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याद आते वो पल-12.
- टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा:- आज ही के दिन वर्ष 1904 में टाटा समूह के संस्थापक जमशेद जी टाटा का निधन बैड नौहाइम (जर्मनी) में हुआ था.
- नाथूराम गोडसे:- आज ही के दिन वर्ष 1910 में नाथूराम गोडसे का जन्म नासिक (महाराष्ट्र) के निकट मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. इनके पिता विनायक वामनराव गोडसे पोस्ट आफिस में काम करते थे और माता लक्ष्मी गोडसे एक गृहणी थीं. नाथूराम के जन्म का नाम रामचन्द्र था. बताते चलें कि, नाथूराम के जन्म से पहले इनके माता-पिता की सन्तानों में तीन पुत्रों की अल्पकाल में ही मृत्यु हो गयी थी केवल एक पुत्री ही जीवित बची थी इसलिये, इनके माता-पिता ने पुरुष सन्तानों की जीवन पर श्राप समझ कर ईश्वर से प्रार्थना की थी कि यदि अब कोई पुत्र हुआ तो उसका पालन-पोषण लड़की की तरह किया जायेगा। इसी मान्यता के कारण बालक रामचन्द्र की नाक बचपन में ही छिदवा दिया गया और मान्यता अनुसार रामचन्द्र को बालकाल में अपने नाक में एक नथ। भी पहनना पड़ता था इसी के कारण बालक रामचन्द्र को नथुराम के नाम से बुलाया जाने लगा.इनकी प्रारम्भिक शिक्षा पुणे में हुई थी परन्तु हाईस्कूल के बीच में ही अपनी पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी तथा उसके बाद कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली.धार्मिक पुस्तकों में गहरी रुचि होने के कारण रामायण, महाभारत, गीता, पुराणों के अतिरिक्त स्वामी विवेकानन्द, स्वामी दयानन्द, बाल गंगाधर तिलक तथा महात्मा गान्धी के साहित्य का इन्होंने गहरा अध्ययन किया था.राजनैतिक जीवन के प्रारम्भिक दिनों में नाथूराम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गये, और अन्त में 1930 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी छोड़ दिया और अखिल भारतीय हिन्दू महासभा में चले गए. 1940 में हैदराबाद के तत्कालीन शासक निजाम ने उसके राज्य में रहने वाले हिन्दुओं पर बलात जजिया कर लगाने का निर्णय लिया जिसका हिन्दू महासभा ने विरोध करने का निर्णय लिया। वर्ष 1947 में भारत का विभाजन और विभाजन के समय हुई साम्प्रदायिक हिंसा ने नाथूराम को अत्यन्त उद्वेलित कर दिया। विभाजन के समय हुए निर्णय के अनुसार भारत द्वारा पकिस्तान को 75 करोड़ रुपये देने थे, जिसमें से 20 करोड़ दिए जा चुके थे. उसी समय पाकिस्तान ने भारत के कश्मीर प्रान्त पर आक्रमण कर दिया जिसके कारण भारत के तत्कालीन प्रधानमन्त्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और गृहमन्त्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में भारत सरकार ने पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये न देने का निर्णय किया, परन्तु भारत सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध गांधी अनशन पर बैठ गये.गांधी के इस निर्णय से क्षुब्ध नाथूराम गोडसे और उनके कुछ साथियों ने महात्मा गांधी की हत्या करने का निर्णय लिया। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे दिल्ली के बिड़ला भवन में प्रार्थना-सभा के समय से 40 मिनट पहले पहुँच गये. जैसे ही गान्धी जी प्रार्थना-सभा के लिये परिसर में दाखिल हुए, नाथूराम ने पहले उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम किया उसके बाद बिना कोई बिलम्ब किये अपनी पिस्तौल से तीन गोलियाँ मार कर गांधी का अन्त कर दिया. गोडसे ने उसके बाद भागने का कोई प्रयास नहीं किया.
- छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी:- आज ही के दिन वर्ष 1913 में भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी का जन्म इल्लुर ग्राम, अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) ज़िले के कृषक परिवार में हुआ था.इनके पिता का नाम नीलम चिनप्पा रेड्डी था जो कांग्रेस पार्टी के काफ़ी पुराने कार्यकर्ता और प्रसिद्ध नेता टी० प्रकाशम के साथी थे.नीलम संजीव रेड्डी की प्राथमिक शिक्षा ‘थियोसोफिकल हाई स्कूल’ अड़यार, मद्रास में सम्पन्न हुई. महात्मा गांधी के आह्वान पर जब लाखों युवा पढ़ाई और नौकरी का त्याग कर स्वाधीनता संग्राम में जुड़ रहे थे, तभी नीलम संजीव रेड्डी मात्र 18 वर्ष की उम्र में ही इस आंदोलन में कूद पड़े और पढ़ाई छोड़ दी थी.रेड्डी 1940 से 1945 तक जेल में कैद रहे. प्रथम बार सितम्बर 1940 में छह माह के लिए जेल गए. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इन्हें 11 अगस्त 1942 को गिरफ्तार करके अमरावती तथा वेल्लूर की जेलों में कैद थे.रिहाई के बाद 1946 में यह मद्रास विधायिका में निर्वाचित हुए तथा 1947 में मद्रास विधायिका में सेक्रेटरी बनाए गए.वर्ष 1947 में यह भारत की संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य भी रहे. 10 मार्च 1962 को इन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.12 मार्च 1962 को पुन: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, जब डी०संजीवैय्या मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया. 09 जून 1964 को रेड्डी राष्ट्रीय राजनीति में आए और प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने इन्हें केन्द्र में स्टील एवं खान मंत्रालय प्रदान किया. वर्ष 1964 में ही यह राज्यसभा के लिए मनोतीत हुए और 1967 तक इसके सदस्य बने रहे.17 मार्च 1967 को इन्हें लोक सभा का स्पीकर बनाया गया लेकिन, 19 जुलाई 1969 को इन्होंने लोकसभा के स्पीकर पद से त्यागपत्र दे दिया. 21 जुलाई को सायंकाल 03 बजे तक नाम वापस लिया जा सकता था. तभी 03 बजकर 05 मिनट पर चुनाव अधिकारी ने प्रेस को सूचित किया कि नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं. 25 जुलाई 1977 को प्रात: काल 10 बजे केन्द्रीय हॉल में शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न हुआ.
- अंग्रेज़ी भाषा के लेखक रस्किन बॉण्ड:- आज ही के दिन वर्ष 1934 में अंग्रेज़ी भाषा के प्रसिद्ध भारतीय लेखक रस्किन बॉण्ड का जन्म कसौली (हिमाचल प्रदेश) में हुआ था. उनके पिता रॉयल एयर फोर्स में थे. जब रस्किन की उम्र 04 साल की थी तो, उनके पिता की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद ‘वो’ दादी के साथ रहते थे. रस्किन बॉण्ड ने अपनी पढ़ाई शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से पूरी की. इसके बाद वे लंदन चले गये. बचपन से ही लिखने का शौक होने की वजह से वे कॉलेज तक आते-आते एक मंझे हुए लेखक बन गए और कई पुरस्कार भी जीते थे.उन्होंने 17 साल की उम्र में पहला उपन्यास ‘रूम ऑन द रूफ’ लिखा था.जिसके लिए उन्हें उन्हें वर्ष 1957 में ‘जॉन लिवेलिन् राइस पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था. वर्ष 1999 में बाल साहित्य में योगदान के लिये वे ‘पद्म श्री’ से और वर्ष 2014 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
- कवि, रंगमंच कर्मी, कहानी लेखक, नाटककार, फ़िल्म निर्देशक और फ़िल्म अभिनेता गिरीश कर्नाड:- आज ही के दिन वर्ष 1938 कवि, रंगमंच कर्मी, कहानी लेखक, नाटककार, फ़िल्म निर्देशक और फ़िल्म अभिनेता गिरीश कर्नाड का जन्म माथेरान (महाराष्ट्र) के कोंकणी भाषी परिवार में हुआ था. बचपन से उनकी रुचि नाटकों की तरफ थी। महाराष्ट्र में जन्में गिरीश ने स्कूल के समय से ही थियेटर से जुड़कर काम करना शुरू कर दिया था. वर्ष 1958 में धारवाड़ स्थित कर्नाटक विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि ली. इसके पश्चात वे एक रोड्स स्कॉलर के रूप में इंग्लैंड चले गए जहां उन्होंने ऑक्सफोर्ड के लिंकॉन तथा मॅगडेलन महाविद्यालयों से दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र तथा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की. कन्नड़ भाषा में लिखे उनके नाटकों का अंग्रेजी समेत कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है. कार्नाड ने ऐतिहासिक तथा पौराणिक पात्रों से तत्कालीन व्यवस्था को दर्शाने का तरीका अपनाया तथा काफी लोकप्रिय हुए.उनके नाटक ययाति (1961, प्रथम नाटक) तथा तुग़लक़ (1964) ऐसे ही नाटकों का प्रतिनिधित्व करते हैं. तुगलक से कार्नाड को बहुत प्रसिद्धि मिली और इसका कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है. वर्ष 1972 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला उसके बाद वर्ष 1974 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया. वर्ष 1992 में पद्मभूषण तथा कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
- अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी:- आज ही के दिन वर्ष 1974 में भारतीय फ़िल्म अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का जन्म मुज़फ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) डिस्ट्रिक्ट के एक छोटे से गाँव बुढ़ाना के ज़मींदार किसान परिवार में हुआ था. नवाज़ुद्दीन अपना करियर बनाते वक्त उन्होंने परिवार से कोई आर्थिक मदद नहीं ली और बहुत बुरे दिन देखे जिसके कारण वो काफी स्ट्रोंग हो गए.उन्होने गुरुकुल कंगरी विश्वविद्यालया से अपनी केमिस्ट्री में बीएससी की पढाई पूरी की. इसके बाद वो वडोदरा (गुजरात) में एक कम्पनी में बतौर केमिस्ट काम करने लगे. उन्होने ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ में दाखिला ले लिया और वर्ष 1996 में वहां से ग्रेजुएट होकर निकले. वर्ष 1999 में शूल फिल्म में वेटर और सरफरोश में मुखबिर का रोल करने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी ऐसे सितारे बन चुके हैं जिनका कान फिल्म फेस्टिवल में एक साथ तीन-तीन फिल्में जलवा बिखेरती है.नवाजुद्दीन को वर्ष 2012 की तलाश, गैंग्स ऑफ वासेपुर-1, 2 और कहानी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया.
- हिन्दी के साहित्यकार हज़ारी प्रसाद द्विवेदी:- आज ही के दिन वर्ष 1979 में हिन्दी के साहित्यकार हज़ारी प्रसाद द्विवेदी का निधन हुआ था. आधुनिक हिंदी साहित्य के निबन्धकार, उपन्यासकार, आलोचक एवं सम्पादक भी थे हज़ारी प्रसाद द्विवेदी. उन्होंने हिंदी गद्य साहित्य की अनेक विधाओं की रचना की है. द्विवेदी जी की संस्कृत भाषा और हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ थी. इसके अतिरिक्त वे अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के भी ज्ञानी थे. द्विवेदी जी की भाषा खड़ी बोली हिंदी थी. इन्होंने खड़ी बोली हिंदी को गद्य की भाषा के रुप में प्रधानता दी. इन्होंने व्याकरण तथा वर्तनी की अशुद्धियों पर विशेष ध्यान दिया, उनकी भाषा में तत्सम शब्द अधिक होते हैं. उन्होंने व्यंग्यात्मक शैली का भी प्रयोग किया.
- फिजी के प्रधानमंत्री:- आज ही के दिन वर्ष 1999 में फिजी के प्रधानमंत्री भारतीय मूल के महेन्द्र चौधरी बने. चौधरी फिजी लेबर पार्टी के नेता हैं. ज्ञात है कि, किन्तु ठीक एक वर्ष बाद 19 मई 2000 को उन्हें तथा उनके अधिकांश मंत्रियों को जॉर्ज स्पीट द्वारा बन्धक बना लिया गया.
- रंगमंचकर्मी विजय तेंदुलकर:- आज ही के दिन वर्ष 2008 में भारतीय नाटककार और रंगमंचकर्मी विजय तेंदुलकर का निधन हुआ था.
- नाथुला दर्रे से व्यापार:- आज ही के दिन वर्ष 2008 में भारत व चीन के बीच नाथुला दर्रे से व्यापार पुनः शुरू हुआ.
- सामाजिक सुरक्षा पर सम्मेलन का उदघाटन:- आज ही के दिन वर्ष 2008 में विश्व श्रम संगठन के कार्यकारी अक्ष्यक्ष असाने ने नई दिल्ली में सामाजिक सुरक्षा पर सम्मेलन का उदघाटन किया.
- बैंक आफ़ बड़ौंदा:- आज ही के दिन वर्ष 2008 में बैंक आफ़ बड़ौंदा ने वर्ष 2007-08 में अपने शुद्ध लाभ में 9% की वृद्धि दर्ज की थी.
- भारतीय यात्रियों का दौरा स्थगित किया:- आज ही के दिन वर्ष 2008 में कैलाश मानसरोवर के लिए चीन ने भारतीय यात्रियों का दौरा स्थगित किया.
- टैंकर मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त:- आज ही के दिन वर्ष 2010 में बिहार के मुजफ्फरपुर-रक्सौल रेलखंड पर मोतीहारी ज़िला के जीवधारा और पीपरा रेलवे स्टेशन के बीच बंगारी हॉल्ट के समीप नक्सलियों ने रेल पटरी उड़ा दी, जिससे एक टैंकर मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई तथा इसकी 13 बोगियों में आग लग गई.
- 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी:- आज ही के दिन वर्ष 2010 में भारत सरकार को 34 दिनों से चले आ रहे 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से 95 करोड़ रुपए का शुल्क मिलना तय हो गया. इस नीलामी से देश में वीडियो कॉलिंग और हाईस्पीड इंटरनेट का रास्ता खुला था.
- राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों:- आज ही के दिन वर्ष 2010 में 58वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा हुई. फ़िल्म ‘मोनेर मानुस’ को राष्ट्रीय एकता के लिए पुरस्कृत किया गया है. इसके अलावा फिल्मक ‘दबंग’ को सर्वाधिक मनोरंजक फ़िल्म का पुरस्कार दिया गया. मलयालम फ़िल्म ‘अदामिन्ते माकान अबू’ को सर्वश्रेठ फ़िल्म चुना गया. जबकि अरुणिमा शर्मा को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया है. मलयालम फ़िल्म ‘एदेमाइन्ते माकान अबू’ के लिए मलयालम अभिनेता सलीम कुमार और तमिल अभिनेता धनुष संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुने गए. मिताली जगताप और सरन्ना पी को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया.
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Remember those moments-12.
- Jamshedji Tata, founder of Tata Group:- On this day in the year 1904, Jamshedji Tata, the founder of Tata Group, died in Bad Nauheim (Germany).
- Nathuram Godse: – On this day in the year 1910, Nathuram Godse was born in a Marathi Brahmin family near Nashik (Maharashtra). His father Vinayak Vamanrao Godse worked in the post office and his mother Lakshmi Godse was a housewife. Nathuram’s birth name was Ramchandra. Let us tell that, before the birth of Nathuram, three sons of his parents had died in a short time, and only one daughter was left alive, therefore, his parents prayed to God considering the life of male children as a curse. Had prayed that if a son is born now, he will be brought up like a girl. Due to this belief, the nose of the child Ramchandra was pierced in his childhood and according to the belief, Ramchandra had a nose ring in his childhood. Because of this, the child Ramchandra was called by the name of Nathuram. He had his early education in Pune but left his studies in the middle of high school and did not take any formal education after that. He was deeply immersed in religious books. Due to his interest, he deeply studied the literature of Ramayana, Mahabharata, Gita, and Puranas, besides Swami Vivekananda, Swami Dayanand, Bal Gangadhar Tilak, and Mahatma Gandhi. In the early days of political life, Nathuram joined the Rashtriya Swayamsevak Sangh, and Finally, in 1930, he left the Rashtriya Swayamsevak Sangh and joined the All India Hindu Mahasabha. In 1940, the then-ruler of Hyderabad, the Nizam, decided to impose Jizya by force on the Hindus living in his state, which the Hindu Mahasabha decided to oppose. The partition of India in the year 1947 and the communal violence at the time of partition made Nathuram very excited. According to the decision taken at the time of partition, India was to give 75 crores to Pakistan, out of which 20 crores had been given. At the same time, Pakistan attacked India’s Kashmir province, due to which the Government of India under the leadership of the then Prime Minister of India Pandit Jawaharlal Nehru and Home Minister Sardar Vallabhbhai Patel decided not to give Rs 55 crore to Pakistan, but the Government of India Gandhi sat on a fast against the decision. Angered by Gandhi’s decision, Nathuram Godse and some of his companions decided to kill Mahatma Gandhi. On 30 January 1948, Nathuram Godse reached Delhi’s Birla Bhawan 40 minutes before the time of the prayer meeting. As soon as Gandhi ji entered the premises for the prayer meeting, Nathuram first saluted him with folded hands and then without any delay, killed Gandhi by firing three bullets from his pistol. Godse made no attempt to escape after that.
- Sixth President Neelam Sanjiva Reddy:- On this day in the year 1913, India’s sixth President Neelam Sanjiva Reddy was born in a farming family in Illur village, Anantapur (Andhra Pradesh) district. His father’s name was Neelam Chinappa Reddy. A very old worker of the Congress party and a companion of the famous leader T. Prakasam. Neelam Sanjiva Reddy’s primary education was completed at ‘Theosophical High School’ Adyar, Madras. At the call of Mahatma Gandhi, when lakhs of youths were joining the freedom struggle by sacrificing their studies and jobs, Neelam Sanjiva Reddy jumped into this movement only at the age of 18 and left his studies. Reddy was in jail from 1940 to 1945. be imprisoned For the first time in September 1940, he went to jail for six months. During the Quit India Movement, he was arrested on August 11, 1942, and imprisoned in Amaravati and Vellore jails. After his release, he was elected to the Madras legislature in 1946 and was made secretary in the Madras legislature in 1947. Was also a member of the Sabha. He resigned from the post of Congress President on March 10, 1962. He again became the Chief Minister of Andhra Pradesh on March 12, 1962, when D. Sanjeevayya was removed from the post of Chief Minister. On June 9, 1964, Reddy entered national politics and Prime Minister Lal Bahadur Shastri gave him the Ministry of Steel and Mines at the Center. He was nominated to the Rajya Sabha in the year 1964 and remained its member till 1967. He was made the Speaker of the Lok Sabha on 17 March 1967, but on 19 July 1969, he resigned from the post of Speaker of the Lok Sabha. The name could be withdrawn till 03 pm on July 21. Only then at 03:05, the election officer informed the press that Neelam Sanjeeva Reddy has won the election unopposed. On July 25, 1977, the swearing-in ceremony took place in the Central Hall at 10 am.
- English language writer Ruskin Bond: – On this day in the year 1934, the famous Indian English language writer Ruskin Bond was born in Kasauli (Himachal Pradesh). His father was in the Royal Air Force. When Ruskin was 04 years old, his father died, after which he lived with his grandmother. Ruskin Bond completed his studies at Bishop Cotton School, Shimla. After this, he went to London. Being fond of writing since childhood, he became a seasoned writer by the time he came to college and had also won many awards. He wrote the first novel ‘Room on the Roof’ at the age of 17. For which he received Was awarded the ‘John Llewellyn Rice Award’ in the year 1957. For his contribution to children’s literature in the year 1999, he was awarded the ‘Padma Shri’ and in the year 2014, he was awarded the Padma Bhushan.
- Poet, theater worker, story writer, playwright, film director, and film actor Girish Karnad:- On this day in the year 1938 Poet, theater worker, story writer, playwright, film director, and film actor Girish Karnad was born in Matheran (Maharashtra). K was born in a Konkani-speaking family. From childhood, he was interested in plays. Born in Maharashtra, Girish started working in theater from the time of school. In the year 1958, he graduated from Karnataka University, Dharwad. He then went to England as a Rhodes Scholar where he obtained a master’s degree in philosophy, politics, and economics from Lincoln and Magdalen Colleges, Oxford. His plays written in the Kannada language have been translated into many Indian languages including English. Karnad adopted the method of depicting the contemporary system with historical and mythological characters and became very popular. His plays Yayati (1961, first play) and Tughluq (1964) represent such plays. Karnad got a lot of fame from Tughlaq and it has been translated into many Indian languages. Received the Sangeet Natak Akademi Award in the year 1972, followed by the Padma Shri Award in the year 1974. In the year 1992, he was awarded the Padma Bhushan and the Kannada Sahitya Akademi Award.
- Actor Nawazuddin Siddiqui:- On this day in the year 1974, Indian film actor Nawazuddin Siddiqui was born in a small village of Budhana in Muzaffarnagar (Uttar Pradesh) district in a landlord-farmer family. While making his career, Nawazuddin did not take any financial help from his family and saw very bad days due to which he became very strong. He completed his BSc in Chemistry from Gurukul Kangri University. After this, he started working as a chemist in a company in Vadodara (Gujarat). He took admitted to the ‘National School of Drama’ and graduated from there in the year 1996. Nawazuddin Siddiqui, who played the role of a waiter in School in 1999 and an informer in Sarfarosh, has become such a star that he three films together at the Cannes Film Festival. Nawazuddin is looking for the year 2012, Gangs of Wasseypur-1, 2, and was also awarded the National Award for the story.
- Hindi litterateur Hazari Prasad Dwivedi:- Hindi litterateur Hazari Prasad Dwivedi passed away on this day in the year 1979. Hazari Prasad Dwivedi was an essayist, novelist, critic, and editor of modern Hindi literature. He has composed many genres of Hindi prose literature. Dwivedi ji had a good hold on Sanskrit language and Hindi language. Apart from this, he was also knowledgeable about English language and literature. Dwivedi ji’s language was Khadi Boli Hindi. He gave primacy to Khadi Boli Hindi as the language of prose. He paid special attention to the errors of grammar and spelling, similar words are more in his language. He also used a sarcastic style.
- Prime Minister of Fiji: – On this day in the year 1999, Mahendra Chaudhary of Indian origin became the Prime Minister of Fiji. Chaudhary is the leader of the Fiji Labor Party. It is known that, but exactly one year later, on May 19, 2000, he and most of his ministers were taken hostage by George Speight.
- Theater worker Vijay Tendulkar:- Indian playwright and theater worker Vijay Tendulkar passed away on this day in the year 2008.
- Trade through Nathula Pass:- On this day in the year 2008, trade between India and China resumed through Nathula Pass.
- Inauguration of the Conference on Social Security:- On this day in the year 2008, Executive Chairman of the World Labor Organization Asane inaugurated the Conference on Social Security in New Delhi.
- Bank of Baroda:- On this day in the year 2008, the Bank of Baroda registered an increase of 39.9% in its net profit in the year 2007-08.
- Tour of Indian travelers postponed: – On this day in the year 2008, China postponed the tour of Indian travelers for Kailash Mansarovar.
- Tanker goods train accident: – On this day in the year 2010, on the Muzaffarpur-Raxaul railway line of Bihar, between Jeevdhara and Pipra railway station of Motihari district, Naxalites blew up the rail track near Bangari Halt, due to which a tanker goods train crashed and Its 13 bogies caught fire.
- Auction of 3G spectrum: – On this day in the year 2010, the Government of India has decided to get a fee of Rs 67718.95 crore from the auction of 3G spectrum which has been going on for 34 days. This auction opened the way for video calling and high-speed internet in the country.
- National Film Awards: – On this day in the year 2010, the 58th National Film Awards were announced. The film ‘Moner Manus’ has been awarded for National Integration. Apart from this, the film ‘Dabangg’ was given the award for the most entertaining film. Malayalam film ‘Adaminte Makaan Abu’ was selected as the best film. While Arunima Sharma has been given the Best Director award. Malayalam actor Salim Kumar and Tamil actor Dhanush were jointly selected for the National Award for Best Actor for the Malayalam film Edemainte Makaan Abu. Mithali Jagtap and Saranna P were jointly selected for the National Award for Best Actress.