
व्यक्ति विशेष
साहित्यकार कालिंदी चरण पाणिग्रही
कालिंदी चरण पाणिग्रही एक उड़िया साहित्यकार थे, जिनका योगदान भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण माना जाता है. वे कवि, उपन्यासकार और नाटककार थे. उनका 2 जुलाई 1901 को विश्वनाथपुर, पुरी जिले में हुआ था और उनका निधन 15 मई 1991 को हुआ.
उनका लेखन सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर आधारित होता था, और वे अपने समय के सामाजिक परिवर्तनों और मानवीय संवेदनाओं को अपने लेखन में अभिव्यक्त करने के लिए जाने जाते थे.
कालिंदी चरण पाणिग्रही की कविताएँ सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती हैं. उनकी कविताओं में मानवीय संवेदनाओं का गहरा चित्रण होता है. उनके उपन्यास समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हैं और सामाजिक न्याय, समानता, और मानव अधिकारों की बात करते हैं. उनकी कहानियों में जीवन के विभिन्न रंगों और पहलुओं का चित्रण होता है, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर करता है.
प्रमुख कृतियाँ: – मतिरा मना (उपन्यास), गोपा रेखा (कहानी संग्रह), नयका स्वप्न (कविता संग्रह).
कालिंदी चरण पाणिग्रही को उनके साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है. उनके साहित्यिक कार्य ने उड़िया साहित्य को समृद्ध किया और उन्हें एक महत्वपूर्ण साहित्यिक हस्ती के रूप में स्थापित किया.
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जनकवि आलोक धन्वा
आलोक धन्वा एक हिंदी जनकवि हैं, जिनका साहित्यिक योगदान विशेष रूप से उनकी कविताओं के लिए जाना जाता है. वे भारतीय समाज के विभिन्न मुद्दों, सामाजिक अन्याय, शोषण, और राजनीतिक असमानताओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता और विरोध के लिए मशहूर हैं. उनकी कविताएँ जन आंदोलनों, संघर्षों और आम जनता की आवाज़ को अभिव्यक्त करती हैं.
प्रमुख कृतियाँ: – भागी हुई लड़कियाँ, गोली दागो पोस्टर, जनता का आदमी
आलोक धन्वा की कविताएँ मुख्यतः समाज और राजनीति के मुद्दों पर आधारित होती हैं. वे समाज में व्याप्त अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करते हैं. उनकी कविताएँ आम आदमी की समस्याओं और उनके संघर्षों को सामने लाती हैं. वे जन आंदोलनों और संघर्ष शीलता के कवि माने जाते हैं. उनकी कविताएँ नई पीढ़ी के कवियों और साहित्यकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हैं.
उनकी कविताएँ अक्सर सत्ता और व्यवस्था के खिलाफ विरोध की आवाज़ होती हैं. समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों की पीड़ा और संघर्ष को वे संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करते हैं. उनकी कविताओं की भाषा सहज और प्रभावी होती है, जो सीधे पाठकों के दिल तक पहुँचती है.
आलोक धन्वा का साहित्यिक योगदान हिंदी कविता को नई दिशा और दृष्टिकोण प्रदान करता है, और वे समकालीन हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण कवियों में से एक हैं.
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अभिनेता पवन मल्होत्रा
पवन मल्होत्रा एक भारतीय अभिनेता हैं, जो हिंदी सिनेमा और टेलीविजन में अपने प्रभावशाली अभिनय के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपने कैरियर में कई महत्वपूर्ण और विविधतापूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं, जिससे उन्हें व्यापक पहचान और प्रशंसा मिली है.
पवन मल्होत्रा का जन्म 2 जुलाई 1958 को नई दिल्ली, भारत में हुआ था. उन्होंने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत थिएटर से की और धीरे-धीरे फिल्म और टेलीविजन की ओर रुख किया.
प्रमुख फिल्में: – सलीम लंगड़े पे मत रो (1989), ब्लैक फ्राइडे (2004), जुबान (2015), बाग बहादुर (1989), भाग मिल्खा भाग (2013).
टेलीविजन: –
नुक्कड़ (1986-87): – यह टीवी शो बहुत लोकप्रिय हुआ था और इसमें उनका किरदार हर घर में पहचाना गया.
लाओर (2001): – यह एक पॉपुलर टीवी शो था जिसमें उनके अभिनय को बहुत सराहा गया.
पवन मल्होत्रा को उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं. उन्होंने विभिन्न फिल्म फेस्टिवल्स और अवार्ड शो में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.
पवन मल्होत्रा ने अपने कैरियर में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ निभाई हैं, चाहे वह ड्रामा हो, कॉमेडी, थ्रिलर या बायोपिक. उनके अभिनय में गहराई और वास्तविकता का पुट होता है, जो दर्शकों को सीधे प्रभावित करता है. थिएटर में उनके अनुभव ने उनके अभिनय को और भी निखारा है और वे अपने किरदारों में सजीवता ला पाते हैं.
पवन मल्होत्रा का योगदान भारतीय सिनेमा और टेलीविजन में अमूल्य है और वे एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से एक मजबूत पहचान बनाई है.
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अभिनेत्री अनुपमा वर्मा
अनुपमा वर्मा एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं. उन्होंने अपने कैरियर में विभिन्न क्षेत्रों में काम किया है और अपनी खूबसूरती और प्रतिभा के कारण लोगों के बीच लोकप्रिय हुई हैं.
अनुपमा वर्मा का जन्म 17 जुलाई 1972 को दिल्ली, भारत में हुआ था. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग से की और धीरे-धीरे टेलीविजन और फिल्म की ओर रुख किया.
अनुपमा वर्मा ने कई प्रमुख ब्रांडों और उत्पादों के लिए मॉडलिंग की है. उन्होंने कई विज्ञापनों में काम किया है और फैशन शो में भी हिस्सा लिया है. उनकी खूबसूरती और शैली ने उन्हें मॉडलिंग की दुनिया में एक खास पहचान दिलाई.
अनुपमा वर्मा ने टेलीविजन पर भी अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने कई टीवी शो और रियलिटी शो में भाग लिया है. अनुपमा ने भारतीय रियलिटी शो बिग बॉस में भी हिस्सा लिया, जिससे उन्हें व्यापक प्रसिद्धि मिली. उन्होंने इस शो में भी एक प्रतिभागी के रूप में भाग लिया और अपने ज्ञान और व्यक्तित्व से दर्शकों को प्रभावित किया.
फिल्मी: – पिता (2002) और फास्ट फॉरवर्ड (2009).
अनुपमा वर्मा अपनी खूबसूरती और फैशन सेंस के लिए जानी जाती हैं. उनकी शैली ने उन्हें फैशन आइकन बना दिया है. उन्होंने अपने कैरियर में विभिन्न प्रकार के काम किए हैं, चाहे वह मॉडलिंग हो, टेलीविजन, या फिल्में. इस विविधता ने उन्हें एक बहुमुखी कलाकार बनाया है. उनकी व्यक्तिगत छवि और आत्मविश्वास ने उन्हें एक मजबूत व्यक्तित्व का धनी बनाया है.
अनुपमा वर्मा का योगदान भारतीय मनोरंजन उद्योग में महत्वपूर्ण रहा है और उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से एक विशेष स्थान हासिल किया है.
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अभिनेत्री गौतमी तडिमल्ला
गौतमी तडिमल्ला एक भारतीय अभिनेत्री और राजनीतिज्ञ हैं, जो मुख्य रूप से तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने अपने कैरियर में कई उल्लेखनीय भूमिकाएँ निभाई हैं और दक्षिण भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण नाम हैं.
गौतमी का जन्म 2 जुलाई 1968 को निडादावोलु, आंध्र प्रदेश, भारत में हुआ था. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की लेकिन उनकी रूचि अभिनय में थी, जिससे उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा.
गौतमी ने अपने कैरियर की शुरुआत 1987 में तेलुगु फिल्म “दयामु डुंगाडु” से की थी. इसके बाद उन्होंने तमिल, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में भी अभिनय किया.
प्रमुख फिल्में: – अपूर्व सहोदरंगल (1989), इंदिरा (1995), थादका (1996), पापा कहते हैं (1996).
गौतमी ने टेलीविजन पर भी काम किया है और कई धारावाहिकों में दिखाई दी हैं. उन्होंने रियलिटी शो और टॉक शो में भी भाग लिया है. गौतमी का निजी जीवन भी चर्चा में रहा है. वह प्रसिद्ध अभिनेता कमल हासन के साथ लंबे समय तक रिश्ते में रही हैं और उनके साथ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है. दोनों की एक बेटी भी है.
गौतमी ने 2016 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा. उन्होंने पार्टी के प्रचार अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई और सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई. गौतमी को उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं. उन्होंने विभिन्न फिल्म फेस्टिवल्स और अवार्ड शो में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.
गौतमी ने अपने कैरियर में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएँ निभाई हैं, चाहे वह ड्रामा हो, कॉमेडी, थ्रिलर या रोमांस. उनके अभिनय में गहराई और वास्तविकता का पुट होता है, जो दर्शकों को सीधे प्रभावित करता है. उनके समर्पण और मेहनत ने उन्हें भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है.
गौतमी तडिमल्ला का योगदान भारतीय सिनेमा और राजनीति में महत्वपूर्ण रहा है और उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा से एक मजबूत पहचान बनाई है.
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पार्श्वगायक मोहम्मद अज़ीज़
मोहम्मद अज़ीज़ एक भारतीय पार्श्वगायक थे. उन्होंने मुख्य रूप से हिंदी, बंगाली और उड़िया फिल्मों के लिए गाने गाए. उनका वास्तविक नाम सईद मोहम्मद अज़ीज़-उन-नबी था. अज़ीज़ की आवाज़ और गायन शैली ने उन्हें 1980 – 90 के दशक में एक प्रमुख पार्श्वगायक बना दिया.
मोहम्मद अज़ीज़ का जन्म 2 जुलाई 1954 को पश्चिम बंगाल के अशोक नगर में हुआ था. उन्होंने अपने संगीत कैरियर की शुरुआत बंगाली फिल्मों से की, लेकिन बाद में उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अपनी पहचान बनाई. अज़ीज़ ने कई हिट गाने गाए हैं जो आज भी लोकप्रिय हैं.
प्रसिद्ध गाने: – ‘आपके आ जाने से’, ‘काग़ज कलम दवात ला’, ‘दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए’, ‘मेरे दो अनमोल रतन’, ‘माई नेम इज़ लखन’, ‘तुझे रब ने बनाया होगा’.
मोहम्मद अज़ीज़ ने कई प्रमुख संगीतकारों के साथ काम किया, जिनमें लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, अनु मलिक, आर. डी. बर्मन, और बप्पी लाहिरी शामिल हैं. उनकी आवाज़ ने इन संगीतकारों के गानों को और भी खास बना दिया. अज़ीज़ को उनके उत्कृष्ट गायन के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले. उनकी आवाज़ और गायन शैली ने उन्हें संगीत प्रेमियों के बीच एक विशेष स्थान दिलाया.
मोहम्मद अज़ीज़ एक सरल और विनम्र व्यक्ति थे. उनकी मधुर आवाज़ और उनके गीतों की विविधता ने उन्हें लोगों के दिलों में बसा दिया. मोहम्मद अज़ीज़ का निधन 27 नवंबर 2018 को हुआ. उनके निधन से संगीत जगत को एक बड़ा झटका लगा, लेकिन उनके गाने और उनकी आवाज़ हमेशा याद की जाती रहेगी.
मोहम्मद अज़ीज़ की आवाज़ में एक खास मिठास थी, जो उनके गानों को और भी आकर्षक बना देती थी. उन्होंने विभिन्न प्रकार के गाने गाए, जिनमें रोमांटिक, भक्ति, और देशभक्ति गाने शामिल हैं. उनकी गायन शैली में गहराई और भावना थी, जो श्रोताओं को सीधे प्रभावित करती थी.
मोहम्मद अज़ीज़ का योगदान भारतीय संगीत में अमूल्य है और उनकी आवाज़ ने लाखों लोगों के दिलों को छुआ है. उनके गीत और उनकी मधुर आवाज़ संगीत प्रेमियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे.
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क्रांतिकारी असित भट्टाचार्य
असित भट्टाचार्य एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल थे और उन्होंने कई साहसी अभियानों में भाग लिया. उनका जीवन और कार्य देशभक्ति और साहस का प्रतीक हैं.
असित भट्टाचार्य का जन्म बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था. उनका झुकाव युवा अवस्था से ही क्रांतिकारी गतिविधियों की ओर था और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेने का निर्णय किया.
असित भट्टाचार्य ने अनुशीलन समिति और बाद में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) जैसे क्रांतिकारी संगठनों के साथ काम किया. ये संगठन ब्रिटिश शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के लिए जाने जाते थे. भट्टाचार्य बंगाल वोलंटियर नामक क्रांतिकारी समूह के सदस्य भी थे. यह समूह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह और अन्य क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल था.
असित भट्टाचार्य को उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण कई बार गिरफ्तार किया गया और वे जेल भी गए. जेल में उन्होंने अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम के लिए रणनीतियाँ बनाईं और अपने उद्देश्यों के प्रति अडिग रहे. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, असित भट्टाचार्य ने भारतीय समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दिया. वे भारतीय समाज में सुधार और विकास के लिए सक्रिय रहे और स्वतंत्रता संग्राम के अनुभवों को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने का प्रयास किया.
असित भट्टाचार्य का जीवन देशभक्ति और साहस का प्रतीक था. उन्होंने अपने जीवन को देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सशस्त्र संघर्ष के महत्व को समझा और इसके लिए अपना योगदान दिया. उनका समर्पण और दृढ़ता भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रेरणा स्रोत रहे हैं.
असित भट्टाचार्य का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य है. उनके संघर्ष और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा और वे भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्रांतिकारी के रूप में सम्मानित रहेंगे.