सी. पी. कृष्णन नायर
सी. पी. कृष्णन नायर भारतीय उद्योगपति है जो ‘होटल लीलावेंचर’ के संस्थापक और चेयरमैन थे. उन्होंने होटल एवं रिसोर्ट ब्रांड लीला पैलेस के नाम से शुरू किया था.
सी. पी. कृष्णन नायर का जन्म 9 फ़रवरी, 1922 को कन्नूर, केरल में हुआ था. उन्होंने अपना कैरियर भारतीय सेना में एक कैप्टन के तौर पर किया था. सेना की नौकरी से रिटायर होकर अपने ससुर की टेक्सटाइल इंडस्ट्री में कदम रखा और 1957 में लीला लेस लिमिटेड’ नामक कंपनी की स्थापना की.
नायर ने ‘ऑल इंडिया हैंडलूम बोर्ड’ की स्थापना कर हैंडलूम को विश्व स्तरीय बनाने में मदद की थी. पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के लिए नायर को ‘संयुक्त राष्ट्र एनवायर्नमेंट प्रोग्राम’ के तहत ग्लोबल 500 लॉरेट रोल ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया गया था. भारत से सबसे अधिक कपड़ा निर्यात करने के लिए ‘भारत सरकार’ ने नायर को पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया था. सी. पी. कृष्णन नायर का निधन 17 मई, 2014 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ था.
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अभिनेता राहुल रॉय
राहुल रॉय एक फिम अभिनेता, निर्माता और पूर्व मॉडल हैं, जो बॉलीवुड और टेलीविजन में अपने कामों के लिए जाने जाते हैं.
राहुल रॉय जन्म 9 फ़रवरी 1968 को कोलकत्ता में हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 1990 में फिल्म ‘आशकी’ से की थी. इस फ़िल्म में उनकी अदाकारी और रोमांटिक केमिस्ट्री काफी प्रशंसित हुई थी.
प्रमुख फ़िल्में: –
आशिकी, प्यार का साया, जूनून, सपने साजन के, मेघा और नसीब.
राहुल रॉय ने बिग बॉस के पहले सीजन में भाग लिया था जिसके वे विनर रहे थे.
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अभिनेत्री अमृता सिंह
अमृता सिंह एक फ़िल्म अभिनेत्री हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी सिनेमा में काम करती हैं. अभिनेता सैफ-अली खान की पहली पत्नी अमृता सिंह हैं. अपने दमदार अभिनय के दम पर उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया था.अमृता मशहूर लेखक खुशवंत सिंह की भतीजी हैं.
अमृता सिंह का जन्म 9 फ़रवरी 1958 को 9 फरवरी 1958 को पाकिस्तान में हुआ था. अमृता ने अपनी फिल्मी कैरियर की शुरुआत फिल्म बेताब से 1983 में की थी. उन्होंने अपने कैरियर के दौरान विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है.
प्रमुख फ़िल्में:-
बेताब, दुनिया, साहेब, मर्द, चमेली की शादी, खुदगर्ज़, नाम-ओ-निशान, ठीकाना,चरणों की सौगन्ध, तमाचा, वारिस, हथियार, जादूगर, आग का दरिया, प्यार का साया, कल की आवाज़, राजू बन गया जेंटलमैन, सूर्यवंशी शूट आउट एट लोखंडवाला आदि.
अमृता सिंह की पहली फ़िल्म “बेताब” (1983) में उनका अभिनय अप्रत्याशित रूप से सफल रहा था, और उन्हें फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्राप्त हुआ था. अमृता सिंह ने फ़िल्म के अलावा, उन्होंने टेलीविजन सीरियल्स और अन्य मीडिया में भी अपने प्रस्तुतियों का निर्माण किया है. उनकी प्रतिभा और अभिनय क्षमता को उन्हें बॉलीवुड की विशेष जगह दिलाती है.
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अभिनेत्री उदिता गोस्वामी
उदिता गोस्वामी एक फ़िल्म अभिनेत्री हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी सिनेमा में काम करती हैं. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत बतौर मॉडल की थी.
उदिता गोस्वामी का जन्म 9 फ़रवरी 1984 को देहरादून में हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत फिल्म पाप से की थी. उन्होंने अपने कैरियर के दौरान विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है.
प्रमुख फ़िल्में:-
पाप, जहर, अक्सर, अपार्टमेंट और मेरे दोस्त पिक्चर अभी बाकी है आदि.
उदिता गोस्वामी को हिंदी सिनेमा में फिल्म पाप के बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है.उदिता अहमद खान के संगीत क्या खूब लगती हो के रिमिक्स विडियो संगीत में भी काम किया है.
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अभिनेत्री नादिरा
नादिरा भारतीय सिनेमा की एक अभिनेत्री थीं, जिनका असली नाम फरहत ईजेकील नादिरा था. वो हिन्दी फ़िल्मों की ख्यातिप्राप्त और सुन्दर अभिनेत्रियों में से एक थीं. नादिरा ने ज़्यादातर फ़िल्मों में खलनायिका की ही भूमिकाएँ निभाई थीं, लेकिन समय के साथ उन्होंने खुद को चरित्र अभिनेत्री के रूप में भी ढाल लिया था.
नादिरा का जन्म 5 दिसम्बर, 1932 को इज़राइल में एक बगदादी यहूदी परिवार में हुआ था. नादिरा ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत 1952 में फ़िल्म ‘आन’ से हुई थी. उस दौर में नादिरा ने बोल्ड दृश्य को शूट किया था. नादिरा ने तलत महमूद के साथ कई गीत भी गाए और अपनी आवाज़ से लोगों को दीवाना बनाया था.
प्रमुख फ़िल्में: –
आन, श्री चार सौ बीस, दिल अपना और प्रीत पराई, पाकीज़ा, जूली, सागर और तमन्ना आदि.
नादिरा और तलत महमूद के साथ गाये गीत: – डाक बाबू और वारिस .
नादिरा ने अपने पाँच दशक लंबे फ़िल्मी सफर में अनेकों फ़िल्मों में काम किया, जिनमें उन्होंने नायिका, खलनायिका की भूमिका करने के साथ चरित्र भूमिकाएँ भी निभाईं. अभिनेत्री नादिरा का निधन 9 फ़रवरी 2006 को मुम्बई में हुआ था.
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बाबा आम्टे
बाबा आम्टे जिनका वास्तविक नाम मुरलीधर देवराव आम्टे था, वो एक प्रसिद्ध भारतीय समाजसेवी थे, जो विशेष रूप से लेप्रोसी के लिए अपनी सेवाएँ और परिवर्तन कार्यों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के वारकाड गांव में एक अस्पताल और समाजसेवा संस्था अनुग्रह आश्रम की स्थापना की थी.
बाबा आम्टे का जन्म 24 दिसम्बर, 1914 को वर्धा महाराष्ट्र के निकट एक ब्राह्मण जागीरदार परिवार में हुआ था. उन्होंने अपने जीवन के दौरान अस्पताल में उपचार, शिक्षा, और समाजसेवा के क्षेत्र में काम किया, विशेष रूप से उन्होंने लेप्रोसी पीड़ितों के लिए योगदान दिया. उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी काम किया और उनकी सेवाएं ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कराई. उन्हें भारत रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया.
बाबा आम्टे का उद्धारणीय योगदान सामाजिक न्याय, मानवता, और समाजसेवा के क्षेत्र में रहा है, और उनकी प्रेरणादायक कहानी लोगों को अनेकों तरीकों से प्रेरित करती है. बाबा आम्टे का निधन 9 फ़रवरी, 2008 को महाराष्ट्र में हुआ था.
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ओ. पी. दत्ता
ओ. पी. दत्ता एक फ़िल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक थे. उन्होंने अपने कैरियर के दौरान कई महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध फ़िल्मों का निर्माण किया था.
ओ. पी. दत्ता का जन्म 19 अगस्त 1922 को हुआ था. ओ. पी. दत्ता ने अपने कैरियर की शुरुआत फिल्म के निर्देशन से की थी. उनकी निर्देशित पहली फिल्म 1948 में प्यार की जीत से की थी.
प्रमुख फ़िल्में: –
गाबन, हमें रास्ते में, यादों की बारात और बॉर्डर.
बॉर्डर उनकी एक प्रमुख फ़िल्म थी जिसमें वे निर्देशक और पटकथा लेखक के रूप में भी काम किया था. इस फ़िल्म ने सम्राट अशोक चक्रवर्ती सर्वोत्तम सिनेमा पुरस्कार और फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म की जीत हासिल की थी.
ओ. पी. दत्ता की फ़िल्में समाज में सामाजिक संदेश को स्थायी करने के लिए जानी जाती हैं और उन्होंने अपनी रचनात्मकता और निर्देशन के माध्यम से अपने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया. ओ. पी. दत्ता का निधन 9 फ़रवरी 2012 को मुम्बई में हुआ था.
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उपन्यासकार गिरिराज किशोर
गिरिराज किशोर एक प्रमुख हिंदी उपन्यासकार, नाटककार, आलोचक और लेखक थे. उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं पर विचार किए और मानवीय मुद्दों को उनके उपन्यासों के माध्यम से उजागर किया.
गिरिराज किशोर का जन्म 8 जुलाई, 1937 को उत्तर प्रदेश के मुजफ़्फ़रनगर में हुआ था. उनके लेखन में सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों के लिए व्यापक रुचि थी. उनके काम में समाज, राजनीति, प्रेम, परिवार, और मानवीय रिश्तों के मुद्दे उजागर होते हैं.
कहानी संग्रह: –
नीम के फूल, पेपर वेट, शहर -दर -शहर, यह देह किसकी है? और हमारे मालिक सबके मालिक’ आदि.
उपन्यास: –
लोग, उपन्यास, दावेदार,तीसरी सत्ता, असलाह, अंर्तध्वंस और ढाई घर आदि.
नाटक:-
प्रजा ही रहने दो, चेहरे – चेहरे किसके चेहरे, जुर्म आयद और काठ की तोप आदि.
गिरिराज किशोर को कई सम्मान से सम्मानित किया गया है वहीँ, 23 मार्च 2007 को ‘साहित्य और शिक्षा’ के लिए ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. गिरिराज किशोर का निधन 9 फ़रवरी 2020 को कानपुर में हुआ था.
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जनसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष पी. परमेश्वरन
पी. परमेश्वरन भारतीय राजनीतिज्ञ और समाजसेवी थे, जिन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जनसंघ (विचारक शाखा) के पूर्व उपाध्यक्ष के रूप में काम किया था. उन्होंने अपने जीवन के दौरान राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में अहम योगदान दिया और उनकी सोच और दृष्टिकोण को बहुत लोगों द्वारा मान्यता प्राप्त है.
पी. परमेश्वरन का जन्म 3 अक्टूबर 1927 को हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सेवा की, जिसमें शिक्षा, साहित्य, समाजसेवा और राजनीति शामिल हैं. उन्होंने आरएसएस के विचारक शाखा के रूप में कई वर्षों तक काम किया और अपने दौरे के दौरान विभिन्न विचारों को प्रचारित किया। उनकी चिंतनशैली और दृष्टिकोण को बहुत सम्मान मिला है.
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अभिनेता राजीव कपूर
राजीव कपूर एक फ़िल्म अभिनेता और निर्माता थे. वे बॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्री के प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक राज कपूर के बेटे थे.
राजीव कपूर का जन्म 25 अगस्त 1962 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ था और उन्होंने हिंदी सिनेमा में कई फ़िल्मों में अभिनय किया. उन्होंने बतौर डायरेक्टर 1996 में ‘प्रेम ग्रंथ’ फिल्म बनाई थी.
प्रमुख फ़िल्में: –
एक जान हैं हम (1983), आसमान (1984), ‘मेरा साथी’ (1985), ‘लावा’ (1985), ‘राम तेरी गंगा मैली’ (1985), ‘लवर बॉय’ (1985), ‘अंगारे’ (1986), प्रीति (1986), जहरीला (1988), हम तो चले परदेस (1988), शुक्रिया (1988) नाग नागिन (1989) और जिम्मेदार (1990) आदि.
प्रोड्यूसर और एडिटर: – आ अब लौट चलें (1999), प्रेम ग्रंथ (1996), हिना (1991).
असिस्टेंट डायरेक्टर: – प्रेम रोग (1982), बीवी ओ बीवी (1996).
डायरेक्टर: – प्रेम ग्रंथ (1996).
राजीव कपूर ने अपने अभिनय कैरियर के दौरान करीब 12 फिल्मों में काम किया जिसमें एक ही फिल्म हिट रही वो फिल्म थी राम तेरी गंगा मैली. राजीव कपूर का निधन 9 फ़रवरी 2021 को मुम्बई में हुआ था.