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व्यक्ति विशेष

भाग - 38.

शास्त्रीय संगीतज्ञ पंडित भीमसेन जोशी

पंडित भीमसेन जोशी भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रमुख संगीतज्ञ और वादक थे. उन्होंने भारतीय संगीत के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की थीं. वे विशेष रूप से शंकराचार्य जी के संगीत को बचपन से ही प्रेम करते थे और उनके दिशा-निर्देशन में संगीत का अध्ययन किया था.

पंडित भीमसेन जोशी ने संगीत के कई पहलुओं में अपने ज्ञान को साझा किया, और वे एक उत्कृष्ट विशेषज्ञ थे. उन्होंने विभिन्न संगीत सम्मलेनों में भाग लिया और अपनी संगीतिक प्रतिभा का प्रदर्शन किया. पंडित भीमसेन जोशी के कार्यक्षेत्र में विशेष प्रमुखता रखने वाले कुछ विशेष विषय हैं, जैसे कि रागवाद्य और पर्कुश वादन कला. उन्होंने संगीत के इन दो पहलुओं पर अपने अद्वितीय योगदान के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की.

पंडित भीमसेन जोशी का नाम भारतीय संगीत के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है, और उनके संगीतीय योगदान को सराहा जाता है.

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बिरजू महाराज

बिरजू महाराज भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रमुख और प्रसिद्ध नृत्यकार और कलाविद् हैं. उनका पूरा नाम बृजमोहन नाथ मिश्रा था. वे भरतनाट्यम और कथक दोनों के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठित करियर बनाने में सफल रहे हैं.

बिरजू महाराज का जन्म 04 फरवरी 1938 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने अपने जीवन के दौरान भारतीय नृत्य को गहरी समझाने और प्रमोट करने में महत्वपूर्ण योगदान किया. उनकी नृत्य प्रस्तुतियां और उनका आदृश्य नृत्य कौशल काव्यान्जलि, कथक, और भरतनाट्यम में अद्वितीय थे. बिरजू महाराज ने भारतीय नृत्य को विश्व स्तर पर प्रस्तुत किया और इसकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने नृत्य कला को एक उच्च शृंगारिक और आकर्षक रूप में प्रस्तुत किया और भारतीय संस्कृति को प्रमोट किया. उन्होंने अपने नृत्य कला के माध्यम से भारतीय तात्त्विकता, भक्ति, और भावनाओं को व्यक्त किया और लोगों के दिलों में जगह बनाई.

बिरजू महाराज का नाम भारतीय नृत्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और प्रशंसित नाम है, और उनके योगदान को सराहा जाता है जो भारतीय संस्कृति को नृत्य के माध्यम से विश्व के साथ साझा किया.

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अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर

उर्मिला मातोंडकर एक प्रमुख भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं. उनका जन्म 4 फ़रवरी 1974 को महाराष्ट्र, भारत में हुआ था. वे बॉलीवुड में अपनी कैरियर की शुरुआत 1980 के दशक में बाल कलाकार के रूप में कर चुकी हैं और फिल्मों में अपने अभिनय के लिए प्रसिद्ध हैं.

उर्मिला मातोंडकर ने कई महत्वपूर्ण फ़िल्मों में काम किया है.  उन्होंने अपने अभिनय के लिए कई पुरस्कार भी जीती हैं.

फ़िल्में: –

नरसिम्हा, मासूम,चमत्कार, आ गले लग जा, कानून, रंगीला, मेरे सपनों की रानी, जुदाई, छोटा चेतन, सत्या, कुदरत और ओम शांति ओम.

उर्मिला मातोंडकर ने भारतीय मनोरंजन इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाई है और फ़िल्म और टेलीविजन में अपने अभिनय के लिए सराहा जाता है.

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सत्येन्द्र नाथ बोस

 सत्येन्द्र नाथ बोस एक प्रमुख भारतीय भौतिकशास्त्री थे, जिन्होंने भौतिक विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान किया. उन्होंने विशेषत: आधारित आणविक गैसों की एक नई तरह की समझ प्रस्तुत की जिसे “बोस-आइंसटीन संघटक” कहा जाता है. इस संघटक के आधार पर एक नया भौतिक सिद्धांत विकसित किया गया जिसका प्रमुख प्रभाव विशेषत: दैर्यकीय और उदासीन विद्युतचुम्बकीय आपूर्ति की समझने में था.

सत्येन्द्र नाथ बोस का जन्म 1 जनवरी 1894 को हुआ था, और उनका निधन 04 फ़रवरी 1974 को हुआ था. उन्होंने भारतीय सबसे प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक के रूप में अपनी भौतिक शोध के लिए विख्यातता प्राप्त की. उन्होंने 1924 में आधारित आणविक गैसों की समझ के साथ-साथ इसका प्राथमिक सिद्धांत प्रस्तुत किया और बाद में आइंसटाइन के साथ मिलकर “बोस-आइंसटीन संघटक” की खोज की. इस संघटक की महत्वपूर्ण विशेषता यह थी कि इसके अनुसार डिग्री के दो या दो से अधिक वस्तुओं का वियोजन क्षमता पूरी तरह उपयोग्य नहीं थी, जिससे बहुत ही विचित्र और महत्वपूर्ण भौतिक गुण पैदा होते हैं.

सत्येन्द्र नाथ बोस का कार्य भारतीय भौतिक विज्ञान के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने अपने शोधों के लिए अनगिनत पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए. सत्येन्द्र नाथ बोस का नाम भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत के लिए जुड़ा हुआ है, और उनके कार्य ने भौतिक विज्ञान की दुनिया में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनाया. उनका निधन 04 फ़रवरी

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दौलत सिंह कोठारी

दौलत सिंह कोठारी एक प्रमुख भारतीय गणितज्ञ और वैज्ञानिक थे, जिन्होंने अपने योगदान के लिए विख्यातता प्राप्त की. उनका जन्म 06 जुलाई 1906 को हुआ था, और उन्होंने गणित और विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम किया.

दौलत सिंह कोठारी का अध्ययन मुख्य रूप से गणित के क्षेत्र में था, और उन्होंने अलग-अलग गणितिक समस्याओं का अध्ययन किया, विशेषकर बदलावशी अक्षरगणित (Matroid Theory) के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने गणित के कई महत्वपूर्ण सिद्धांतों को विकसित किया और समझाया, और उनके काम का महत्व गणितीय संगठन की अध्ययन के लिए हुआ.

दौलत सिंह कोठारी ने अपने जीवनकाल में भारतीय गणित समुदाय को एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक के रूप में सेवा की, और उन्होंने भारतीय विज्ञान समुदाय को गणित और विज्ञान में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया. उन्होंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण पद भी भारत सरकार और अन्य संगठनों में भरे. उनका निधन 04 फ़रवरी 1993 को हुआ, लेकिन उनके योगदान का प्रभाव आज भी महत्वपूर्ण है.

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अभिनेता भगवान दादा

अभिनेता भगवान दादा का नाम भारतीय सिनेमा के प्रमुख अभिनेता और निर्माता-निर्देशक के रूप में जाना जाता है. भगवान दादा का वास्तविक नाम ‘भगवान आभाजी पालव’ था.

 भगवान दादा का जन्म  01  अगस्त, 1913 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत मूक फ़िल्म ‘बेवफा आशिक’ में एक कॉमेडियन की भूमिका से शुरू की थी.

फ़िल्में: –

बेवफा आशिक, दोस्ती, तुम्हारी कसम, शौकीन, मतलबी, लालच, मतवाले, बदला और अलबेला

निर्देशित फ़िल्में: –

 हिम्मत-ए-मर्दां, दोस्ती, जालान, क्रिमिनल, भेदी बंगला, झमेला और लाबेला.

हिन्दी फ़िल्मों में नृत्य की एक विशेष शैली की शुरूआत करने वाले भगवान दादा ऐसे ‘अलबेला’ सितारे थे, जिनसे महानायक अमिताभ बच्चन सहित आज की पीढ़ी तक के कई कलाकार प्रभावित और प्रेरित हुए.

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पार्श्वगायिका वाणी जयराम

पार्श्वगायिका वाणी जयराम भारतीय वादकी और भारतीय शास्त्रीय संगीतकार थीं, जिन्होंने क्लासिकल हिंदी संगीत में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया. वाणी जयराम का जन्म 30 नवंबर 1945 को हुआ था और उन्होंने अपने संगीत कैरियर की शुरुआत बचपन में ही की थी.

वाणी जयराम ने भारतीय संगीत के कई प्रमुख घरानों से शिक्षा प्राप्त की, और वे एक प्रमुख कला विद्वान और गुरु के रूप में मानी जाती थीं. उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न संगीतिक प्रदर्शन किए और अपने उद्गामी गायन की कला में माहिर थीं. उनका आलाप और भावना से भरपूर गायन उन्हें एक अद्वितीय संगीतकार बनाता है.

वाणी जयराम का गायन और उनका संगीत भारतीय संगीत में विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, और उन्होंने भारतीय संगीत के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान दिया. उन्होंने कई अल्बम और संगीत रिकॉर्डिंग्स की रचना की, और उनकी आवाज और संगीत कई प्रशंसा प्राप्त करने में मदद करी. वाणी जयराम ने संगीत के क्षेत्र में अपना नाम बनाया और भारतीय संगीत में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया. वाणी जयराम का निधन 04 फरवरी 2023 को हुआ था.

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