गुरू हर राय
सिक्ख गुरुओं में सातवें गुरु थे गुरु हरराय. उनका जन्म 16 जनवरी 1630 को पंजाब में हुआ था. गुरु हरराय जी एक महान् आध्यात्मिक व राष्ट्रवादी महापुरुष थे.
गुरु हरराय को 14 वर्ष की छोटी आयु में “सप्तम नानक” के रूप में स्थापित किया गया था. गुरु हरराय साहिब जी का शांत व्यक्तित्व लोगों को प्रभावित करता था. उन्होंने सिख योद्धाओं में नवीन प्राण संचारित किए. गुरु हरराय ने वनस्पति विज्ञान, औषधि विज्ञान, और विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में अपने शिष्यों को शिक्षा दी और उन्होंने विज्ञान और धार्मिक तथ्यों के मिलन से सिख समुदाय की तरक्की को प्रोत्साहित किया.
गुरु हरराय ने अपने छोटे भ्राता गुरु हरकिशन सिंह को भी अपने प्रेरणा स्रोत के रूप में चुना और उन्होंने सिख समुदाय को उनके उपदेश का आदान-प्रदान किया. गुरु हरराय ने 6 अक्टूबर 1661 को दिल्ली में अपने जीवन का आखिरी समय बिताया. वे सिख धर्म के महत्वपूर्ण गुरु में से एक थे और उनका योगदान सिख समुदाय के इतिहास में महत्वपूर्ण है.
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सोमनाथ शर्मा
मेजर सोमनाथ शर्मा प्रथम भारतीय शहीद में से एक हैं, और उन्होंने भारतीय सेना की जान पर खेल कर अपने देश की सुरक्षा के लिए अपना जीवन न्योछावर किया.
मेजर सोमनाथ शर्मा का जन्म 31 जनवरी 1923 को जम्मू में हुआ था. उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय आर्मी में सेवा की और भारत-पाकिस्तान युद्ध (1947-1948) के समय जम्मू और कश्मीर में लड़ा. मेजर सोमनाथ शर्मा 3 नवम्बर 1947 को मेजर सोमनाथ शर्मा की टुकड़ी को कश्मीर घाटी के बदगाम मोर्चे पर जाने का हुकुम मिला और उन्होंने दिन के 11 बजे तक अपनी टुकड़ी तैनात कर दी. दुश्मन की क़रीब 500 लोगों की सेना ने उनकी टुकड़ी को तीन तरफ से घेरकर हमला किया. उन्होंने अपनी पोस्ट पर शत्रुओं के खिलाफ बहुत बड़ी वीरता और संघर्षशीलता से लड़ते हुये वीरगति प्राप्त हुये।
मेजर सोमनाथ शर्मा भारतीय सेना के पहले सैनिक हैं जिन्हें परामवीर चक्र से सम्मानित किया गया. वे प्रथम भारतीय जवान थे जिन्होंने इस उच्च गौरवित सम्मान को प्राप्त किया. उनका साहस और वीरता आज भी भारतीय सेना के जवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
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अभिनेत्री प्रीति जिंटा
प्रीति जिंटा एक फ़िल्म अभिनेत्री हैं, जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग कैरियर की शुरुआत 1998 में की थी. उन्होंने कई प्रमुख हिट फ़िल्मों में काम किया है और उनकी अभिनय की प्रशंसा की गई है.
प्रीति जिंटा का जन्म 31 जनवरी 1975 को हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में हुआ था. वे कॉन्वेंट ऑफ़ जीज़स एंड मेरी बोर्डिंग विद्यालय में पढ़ती थीं और फिर स्टैंस एंड्रूस कॉलेज, दिल्ली से ग्रेजुएशन किया।
कुछ प्रमुख फ़िल्में: –
“दिल से” (Dil Se), “कल हो ना हो” (Kal Ho Naa Ho), “कभी अलविदा ना कहना” (Kabhi Alvida Naa Kehna), “वीर-ज़ारा” (Veer-Zaara), और “लक्ष्य” (Lakshya). वे अपने विवादों के लिए भी जानी जाती हैं और सामाजिक मुद्दों के प्रसारण में भी भाग लेती हैं.
प्रीति जिंटा का अभिनय कौशल, प्रेरणास्पद व्यक्तित्व और समाज में उनके साथीयों के लिए किए गए दान-दान में उन्हें प्रशंसा मिली है.
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अभिनेत्री अमृता अरोड़ा
अमृता अरोड़ा एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री हैं, जो बॉलीवुड में काम करती हैं. उनका जन्म 31 जनवरी 1981 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था. वे अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग से करके फ़िल्म इंडस्ट्री में प्रवेश किया. अमृता अरोड़ा ने कई हिट फ़िल्मों में अभिनय किया है.
फ़िल्म: – कितने दूर कितने पास, आवारा पागल दीवाना, मुझसे शादी करोगी, हैलो, गोलमाल रिटर्न्स,ओम शांति ओम और रामा रामा क्या है ड्रामा.
अमृता अरोड़ा का परिवार बॉलीवुड में कई दशकों से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है.
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श्रीकृष्ण सिंह
श्रीकृष्ण सिंह प्रथम बिहार के मुख्यमंत्री थे. उनका जन्म 21 अक्टूबर 1887 को बिहार के मुंगेर ज़िला में हुआ था.
श्रीकृष्ण सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सहयोग किया और महात्मा गांधी के महत्वपूर्ण साथी और समर्थक रहे. उन्होंने बिहार के स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और लोगों को स्वतंत्रता संग्राम की ओर प्रोत्साहित किया. भारत के स्वतंत्रता होने के बाद, श्रीकृष्ण सिंह 1946 में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बने. उनका कार्यकाल 1961 तक चला. उन्होंने बिहार के विकास और समृद्धि के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और प्रशासनिक सुधार किए.
श्रीकृष्ण सिंह बिहार के सियासी समर्थकों के बीच “साप्तकोषी प्रणाली” के अनुसार भी प्रसिद्ध थे, जिसका मकसद था ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना. उनकी मृत्यु 31 जनवरी 1961 को हुई, लेकिन उनका योगदान और प्रेरणा बिहार राज्य के लिए महत्वपूर्ण हैं और वे बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में याद किए जाते हैं.
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सुर सम्राज्ञी सुरैया
सुर सम्राज्ञी सुरैया भारतीय सिनेमा की प्रमुख गायिका और अभिनेत्री थीं, जो बॉलीवुड के स्वर्गीय कलाकारों में से एक थीं. उनका जन्म 15 जून 1929 को लाहौर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था और उनकी मौत 31 जनवरी 2004 को हुई थी.
सुरैया का गायन क्षेत्र में बड़ा ही प्रमुख स्थान था, और वे भारतीय सिनेमा के सुने जाने वाले गायक-गायिकाओं में से एक थीं. उन्होंने कई हिट गाने गाए: –
तू मेरा चाँद है, दिल इ नादान तुझे हुआ क्या, ओ दूर जाने वाले, मान मोरा मतवाला और बिगड़ी बनाने वाले.
सुरैया ने भी अभिनय करने का संवेदनशीलता और कौशल दिखाया, और उन्होंने कई हिट फ़िल्मों में अभिनय किया.
फ़िल्म:-
हमारी बात, जीत, कमल के फूल, खिलाड़ी, दो सितारे,मिर्ज़ा ग़ालिब और शमा.
उनका अभिनय और गायन सिनेमा के इतिहास में महत्वपूर्ण रूप से मान्यता प्राप्त है.