक आउटलुक समूह की दस पत्रिकाओं का संपादन किया जिसमें आउटलुक भी शामिल है जिसने भारतीय समाचार पत्रिकाओं में सबसे लोकप्रिय पत्रिका इंडिया टुडे को पीछे छोड़ दिया था.
- राजीव चंद्रशेखर:- आज ही के दिन वर्ष 1964 में भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ राजीव चंद्रशेखर का जन्म हुआ था.
- निर्वासन के बाद भारत में शरण:- आज ही के दिन वर्ष 1959 में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को तिब्बत से निर्वासन के बाद भारत में शरण दी गई.
- इलेक्ट्रिक ट्राम:- आज ही के दिन वर्ष 1964 में बंबई में इलेक्ट्रिक ट्राम अंतिम बार चली.
- दो मिलियन लोगों को शरणार्थियों :-आज ही के दिन वर्ष 1970 में इंदिरा गांधी ने पूर्वी पाकिस्तान में गृह युद्ध के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मदद का आह्वान किया था. करीब दो मिलियन लोगों को शरणार्थियों में बदल दिया. उनमें से कई हैजा और चेचक से पीड़ित थे. पश्चिम पाकिस्तान के अधिकारियों ने उनकी देखभाल करने से इनकार कर दिया, जिसे भारत बर्दाश्त नहीं कर सका.
- गुरनाम सिंह:- आज ही के दिन वर्ष 1973 में भारतीय राजनीतिज्ञ और पंजाब के मुख्यमंत्री गुरनाम सिंह का निधन हुआ था.
- निर्देशक जॉन अब्राहम:- आज ही के दिन वर्ष 1987 में लघु कथा लेखक, मलयाली भारतीय फ़िल्म निर्माता-निर्देशक और पटकथा लेखक निर्देशक जॉन अब्राहम का निधन हुआ था.
- संतराम बी. ए. :- आज ही के दिन वर्ष 1988 में समाज सुधारक और लेखक संतराम बी. ए. का निधन हुआ था.
- द्वारका प्रसाद मिश्रा:- आज ही के दिन वर्ष 1988 में भारत के प्रसिद्ध राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार, साहित्यकार तथा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा का निधन हुआ था.
- वीरेंद्र कुमार सकलेचा:- आज ही के दिन वर्ष 1999 में मध्य प्रदेश के भूतपूर्व 10वें मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा का निधन हुआ था.
- संयुक्त राष्ट्र की पेशकश को:- आज ही के दिन वर्ष 1999 में भारत ने भारत-पाक तनावों को रोकने के लिए विशेष दूत भेजने की संयुक्त राष्ट्र की पेशकश को खारिज कर दिया.
- जगन्नाथ कौशल:- आज ही के दिन वर्ष 2001 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के राजनेता जगन्नाथ कौशल का निधन हुआ था.
- अनिल बिस्वास:- आज ही के दिन वर्ष 2003 में संगीतकार अनिल बिस्वास का निधन हुआ था.
- पाकिस्तान वापस हुए:- आज ही के दिन वर्ष 2008 में औपचारिक दस्तावेज के अभाव में पाकिस्तान के पूर्व मंत्री अंसार बर्नी नई दिल्ली हवाई अड्डे से पाकिस्तान वापस हुए.
- कमला दास:- आज ही के दिन वर्ष 2009 में अंग्रेज़ी और मलयालम की लेखिका कमला दास का निधन हुआ था.
- 25 फ़ीसदी सीटें आरक्षित करने:- आज ही के दिन वर्ष 2010 में भारत में मान्यता प्राप्त हर प्राइवेट स्कूल में ग़रीब बच्चों के लिए 25 फ़ीसदी सीटें आरक्षित करने का क़ानून बनाया गया.
- बचत खाता धारकों के ब्याज की गणना:- आज ही के दिन वर्ष 2010 में भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार 1 अप्रैल से बैंक में बचत खाता धारकों के ब्याज की गणना दैनिक आधार पर होगी। अब तक ब्याज की गणना बचत बैंक खाते में महीने की दस तारीख से लेकर अंतिम तारीख तक उपलब्ध न्यूनतम राशि के आधार पर की जाती थी.
- के. के. (गायक):- आज ही के दिन वर्ष 2022 में भारतीय पार्श्वगायक के. के.का निधन हुआ था. कृष्ण कुमार नई दिल्ली में पले बढे. उनके बॉलीवुड ब्रेक से पहले उन्होंने लगभग 3,500 विज्ञापनों हेतु गीत गाए. उन्होंने 1999 क्रिकेट विश्व कप के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के समर्थन के लिए “जोश ऑफ़ इंडिया” गाना भी गाया. के. के ने एक बार कहा था की वो उनका परिवार ही है जो उन्हें बॉलीवुड के दबाव से निपटने की प्रेरणा देती है, जहाँ जगह बनाने के लिए लगातार प्रयास करते रहना परता है.
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Remember those moments-24.
- Nur Jahan: – On this day in the year 1577, Mughal Emperor Jahangir’s wife Noor Jahan (whose original name was ‘Mehrunnisa’) was born. Mehrunnisa was born on 31 May 1577 in Kandahar, Afghanistan. In addition to Mehrunnisa being exceptionally beautiful, Nur Jahan was also intelligent, modest, and prudent. Also had a special interest in literature, poetry, and fine arts. Mehrunnisa’s target discrimination was accurate. At the age of seventeen, Mehrunnisa was married to an Iranian youth. Who was given the title of Sher Afgan and the jagir of Burdwan at the beginning of Jahangir’s reign? In the year 1607 AD, the messengers of Jahangir killed Sher Afgan in a battle. Mehrunnisa was captured and brought to Delhi and sent to the emperor’s royal harem, where she became the mistress of Ruqaiya Begum, the widow of Emperor Akbar. First of all, Jahangir saw Mehrunnisa on the occasion of the Nowruz festival and being fascinated by her beauty, Jahangir married her on May 25, 1611 AD. After marriage, Jahangir gave her the title of ‘Nur Mahal’ and ‘Noor Jahan’. After Mehrunnisa’s marriage, people knew her by the name of ‘Noorjahan’. In the year 1619 AD, ‘Noor Jahan’ killed a lion with a single bullet while demonstrating his art. Due to all these qualities, she had established complete dominance over her husband. Her name was also engraved on the coins and she started courting in the palace itself. His father Etmaduddola and brother Asaf Khan were given high positions in the Mughal court and the marriage of his niece, who later became known as Mumtaz. Nur Jahan married her daughter born from her first husband to Jahangir’s youngest son Shahryar and because she had no child from Jahangir, she wanted Shahryar to sit on the throne after Jahangir. Noorjahan remained omnipotent during Jahangir’s lifetime, but after Jahangir’s death in 1627 AD, her political dominance was destroyed.
- Ahilyabai Holkar: – On this day in the year 1725, one of the heroines of India, Ahilyabai Holkar was born in a village named Chaundi, which nowadays falls in Jamkhed, Ahmednagar district of Maharashtra. His father Mankoji Shinde was the Patil of the area. Holkar got married at the age of about ten-twelve years. She had become a widow at the age of about twenty-nine. Ahilyabai built temples, built ghats, built wells, and step wells, built and improved roads, opened Annasatra (other areas) for the hungry, and made water beds for the thirsty, outside the boundaries of her state. Scholars were appointed in the temples for meditation and discourse on the scriptures. And, abandoning the false attachment to self-respect, she always tried to do justice till her death. There have been two types of ideologies regarding Ahilyabai. In one, she has been given the title of incarnation of Goddess, in the other, along with her excellent qualities, reverence for superstitions and customs has also been expressed.
- Postal Service Office: – On this day, the first postal service office in India was opened in Kolkata in the year 1774.
- Anna Saheb Kirloskar:- On this day in the year 1843, famous playwright Anna Saheb Kirloskar, who brought a revolution in Marathi theatre, was born in a village in Belgaum district. He was sent to Pune for studies, but due to his interest in music and drama from the beginning, he did not feel like schooling. Leaving her studies, Kirloskar worked as a teacher, constable, etc. but his life developed in the field of drama only. In the year 1866, he established Bharat Shastrotjek Mandali and staged his own plays Shri Shankar-Digvijay and ‘Alauddin’. The success of this play ushered in a new era in Marathi theatre.
- Mahabodhi Society: – On this day in the year 1891, the Mahabodhi Society is a South Asian Buddhist society, founded by Sri Lankan Buddhist leader Anarika Dharmapala and British journalist and poet Sir Edwin Arnold.
- Lala Jagat Narayan:- On this day in the year 1899, journalist and founder of Hind News Group, Lala Jagat Narayan was born in Wazirabad, Gujranwala district (now in Pakistan). He graduated from the Dayanand Anglo-Vedic College in Lahore and took admitted to the Law College (Law College) of Lahore. Left studies in the year 1920 and joined Mahatma Gandhi’s non-cooperation movement. He also had to bear the brunt of this when he had to stay in jail for almost two and a half years. In jail itself, he got the privilege of working as the private secretary of famous freedom fighter Lala Lajpat Rai. In the year 1924, Lala Jagat Narayan ji got the charge of editor in the weekly newspaper named ‘Akashvani’ published by Bhai Parmanand. It was from here that her journalistic life started well, but he was full of enthusiasm toward patriotism. All of them remained a major part of the Satyagraha movement Lala ji was imprisoned for almost nine years to free the country from the slavery of the British, but Lala ji’s wife also had to spend six months in jail, while his elder son Ramesh Chopra also The British government arrested him during the Quit India movement, but Lalaji did not lose courage even in all these adverse circumstances. In 1965, Lalaji established the Punjab Kesari daily Hindi newspaper, which was published first in the states of North India and later in Central and Central India. Got a lot of popularity in East and West states too. Lala Ji always remained an inspiration for the establishment of an ideal family and ideal society and moral duty and contribution during his lifetime.
- Flag adopted: – On this day in the year 1921, the Indian National Congress flag was adopted.
- Raj Khosla:- On this day in the year 1925, Raj Khosla, one of the top directors, producers, and screenwriters in Hindi films, was born in the Ludhiana city of Punjab. Raj Khosla’s early education took place at Anjuman Islamic School. He graduated in English from Elphinstone College. Khosla was inclined toward music since childhood and wanted to become a playback singer. After working as an announcer and playback singer in All India Radio, Raj Khosla came to Mumbai at the age of 19 with his father to pursue a career as a playback singer. His uncle Devanand’s father was a close friend of Kishori Anand. After coming to Mumbai, Raj Khosla got his voice tested in Ranjit Studios and he also came true to this criterion but Sardar Chandu Lal, the owner of Ranjit Studios, did not give him a chance to work in his film as a playback singer. The performance was not good and Sardar Chandulal had more faith in Mukesh than the new playback singer, so he thought it appropriate to give Mukesh a chance to do playback in his film. Other films directed by Raj Khosla include ‘Main Tulsi Tere Aangan Ki’, ‘Do Raaste’. ‘Sixteenth year’, ‘Kala Pani’, ‘Ek Musafir Ek Haseena’, ‘Chirag’, ‘Mera Saya’, etc. are prominent.
- Vanraj Bhatia:- On this day in the year 1927, the famous music director of Indian films Vanraj Bhatia was born in Bombay, British India. Vanraj Bhatia was famous for giving melodious music in parallel films of the 70s and 80s. At one time he had a high name in the cinema world and the songs composed by him are very much liked. Vanraj Bhatia, who touched the heights of his career, also saw an economic crisis in the last year of his life. The film ‘Ankur’ directed by Shyam Benegal released in the year 1974 was the first film of Vanraj Bhatia as a music composer.
- Vinod Mehta:- On this day in the year 1942, Vinod Mehta, the founder of Outlook and a famous journalist, was born in Rawalpindi (Pakistan). Vinod Mehta used to express his opinion very frankly as a panelist on news channels. Vinod Mehta wrote his autobiography ‘Lucknow Boy’ in the year 2011 and was a popular face on TV talk shows. Mehta was the most experimental editor of the present era. He began his journalistic career as the editor of Debonair, the Indian edition of Playboy. He started India’s first weekly newspaper, The Sunday Observer, during his journey. After this, he handled newspapers like Indian Post and Independent. Started the Delhi edition of Pioneer and after all this, for nearly a decade and a half, edited ten magazines of the Outlook Group, including Outlook, which had overtaken India Today as the most popular magazine among Indian news magazines.
- Rajeev Chandrasekhar:- On this day in the year 1964, Bharatiya Janata Party politician Rajeev Chandrasekhar was born.
- Asylum in India after exile: – On this day in the year 1959, Buddhist religious leader Dalai Lama was given asylum in India after exile from Tibet.
- Electric Tram: – On this day in the year 1964, the electric tram ran for the last time in Bombay.
- Refugees to two million people:- On this day in the year 1970, Indira Gandhi called for international help in the form of a civil war in East Pakistan. Nearly two million people were turned into refugees. Many of them were suffering from cholera and smallpox. West Pakistan officials refused to take care of him, which India could not tolerate.
- Gurnam Singh:- On this day in the year 1973, Indian politician and Chief Minister of Punjab Gurnam Singh passed away.
- Director John Abraham:- On this day in the year 1987, short story writer, Malayalam Indian film producer-director and screenwriter-director John Abraham passed away.
- Santram B. A.:- On this day in the year 1988, social reformer and writer Santram B. A. passed away.
- Dwarka Prasad Mishra:- On this day in the year 1988, India’s famous politician, freedom fighter, journalist, litterateur and former Chief Minister of Madhya Pradesh Dwarka Prasad Mishra passed away.
- Virendra Kumar Saklecha:- On this day in the year 1999, the former 10th Chief Minister of Madhya Pradesh Virendra Kumar Saklecha passed away.
- To the offer of the United Nations: – On this day in the year 1999, India rejected the offer of the United Nations to send a special envoy to stop Indo-Pak tensions.
- Jagannath Kaushal: – On this day in the year 2001, Indian National Congress politician Jagannath Kaushal passed away.
- Anil Biswas:- Music composer Anil Biswas passed away on this day in the year 2003.
- Returned to Pakistan:- On this day in the year 2008, former minister of Pakistan Ansar Burney returned to Pakistan from New Delhi airport due to a lack of formal documents.
- Kamala Das:- On this day in the year 2009, English and Malayalam writer Kamala Das passed away.
- To reserve 25% seats:- On this day in the year 2010, a law was made to reserve 25% seats for poor children in every recognized private school in India.
- Calculation of interest of savings account holders:- As per the guidelines of the Reserve Bank of India on this day in the year 2010, from April 1, the interest of savings account holders in the bank will be calculated on a daily basis. Till now the interest was calculated on the basis of the minimum balance available in the savings bank account from the 10th to the last date of the month.
- K.K. Of. (Singer):- On this day in the year 2022, Indian playback singer K. K passed away. Krishna Kumar grew up in New Delhi. Before his Bollywood break, he sang for around 3,500 commercials. He also sang the song “Josh of India” to support the Indian cricket team during the 1999 Cricket World Cup. Of. K once said that it is his family that inspires him to deal with the pressure of Bollywood, where one has to keep striving to make a place.