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व्यक्ति विशेष

भाग – 160.

ट्रेड यूनियन आंदोलन के जन्मदाता एन. एम. जोशी

नारायण मल्हार जोशी, जिन्हें एन. एम. जोशी के नाम से भी जाना जाता है. वे भारतीय श्रम आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक थे. उनका जन्म  5 जून 1879 को हुआ था और उनका निधन 30 मई, 1955 को हुआ.

उन्होंने अपने जीवन को श्रमिकों के अधिकारों और उनकी बेहतरी के लिए समर्पित कर दिया था. जोशी ने विभिन्न ट्रेड यूनियनों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण श्रमिक आंदोलन संगठित हुए.

उन्होंने ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) की स्थापना में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जो भारत में पहली राष्ट्रीय स्तर की ट्रेड यूनियन है. जोशी ने श्रमिकों के अधिकारों के लिए विधानसभा में भी आवाज उठाई और उनकी बेहतरी के लिए कई कानूनी प्रावधानों की वकालत की. उनका कार्य श्रमिक वर्ग के लिए समान अवसर प्रदान करने और उनकी कार्य स्थितियों में सुधार लाने के दिशा में था.

एन. एम. जोशी ने श्रमिक संगठनों के माध्यम से श्रमिकों की एकता और सशक्तिकरण पर बल दिया. उनका योगदान आज भी भारतीय श्रमिक आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में याद किया जाता है.

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टेनिस कोच रमेश कृष्णन

रमेश कृष्णन भारतीय टेनिस जगत के एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं. उन्होंने अपने कैरियर में अनेक उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं और बाद में एक टेनिस कोच के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं. रमेश का जन्म 5 जून 1961 को हुआ था और वो टेनिस खिलाड़ी रामनाथन कृष्णन के पुत्र हैं, जो खुद भी एक महान टेनिस खिलाड़ी रह चुके हैं.

रमेश कृष्णन ने अपने कैरियर के दौरान विश्व टेनिस में भारत का प्रतिनिधित्व किया और कई बड़े मुकाबले जीते. उन्होंने डेविस कप में भारत की टीम को कई बार प्रतिष्ठित मुकाबलों में लीड किया. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि में ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचना शामिल है.

रमेश कृष्णन ने अपने पिता की तरह टेनिस कोचिंग में भी हाथ आजमाया और भारतीय टेनिस खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने नई पीढ़ी के टेनिस खिलाड़ियों को प्रेरित किया और उन्हें उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया. रमेश कृष्णन का नाम भारतीय टेनिस के इतिहास में एक उल्लेखनीय स्थान रखता है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ, जिनका वास्तविक नाम अजय सिंह बिष्ट है, भारतीय राजनीति के प्रमुख व्यक्तित्व हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 19 मार्च 2017 को इस पद की शपथ ली थी. योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से पांच बार सांसद रह चुके हैं और गोरखनाथ मठ के महंत भी हैं. योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखण्ड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश; देखें: उत्तर प्रदेश का विभाजन) के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में हुआ था.

उनके नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश सरकार ने कई विकासात्मक और प्रशासनिक पहलें की हैं, जैसे कि अपराध पर नियंत्रण, स्वच्छता अभियान, और आधारभूत संरचना परियोजनाओं का विस्तार. उनकी सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा और किसान कल्याण पर विशेष जोर दिया है.

उनकी राजनीतिक छवि एक हिंदुत्ववादी नेता के रूप में मजबूत है, और वे अक्सर अपने धार्मिक और राष्ट्रवादी विचारों के लिए जाने जाते हैं. योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक और धार्मिक पहचान उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावशाली और विवादास्पद व्यक्तित्व बनाती है.

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अभिनेत्री अपूर्वा अरोड़ा

अपूर्वा अरोड़ा एक भारतीय अभिनेत्री हैं जो मुख्य रूप से हिन्दी और कन्नड़ फिल्म उद्योगों में सक्रिय हैं. वह विभिन्न शैलियों में फिल्मों और वेब सीरीज में अपनी भूमिकाओं के लिए प्रसिद्ध हैं. उनका जन्म 5 जून 1996 को नई दिल्ली में हुआ था.

अपूर्वा ने अपनी फिल्मी कैरियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में की थी और धीरे-धीरे मुख्य भूमिकाओं में नजर आने लगीं. उन्होंने कई प्रशंसित फिल्मों में काम किया है और उनकी अभिनय प्रतिभा की सराहना की गई है. अपूर्वा अपनी विविध भूमिकाओं और व्यक्तित्व के चित्रण के लिए जानी जाती हैं, जिससे उन्होंने व्यापक दर्शक वर्ग का ध्यान खींचा है. उनके काम में उनकी विविधता और गहराई को देखते हुए उन्हें एक प्रतिभाशाली और उभरती हुई अभिनेत्री माना जाता है.

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ग़ज़ल और गीत गायक मास्टर मदन

मास्टर मदन भारतीय संगीत इतिहास में एक असाधारण प्रतिभा थे, जिन्होंने बहुत कम उम्र में ही अपनी संगीतिक क्षमताओं से संगीत प्रेमियों को मोहित कर दिया था. मास्टर मदन का जन्म 28 दिसंबर 1927 को हुआ था और दुर्भाग्य से उनका निधन मात्र 15 वर्ष की आयु में 5 जून 1942 को हुआ.  उनके जीवन का समय भले ही छोटा रहा, लेकिन उन्होंने इस छोटी सी अवधि में संगीत की दुनिया में अमिट छाप छोड़ी।

मास्टर मदन की गायकी में ग़ज़ल और गीत दोनों की विधाओं में असाधारण प्रतिभा दिखाई देती थी. उनके गाए हुए गीतों में ‘यूँ न रह रह कर हमें तरसाइए’ और ‘हैरत से तक रहा है जहां-ए-वफ़ा मुझे’ जैसी ग़ज़लें शामिल हैं, जो आज भी संगीत प्रेमियों द्वारा बहुत पसंद की जाती हैं. उनकी आवाज़ में एक खास किस्म की मिठास और गहराई थी, जो श्रोताओं के दिलों को छू जाती थी.

मास्टर मदन की आकस्मिक मृत्यु ने संगीत जगत को गहरा धक्का पहुंचा. उनकी मौत के बाद भी उनकी गायकी की गूंज संगीत प्रेमियों के बीच में बनी रही है. उनकी विरासत उनके गीतों और ग़ज़लों के माध्यम से आज भी जीवित है, और उन्हें संगीत के एक युवा विलक्षण प्रतिभा के रूप में याद किया जाता है.

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