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व्यक्ति विशेष

भाग - 01.

राजेश खन्ना

राजेश खन्ना एक प्रमुख भारतीय फिल्म अभिनेता थे जो अपने कैरियर के दौरान बॉलीवुड में एक सुपरस्टार बन गए थे। उन्हें “कक्का” या “कक्का ब्रिगेड” के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर, पंजाब, भारत में हुआ था और उनका नाम राजेष खन्ना जीतु मल्होत्रा था।

राजेश खन्ना ने बॉलीवुड में अपना कैरियर 1966 में फिल्म “आख़री क़ुदरत” से शुरू किया था, लेकिन उनकी सफलता 1969 की फिल्म “अराधना” के साथ आई थी, जिसमें उन्होंने अपने अभिनय के लिए बहुत तारीफ प्राप्त की थी और उन्हें फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिला। इसके बाद, उन्होंने कई सफल फिल्में की जैसे कि “बावर्ची”, “सफर”, “नाम”, “चोरी छुपे छुपे”, “आनंद” और “नमक हराम” में अभिनय किया।

राजेश खन्ना ने अपने कैरियर के दौरान 1970 और 1980 के दशकों में बॉलीवुड में सबसे बड़े स्टार बनने के लिए एक नया मापदंड स्थापित किया। उन्होंने छब्बीस लोगों के साथ कई हिट फिल्में की और उनकी फिल्मों में गाने भी बहुत पॉपुलर रहे हैं। हालांकि, उनका करियर बाद में थम गया और उनका चेहरा स्वामी हरियानंद के साधक बनने के बाद धार्मिक क्रियाओं में ज्यादा दिखाई देने लगा।

राजेश खन्ना का निधन 18 जुलाई 2012 को हुआ था, जिससे भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने एक महत्वपूर्ण कला कलाकार को खो दिया।

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रामानंद सागर

रामानंद सागर एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक और टेलीविजन प्रोड्यूसर थे, जिन्होंने अपने योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए. उनका जन्म 29 दिसंबर 1917 को बरेली, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था और उनका नाम चंद्रा शेखर गुप्त था, लेकिन उन्हें रामानंद सागर के नाम से ज्यादा पहचाना जाता है.

रामानंद सागर ने अपनी कैरियर की शुरुआत फिल्म निर्देशन से की और उन्होंने कई हिट फिल्में बनाईं, जिनमें “अराधना”, “अनुराग”, “चाँद्रकोर”, “आन मिलो सजना” और “बागबान” शामिल हैं. हालांकि, उनका सबसे बड़ा और सबसे प्रसिद्ध योगदान उनके टेलीविजन सीरीज़ के माध्यम से हुआ.

रामानंद सागर का सबसे अच्छा कार्य उनकी टेलीविजन सीरीज़ “रामायण” और “महाभारत” है, जो भारतीय टेलीविजन के इतिहास में सबसे प्रशिद्ध और सफल सीरीज़ में से हैं. इन सीरीज़ ने उन्हें अनेक पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया और लाखों लोगों को आकर्षित किया.

रामानंद सागर का निधन 12 दिसंबर 2005 को हुआ, लेकिन उनका योगदान भारतीय सिनेमा और टेलीविजन इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा.

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साहित्यकार गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी

गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी एक भारतीय साहित्यकार और कवि थे जिन्होंने हिंदी भाषा में अपनी रचनाएँ दीं. उनका जन्म 21 नवंबर 1927 को हुआ था और उनका नाम गिरिधर शर्मा था.

गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी ने अपने योगदान के लिए कविता, कहानी, नाटक, और निबंध रचनाएँ कीं. उनकी साहित्यिक रचनाएँ विभिन्न विषयों पर आधारित हैं और उन्होंने अपनी भाषा और शैली के लिए प्रमुखता बनाई.

कुछ प्रमुख रचनाएँ: –

“चन्दन का पेड़” – एक काव्य संग्रह

“पर्वत का ज्ञानी” – एक काव्य संग्रह

“बगीचा के पंख” – एक कहानी संग्रह

“धूप में देखा तब आया” – एक काव्य संग्रह

“कृष्ण की पाथशाला” – एक नाटक

गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी ने अपनी लेखनी से साहित्यिक समृद्धि में योगदान दिया और उनकी रचनाएँ हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. उनकी कविताएं और कहानियाँ भारतीय साहित्य के उदाहरणों में से एक हैं.

 

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