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मौनी अमावस्या…

मौनी अमावस्या के दिन व्यक्ति को मौन धारण करते हुए किसी पवित्र, सरोवर, नदी या जलाशय में स्नान दान करना चाहिए.अगर विशेष महीने में अमावस्या हो तो उस अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है.

हिन्दू धर्म की संस्कृति ही ऐसी है कि, प्रभु की बनाई हुई इस जगत के हर चीजों पर उतना ही प्रेम करो जितना कि, अपने माता-पिता पर करते हो. इस धर्म के अनुसार हर दिन (तिथि) का अलग ही महत्व होता है लेकिन उसमें भी विशेष महीने के विशेष दिन की बात हो तो उसका क्या कहना है. हिन्दू धर्मानुसार कुछ महीने विशेष और पावन होते हैं उन्हीं में से एक महिना माघ का भी होता है. चन्द्रमा की गतिशीलता के कारण पूर्णिमा और अमावस्या तो होती ही रहती है. अगर विशेष महीने में अमावस्या हो तो उस अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है.

बताते चलें कि, मौनी शब्द की उत्पत्ति मुनि से ही हुई है. मौनी अमावस्या के दिन व्यक्ति को मौन धारण करते हुए किसी पवित्र, सरोवर, नदी या जलाशय में स्नान दान करना चाहिए. ऐसा करने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है. अमावस्या अगर सोमवार का हो तो उसका विशेष महत्व होता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन संगम स्नान का विशेष महत्व होता है.

संगम स्नान के सन्दर्भ में एक कथा प्रचलित है, जिसे सागर कथा के नाम से जानते हैं. उस कथा के अनुसार जब दवताओं और दानवों ने मिलकर सागर मंथन किया था उस मंथन के दौरान सागर से कई वस्तुएं मिली थी, उनमे से अमृत कलश भी मिला था जो भगवान धन्वन्तरी के हाथों में था. अमृत कलश को देखते ही देवताओं और दानवों के बीच खींचा-तानी शुरू हो गई. इसी खींचा-तानी में अमृत की कुछ बुँदे इलाहबाद, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरी थी. इसी कारण से संगम स्नान करने से अमृत स्नान का पुण्य प्राप्त होता है. धर्म ग्रन्थों के अनुसार सत युगमें जो पुण्य तप से मिलता है, द्वापर में हरि भक्ति से, त्रेता में ज्ञान से वहीं कलयुग में सत्संग व दान से. लेकिन महीने में संगम स्नान हर युग में अन्नंत पुण्यदायी होता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात अपने सामर्थ के अनुसार दान दे लेकिन, इस दिन तिल का दान सर्वोत्तम दान माना जाता है.

मौनी अमावस्या के दिन जो व्यक्ति इस व्रत को करते हैं उन्हें इस पुरे दिन मौन धारण करना चाहिए और मानसिक गुरु मन्त्र का जाप करते रहना चाहिए. बताते चलें कि, बोलकर जप करने से ज्यादा फायदा मानसिक जप में होता है. मौनी अमावस्या के दिन जहां तक सम्भव हो सके मौन धारण करना चाहिए, कटु-कड़वे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इस दिन जगत के पालन कर्ता और संहार कर्ता दोनों की ही पूजा-अराधना उल्लेख हमारे धर्म ग्रन्थों में मिलता है. इस दिन मनुष्य को पीपल को अर्घ्य देकर परिक्रमा करें और दीप दान अवश्य करना चाहिए.

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Mauni Amavasya…

The culture of Hindu religion is such that you should love everything in this world created by God as much as you love your parents. According to this religion, every day (date) has a different significance, but when it comes to a special day of a particular month, what does it have to say? According to Hindu religion, some months are special and sacred, one of them is the month of Magh. Due to the mobility of the moon, full moon and new moon keep happening. If there is Amavasya in a particular month then the importance of that Amavasya increases even more.

Let us tell you that the word Mauni has its origin from Muni. On the day of Mauni Amavasya, a person should observe silence and take a bath in any sacred lake, river or reservoir. The person who does this attains the status of Muni. If Amavasya falls on Monday then it has special significance. According to beliefs, on this day the gods reside in the holy Sangam, hence bathing in the Sangam on this day has special significance.

There is a popular story regarding the Sangam bath, which is known as Sagar Katha. According to the story, when the gods and demons together churned the ocean, during that churning many things were found in the ocean, among them the nectar pot was also found which was in the hands of Lord Dhanvantari. As soon as the Amrit Kalash was seen, a tug-of-war started between the gods and the demons. In this tug-of-war, some drops of nectar fell in Allahabad, Haridwar, Nashik and Ujjain. For this reason, taking bath in Sangam gives the virtue of bathing in nectar. According to religious texts, in Satya Yuga the virtue is achieved through penance, in Dwapara through devotion to Hari, in Treta through knowledge and in Kaliyuga through satsang and charity. But taking a bath during the month of Sangam is of immense benefit in every era. On this day, after bathing in the holy rivers, donate as per your capacity, but donating sesame seeds is considered the best donation on this day.

People who observe this fast on the day of Mauni Amavasya should observe silence throughout the day and keep chanting the Mental Guru Mantra. Let us tell you that mental chanting is more beneficial than verbal chanting. On the day of Mauni Amavasya, one should maintain silence as much as possible and should not use bitter words. On this day, the worship of both the preserver and the destroyer of the world is mentioned in our religious texts. On this day, one must circumambulate the Peepal tree by offering Arghya and donate a lamp.

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