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याद आते वो पल-08.
- धर्मसुधारक देवेन्द्रनाथ ठाकुर:- आज ही के दिन वर्ष 1817 में हिन्दू दार्शनिक, ब्रह्मसमाजी तथा धर्मसुधारक देवेन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म बंगाल में हुआ था.उनके पिता का नाम द्वारकानाथ ठाकुर था जो प्रख्यात विद्वान् और धार्मिक नेता थे. अपनी दानशीलता के कारण उन्होंने ‘प्रिंस’ की उपाधि प्राप्त की थी. इनका लालन पालन अपार धन तथा वैभव में हुआ था.22 वर्ष की अवस्था में इन्होंने ‘तत्वबोधिनी सभा’ स्थापित की, जिसका मुख्य उदेश्य था लोगों को ‘ब्राह्मधर्म’ का पाठ पढ़ाना.वर्ष 1842 ई० में देवेंद्रनाथ ने ब्रह्मसमाज में पदार्पण किया.वर्ष 1863 ई० में बोलपुर में एकांतवास के लिए 20 बीघा ज़मीन ख़रीदी और वहाँ गहरी आत्मिक शान्ति अनुभव करने के कारण उसका नाम ‘शान्ति निकेतन’ रख दिया और वर्ष 1866 ई० में उसे एक ट्रस्ट के सुपुर्द कर दिया.
- भूतपूर्व राज्यपाल हरि विनायक पाटस्कर:- आज ही के दिन वर्ष 1892 में भारतीय राजनीतिज्ञ तथा मध्य प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल हरि विनायक पाटस्कर का जन्म पूना (महाराष्ट्र) में हुआ था. पाटस्कर भारत की संविधान सभा के सदस्य भी थे.हरि विनायक पाटस्कर बम्बई उच्च न्यायालय और उसके बाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एडवोकेट रहे.वर्ष 1920 से लगातार अनेक वर्षों तक ‘अखिल भारतीय कांग्रेस’ के सदस्य भी रहे. हरि विनायक पाटस्कर 1926 में बम्बई विधान परिषद के सदस्य बने तथा अपने जीवन काल में कई आयोगों तथा समितियों के अध्यरक्ष भी रहे. हरि विनायक पाटस्कर में गंभीरतम विवादों को हल करने की असाधारण क्षमता थी. उन्होंने आंध्र प्रदेश और मद्रास (वर्तमान चेन्नई) के सीमा-विवाद की भी मध्यास्थीता की थी.हरि विनायक पाटस्कर महाराष्ट्रर-मैसूर सीमा-विवाद संबंधी चार सदस्यीपय समिति के सदस्य थे.
- क्रांतिकारी शहीद सुखदेव:- आज ही के दिन वर्ष 1907 में महान् क्रांतिकारी शहीद सुखदेव का जन्म गोपरा(लुधियाना) पंजाब में हुआ था. उनके पिता का नाम रामलाल थापर था, जो अपने व्यवसाय के कारण लायलपुर (वर्तमान फैसलाबाद, पाकिस्तान) में रहते थे. इनकी माता रल्ला देवी धार्मिक विचारों की महिला थीं.सुखदेव की उम्र 03 वर्ष की थी तब इनके पिता का देहांत हो गया और इनका लालन-पालन इनके ताऊ (चाचा) लाला अचिन्त राम ने किया. जो आर्य समाज से प्रभावित थे तथा समाज सेवा व देशभक्तिपूर्ण कार्यों में अग्रसर रहते थे. इसका प्रभाव बालक सुखदेव पर भी पड़ा. वर्ष 1919 में हुए जलियाँवाला बाग़ के भीषण नरसंहार के कारण देश में भय तथा उत्तेजना का वातावरण बन गया था. इस समय सुखदेव 12 वर्ष के थे. पंजाब के प्रमुख नगरों में मार्शल लॉ लगा दिया गया था और स्कूलों तथा कालेजों में तैनात ब्रिटिश अधिकारियों को भारतीय छात्रों को ‘सैल्यूट’ करना पड़ता था. लेकिन सुखदेव ने दृढ़तापूर्वक ऐसा करने से मना कर दिया, जिसके कारण उन्हें मार भी खानी पड़ी. वर्ष 1926 में लाहौर में ‘नौजवान भारत सभा’ का गठन हुआ. इसके मुख्य योजक सुखदेव, भगत सिंह, यशपाल, भगवती चरण व जयचन्द्र विद्यालंकार थे.
- अभिनेता नज़ीर हुसैन:- नज़ीर हुसैन का जन्म 15 मई 1922 को उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर ज़िले के उसिया नामक गाँव में हुआ था. नजीर हुसैन एक बेहतरीन अभिनेता थे। उन्होंने कई फिल्मों में अपने किरदारों से एक अमिट छाप छोड़ी थी.बताते चलें कि,नजीर ने देश की आजादी में भी अहम भूमिका निभाई थी. इतना ही नहीं उन्हें भोजपुरी का पितामह भी कहा जाता है, क्योंकि भोजपुरी सिनेमा की शुरुआत नजीर हुसैन ने ही की थी. ज्ञात है कि, भोजपुरी सिनेमा की शुरुआत नजीर हुसैन द्वारा लिखित और बनाई गई फिल्म ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढ़ायबो’ से हुई थी. इस फिल्म के बाद उन्होंने हमार संसार, रुस गइलें सइयां हमार और बलम परदेसिया जैसी फिल्म का निर्देशन और निर्माण भी किया.
- जांबाज अफसर महेन्द्रनाथ मुल्ला: – आज ही के दिन वर्ष 1926 में भारतीय नौसेना के जांबाज अफसरों में एक महेन्द्रनाथ मुल्ला का जन्म गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) में हुआ था.उन्होंने 1 मई, 1948 को भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त किया था.वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में केवल एक अवसर ही ऐसा आया, जब पाकिस्तानी नौसेना ने भारतीय नौसेना को नुकसान पहुँचाया था.मनु शर्मा और लेफ़्टिनेंट कुंदनमल आईएनएस खुखरी के ब्रिज पर महेन्द्रनाथ मुल्ला के साथ थे। महेन्द्रनाथ मुल्ला ने उनको ब्रिज से नीचे धक्का दिया। उन्होंने उनको भी साथ लाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.जब मनु शर्मा ने समुद्र में छलांग लगाई तो पूरे पानी में आग लगी हुई थी और उन्हें सुरक्षित बचने के लिए आग के नीचे से तैरना पड़ा.थोड़ी दूर जाकर मनु ने देखा कि खुखरी का अगला हिस्सा 80 डिग्री को कोण बनाते हुए लगभग सीधा हो गया है। पूरे पोत मे आग लगी हुई है और महेन्द्रनाथ मुल्ला अपनी सीट पर बैठे रेलिंग पकड़े हुए थे और उनके हाथ में अब भी जलती हुई सिगरेट थी.उस समय भारत के 174 नाविक और 18 अधिकारी इस ऑपरेशन में मारे गए. कप्तान महेन्द्रनाथ मुल्ला ने भारतीय नौसेना की सर्वोच्च परंपरा का निर्वाह करते हुए अपना जहाज़ नहीं छोड़ा और जल समाधि ली. उनकी इस वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत ‘महावीर चक्र’ से सम्मानित किया गया.
- उपहार कर:- आज ही के दिन वर्ष 1958 में उपहार कर की शुरुआत भारत में हुई थी. उपहार कर एक संघीय कर है, जो किसी व्यक्ति पर किसी अन्य व्यक्ति को मूल्य देने के लिए लागू होता है. किसी चीज़ को उपहार माने जाने के लिए, प्राप्त करने वाला पक्ष उपहार के लिए दाता को पूर्ण मूल्य का भुगतान नहीं कर सकता. हालांकि, वे इसके पूर्ण मूल्य से कम राशि का भुगतान कर सकते हैं. अत:, उपहार कर एक अप्रत्यक्ष कर नहीं है. जबकि, भारत में एक व्यक्ति या एचयूएफ द्वारा प्रतिफल के बिना प्राप्त राशि कर हेतु वसूलनीय है यदि वर्ष के दौरान प्राप्त ऐसी राशि का कुल मूल्य रुपये से अधिक है 50,000. वर्ष के दौरान प्राप्त उपहार का कुल मूल्य न कि व्यक्तिगत उपहार के आधार पर.
- अभिनेत्री एवं नृत्यांगना माधुरी दीक्षित नेने:- आज ही के दिन वर्ष 1967 में हिन्दी फ़िल्मों की एक सुप्रसिद्ध अभिनेत्री एवं नृत्यांगना माधुरी दीक्षित नेने का जन्म मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था.इनके पिता का नाम शंकर दीक्षित और माता का नाम स्नेह लता दीक्षित है. बचपन में माधुरी को डॉक्टर बनने की चाहत थी, लेकिन वह अभिनेत्री बन गयी.माधुरी दीक्षित ने भारतीय हिन्दी फ़िल्मो मे एक ऐसा मुकाम तय किया है जिसे आज के अभिनेत्रियाँ अपने लिए आदर्श मानती है. 80-90 के दशक मे इन्होने स्वयं को हिन्दी सिनेमा मे एक प्रमुख अभिनेत्री तथा सुप्रसिद्ध नृत्यांगना के रूप मे स्थापित किया.उनके लाजवाब नृत्य और स्वाभाविक अभिनय का ऐसा जादू था माधुरी पूरे देश की धड़कन बन गयी. माधुरी ने करियर की शुरुआत साल 1984 में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म अबोध से की थी.लेकिन उन्हें हिंदी सिनेमा में पहचना मिली फिल्म तेजाब से.इस फिल्म में उन्हें उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए फिल्मफेयर पुरुस्कार का पहला नामकंन भी मिला था.
- राजनीतिज्ञ राधिका रंजन गुप्ता:- वर्ष 1988 में राजनीतिज्ञ राधिका रंजन गुप्ता का निधन हुआ था.
- ‘प्रथम आर्मी कमाण्डर इन चीफ़‘ के०एम० करिअप्पा:- वर्ष 1993 में भारत के ‘प्रथम आर्मी कमाण्डर इन चीफ़’ के०एम० करिअप्पा का निधन 94 वर्ष की आयु में बैंगलौर (कर्नाटक) में हुआ था.
- भारतीय विमान कनाडा में उतरा:- वर्ष 2005 में 20 वर्षों के बाद भारतीय विमान कनाडा में उतरा था.
- मंजूला सूद :- वर्ष 2008 में भारतीय मूल की मंजूला सूद ब्रिटेन में मेयर बनने वाली पहली एशियाई महिला बनीं.
- ग्यारहवें उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत:- वर्ष 2010 में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री व भारत के ग्यारहवें उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत का निधन जयपुर में हुआ था.
- राजनीतिज्ञ महेंद्र सिंह टिकैत:- वर्ष 2011में राजनीतिज्ञ महेंद्र सिंह टिकैत गुप्ता का निधन हुआ था.
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Remember those moments-07.
- Religious reformer Devendranath Thakur: – On this day in the year 1817, Hindu philosopher, Brahmo Samaji and religious reformer Devendranath Thakur was born in Bengal. His father’s name was Dwarkanath Thakur who was an eminent scholar and religious leader. Due to his charity, he received the title of ‘Prince’. He was brought up in immense wealth and splendor. At the age of 22, he established ‘Tatvabodhini Sabha’, whose main objective was to teach people the lesson of ‘Brahmadharma’. In the year 1842, Devendranath made his debut in Brahmo Samaj. The year 1863 In 1866, he bought 20 bighas of land in Bolpur for solitude and because of experiencing deep spiritual peace there, named it ‘Shanti Niketan’ and handed it over to a trust in the year 1866.
- Former Governor Hari Vinayak Pataskar:- On this day in the year 1892, Indian politician and former Governor of Madhya Pradesh Hari Vinayak Pataskar was born in Pune (Maharashtra). Pataskar was also a member of the Constituent Assembly of India. Hari Vinayak Pataskar was an advocate of the Bombay High Court and then the Supreme Court of India. From the year 1920, he was also a member of the ‘All India Congress for many years. Hari Vinayak Pataskar became a member of the Bombay Legislative Council in 1926 and was also the chairman of several commissions and committees during his lifetime. Hari Vinayak Pataskar had an extraordinary ability to resolve the most serious disputes. He also mediated the boundary dispute between Andhra Pradesh and Madras (present-day Chennai). Hari Vinayak Pataskar was a member of the four-member committee on the Maharashtra-Mysore boundary dispute.
- Revolutionary Martyr Sukhdev:- On this day in the year 1907, the great revolutionary Martyr Sukhdev was born in Gopra (Ludhiana), Punjab. His father’s name was Ramlal Thapar, he lived in Lyallpur (present-day Faisalabad, Pakistan) because of his business. His mother Ralla Devi was a woman of religious thoughts. When Sukhdev was 03 years old, his father passed away and he was brought up by his tau (uncle) Lala Achint Ram. Those who were influenced by Arya Samaj and used to lead in social service and patriotic works. This had an effect on child Sukhdev as well. Due to the gruesome massacre of Jallianwala Bagh in the year 1919, an atmosphere of fear and excitement was created in the country. At this time Sukhdev was 12 years old. Martial law was imposed in major cities of Punjab and British officers posted in schools and colleges had to ‘salute’ Indian students. But Sukhdev steadfastly refused to do so, due to which he had to be beaten. In the year 1926, ‘Naujawan Bharat Sabha’ was formed in Lahore. Its main contributors were Sukhdev, Bhagat Singh, Yashpal, Bhagwati Charan, and Jayachandra Vidyalankar.
- Actor Nazir Hussain:- Nazir Hussain was born on 15 May 1922 in the Usia village of Ghazipur district of Uttar Pradesh. Nazir Hussain was a great actor. He left an indelible mark with his characters in many films. Let us tell that Nazir also played an important role in the independence of the country. Not only this, he is also called the grandfather of Bhojpuri, because Bhojpuri cinema was started by Nazir Hussain. It is known that Bhojpuri cinema started with the film ‘Ganga Maiya Tohe Piyari Chadhaybo’ written and produced by Nazir Hussain. After this film, he also directed and produced films like Hamar Sansar, Rus Gaylein Saiyan Hamar, and Balam Pardesiya.
- Brave Officer Mahendranath Mulla: – On this day in the year 1926, one of the bravest officers of the Indian Navy, Mahendranath Mulla, was born in Gorakhpur (Uttar Pradesh). He was commissioned in the Indian Navy on May 1, 1948. Year There was only one occasion in the Indo-Pakistani War of 1971 when the Pakistani Navy inflicted damage on the Indian Navy. Manu Sharma and Lieutenant Kundanmal accompanied Mahendranath Mulla on the bridge of INS Khukri. Mahendranath Mulla pushed him down from the bridge. They tried to bring him along, but he refused. When Manu Sharma jumped into the sea, the whole water was on fire and he had to swim under the fire to escape to safety. After going a little far, Manu saw That the front part of the khukuri has become almost straight making an angle of 80 degrees. The whole ship was on fire and Mahendranath Mulla was sitting on his seat holding the railing and still had a burning cigarette in his hand. At that time 174 Indian sailors and 18 officers were killed in this operation. Captain Mahendranath Mulla, following the highest tradition of the Indian Navy, did not leave his ship and took water samadhi. For his bravery, he was posthumously awarded ‘Mahavir Chakra’.
- Gift Tax:- On this day in the year 1958, a gift tax was introduced in India. The gift tax is a federal tax that applies to a person giving something of value to another person. For something to be considered a gift, the receiving party cannot pay full value to the giver for the gift. However, they can pay an amount less than its full value. Hence, the gift tax is not an indirect tax. Whereas, sums received without consideration by an individual or HUF in India are chargeable to tax if the aggregate value of such sums received during the year exceeds Rs.50,000. The aggregate value of gifts received during the year and not on the basis of individual gifts.
- Actress and Dancer Madhuri Dixit Nene:- On this day in the year 1967, Madhuri Dixit Nene, a famous actress and dancer of Hindi films, was born in Mumbai (Maharashtra). Her father’s name is Shankar Dixit and her mother’s name is Sneh Lata. Dixit is. In childhood, Madhuri wanted to become a doctor, but she became an actress. Madhuri Dixit has set such a milestone in Indian Hindi films that today’s actresses consider ideal for themselves. In the decade of 80-90, she established herself as a leading actress and well-known dancer in Hindi cinema. Such was the magic of her wonderful dance and natural acting that Madhuri became the heartbeat of the whole country. Madhuri started her career in the year 1984 with Rajshree Production’s film Abodh. But she got recognition in Hindi cinema from the film Tezaab. In this film, she also got her first nomination for Filmfare Award for her best performance.
- Politician Radhika Ranjan Gupta:- Politician Radhika Ranjan Gupta died in the year 1988.
- ‘First Army Commander in Chief’ KM Cariappa: – In the year 1993, India’s ‘First Army Commander in Chief’ KM Cariappa died at the age of 94 in Bangalore (Karnataka).
- Indian aircraft landed in Canada: – In the year 2005, Indian aircraft landed in Canada after 20 years.
- Manjula Sood: – In the year 2008, Manjula Sood of Indian origin became the first Asian woman to become mayor of Britain.
- Eleventh Vice President Bhairon Singh Shekhawat:- In the year 2010, former Chief Minister of Rajasthan and eleventh Vice President of India Bhairon Singh Shekhawat died in Jaipur.
- Politician Mahendra Singh Tikait:- Politician Mahendra Singh Tikait Gupta passed away in the year 2011.