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व्यक्ति विशेष

भाग - 13.

अर्थशास्त्री जॉन मथाई

अर्थशास्त्री जॉन मथाई एक प्रमुख ब्रिटिश अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने 20वीं सदी के प्रारंभ में विशेषतः महामंदी के समय अपने थ्योरी के माध्यम से आर्थिक नीतियों को प्रभावपूर्ण रूप से प्रभावित किया।

कीन्सियन थ्योरी के अनुसार, एक आर्थिक मंदी के समय में सरकार को आर्थिक उत्पादन को बढ़ावा देने और बेरोजगारी को कम करने के लिए आर्थिक प्राधिकृति करनी चाहिए, जैसे कि सरकारी निवेश और खर्च के माध्यम से। कीन्सियन थ्योरी का मुख्य सिद्धांत यह है कि निजी व्यापार और ग्राहकों की आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ सरकार का भी योगदान आवश्यक होता है ताकि एक समृद्धि और रोजगार की स्थिति को बनाए रखा जा सके।

जॉन मथाई की कीन्सियन थ्योरी ने बड़े पैमाने पर आर्थिक नीतियों को परिवर्तित किया और उन्होंने विशेष रूप से 1930 की महामंदी के समय के आर्थिक चुनौतियों का समाधान ढूंढने में मदद की। उनकी काम की बदौलत, आधुनिक आर्थिक नीतियों में सरकारी हस्तक्षेप और आर्थिक प्राधिकृति की महत्वपूर्ण भूमिका हो गई।

जॉन मथाई की थ्योरी आज भी आर्थिक नीतियों के विकास में महत्वपूर्ण है और उन्होंने आर्थिक विचारशीलता के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण योगदान के लिए याद किया जाता है।

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साहित्यकार पद्मनारायण राय

पद्मनारायण राय एक प्रमुख तेलुगु साहित्यकार थे, जिन्होंने अपने लेखन से तेलुगु साहित्य को योगदान दिया। उनका जन्म 10 जनवरी 1908 को हुआ था और उनका निधन 31 जनवरी, 1968 में हुआ।

पद्मनारायण राय का लेखन विविध विषयों पर आधारित था, जैसे कि कविता, कथा, नाटक, उपन्यास, और लघुकथाएँ। उन्होंने तेलुगु साहित्य के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास किया और उनके लेखन का मुख्य उद्देश्य तेलुगु भाषा और साहित्य को प्रमोट करना था।

पद्मनारायण राय की कुछ महत्वपूर्ण रचनाएँ श्रीशैले, अमृतधारा और दर्शनम् शामिल हैं। उन्होंने तेलुगु साहित्य के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया और उनका योगदान आज भी स्मरणीय है।

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पटकथा लेखक और निर्देशक बासु चटर्जी

बासु चटर्जी भारतीय सिनेमा के प्रमुख पटकथा लेखक और निर्देशकों में से एक थे। वे भारतीय सिनेमा के स्वतंत्रता आंदोलन के बाद के दशकों में एक महत्वपूर्ण और ग्रहणीय नाम थे। उनका जन्म 10 जनवरी 1927 को हुआ था और उनका निधन 4 जून 2020 को हुआ।

बासु चटर्जी ने अपने सिनेमाग्राफी में साधारण जीवन की छवियों को प्राधान्य दिया और उन्होंने उन्हें मनोरंजनीय और सामाजिक संदेश के साथ पेश किया। उनकी फिल्में आम जनता के जीवन के सामान्य पहलुओं पर आधारित थीं और वे उन्हें एक सरल और साहसी तरीके से प्रस्तुत करते थे।

कुछ प्रमुख फिल्में जिन्हें बासु चटर्जी ने निर्देशित किया और पटकथा लिखी थी, शामिल हैं:

“चोटी सी बात” (Choti Si Baat, 1976)

“राजनिगंधा” (Rajnigandha, 1974)

“खट्टा मीठा” (Khatta Meetha, 1978)

“बावर्ची” (Bawarchi, 1972)

“बतवारा” (Baton Baton Mein, 1979)

उनके काम ने भारतीय सिनेमा में सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण योगदान किया और उन्हें सिनेमा के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम माना जाता है।

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पंजाबी साहित्यकार गुरदयाल सिंह

गुरदयाल सिंह एक प्रमुख पंजाबी साहित्यकार थे जिन्होंने अपने लेखन के माध्यम से पंजाबी साहित्य को एक नया दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जन्म 10 जनवरी 1933 को हुआ था और उनका निधन 16 अगस्त 2016 को हुआ।

गुरदयाल सिंह ने अपने कई उपन्यास, कहानियाँ, और कविताएँ लिखीं, और उनके लेखन का मुख्य विषय ग्रामीण और उनके परिवारिक अनुभवों पर आधारित था। उनकी कविताएँ और कहानियाँ पंजाबी भाषा के विभिन्न पहलुओं को प्रकट करती थीं, और उन्होंने सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर अपने लेखन के माध्यम से विचार किए।

गुरदयाल सिंह का कुछ प्रमुख काव्य रचनाएँ शामिल हैं:

“मरास्मि” (Marasmi)

“अनन्त दीव” (Anant Diw)

“अधूरा दिन” (Adhura Din)

“अधूरा प्रेम” (Adhura Prem)

“अनिला” (Anila)

उन्होंने अपने लेखन के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त किए और उन्हें पंजाबी साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान पर रखा जाता है।

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राजनीतिज्ञ मुरली देवड़ा

मुरली देवड़ा भारतीय राजनीतिज्ञ थे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे और वे एक प्रमुख कांग्रेसी नेता और राजनेता रहे हैं। उनका जन्म 10 जनवरी 1937 को हुआ था और उनका निधन 24 नवंबर  2014 को हुआ।

मुरली देवड़ा का राजनीतिक कैरियर लंबा था, और वे बीजेपी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच विभिन्न पदों पर काम कर चुके थे। वे मुंबई शहर के निवासी थे और उन्होंने मुंबई के साथ-साथ महाराष्ट्र राज्य की राजनीति में भी भूमिका निभाई।

मुरली देवड़ा ने मुंबई सिटी के विकास और उसकी इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किया और उन्होंने मुंबई के महत्वपूर्ण रूप से बदलते चेहरे का साथ दिया। उन्होंने मुंबई के मेट्रो प्रोजेक्ट को प्रमोट किया और उसके विकास में योगदान किया।

मुरली देवड़ा का पॉलिटिकल जीवन उनके मृत्यु के बाद भी यादगार है और वे एक प्रमुख राजनीतिज्ञ के रूप में याद किए जाते हैं।

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शास्त्रीय संगीतकार के. जे. येसुदास

के. जे. येसुदास एक प्रमुख भारतीय शास्त्रीय संगीतकार और गायक हैं। वे भारतीय संगीत के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय गायकी के लिए प्रसिद्ध हैं और उन्होंने भारतीय संगीत की दुनिया में अपनी माहिरी के लिए कई पुरस्कार भी जीते हैं।

के. जे. येसुदास का जन्म 10 जनवरी 1940 को केरल, भारत में हुआ था। उन्होंने अपनी संगीत की शिक्षा त्रिवन्द्रम के स्वाती तिरुनाल संगीत कॉलेज से प्राप्त की और फिर उन्होंने अपने संगीतकार और गायक के रूप में कैरियर बनाया।

के. जे. येसुदास का संगीतकारी कैरियर बहुत ही सफल रहा है और उन्होंने भारतीय संगीत में कई भाषाओं में गीत गाए, जैसे कि मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, और गुजराती। उनकी गायकी को उच्च लोकप्रियता प्राप्त हुई है और उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।

के. जे. येसुदास के गीत शास्त्रीय संगीत, भजन, गीत, और सभी प्रकार की संगीत रचनाओं में उनकी अद्वितीय गायकी की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें भारतीय संगीत के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान पर रखा जाता है।

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फ़िल्म निर्माता अल्लू अरविन्द

अल्लू अरविंद एक प्रमुख भारतीय फ़िल्म निर्माता हैं, और वे भारतीय सिनेमा के तेलुगु फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 10 जनवरी 1949 को हुआ था और वे तेलुगु सिनेमा के उद्घाटन और निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अल्लू अरविंद का सिनेमा कार्यक्षेत्र में करियर काफी लम्बा और सफल रहा है, और उन्होंने कई प्रमुख तेलुगु फ़िल्में निर्मित की हैं। उन्होंने अपनी कंपनी ‘गीता आर्ट प्रोडक्शन्स’ के माध्यम से भी कई फ़िल्मों का निर्माण किया है, जिनमें कुछ बड़ी हिट फ़िल्में भी शामिल हैं।

अल्लू अरविंद के परिवार में भी सिनेमा के कई प्रमुख नाम शामिल हैं, जैसे कि उनके पुत्र अल्लू अर्जुन, जो एक प्रमुख तेलुगु फ़िल्म अभिनेता हैं, और उनके दोनों बेटे, चरण तेज और सायन तेज, भी फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में काम करते हैं।

अल्लू अरविंद को उनके फ़िल्म निर्माता के रूप में उनकी योगदान के लिए सिनेमा इंडस्ट्री में सम्मान और प्रशंसा मिली है और उन्हें एक प्रमुख फ़िल्म निर्माता के रूप में जाना जाता है।

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उपन्यासकार सुचित्रा भट्टाचार्य

सुचित्रा भट्टाचार्य  एक प्रमुख भारतीय उपन्यासकार और लेखिका थीं। वे भारतीय उपन्यास साहित्य के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध थीं।

सुचित्रा भट्टाचार्य का जन्म 10 जनवरी 1950 को हुआ था और उनका निधन 12 मई 2015 को हुआ। वे भारतीय साहित्य के क्षेत्र में अपनी लेखनी के माध्यम से कई उपन्यास, कहानियां, और कविताएँ लिखीं, जिनमें से कई उनकी अद्वितीय गाथाओं और कथाओं के लिए प्रसिद्ध हुईं।

सुचित्रा भट्टाचार्य की लेखनी ने विभिन्न विषयों पर छवियों को अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत किया, और उन्होंने समाजिक, सांस्कृतिक, और मानवीय मुद्दों पर अपनी कथाओं के माध्यम से विचार किए। उनका लेखन साहित्यिक जगत में अपने महत्वपूर्ण स्थान के लिए प्रसिद्ध है और उन्हें उपन्यासकार के रूप में याद किया जाता है।

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अभिनेता ऋतिक रोशन

रितिक रोशन एक प्रमुख भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं जो बॉलीवुड में अपने अद्वितीय अभिनय के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 10 जनवरी 1974 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था।

रितिक रोशन बॉलीवुड के मेगा स्टार्स में से एक हैं और उन्होंने अपनी अद्वितीय अभिनय के लिए कई पुरस्कार भी जीते हैं। उनका बॉलीवुड में कैरियर 2000 में रिलीज़ हुई फ़िल्म “कहो ना… प्यार है” के साथ शुरू हुआ था, जिसके साथ ही उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में अपना दिलचस्प विद्या देना शुरू किया।

रितिक रोशन का अद्वितीय अभिनय और उनकी फ़िल्मों में उनके चरित्रों के लिए उन्हें महत्वपूर्ण प्रशंसा मिली है। कुछ प्रमुख फ़िल्में, जिनमें उन्होंने काम किया है, शामिल हैं: “कोई मिल गया” , “क्रिश” , “धूम 2” , “अग्निपथ” और “कृष 3″।

रितिक रोशन को उनके अद्वितीय अभिनय के लिए फ़िल्म इंडस्ट्री में कई पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है, और उन्हें एक अद्वितीय अभिनेता के रूप में माना जाता है।

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अभिनेत्री दृष्टि धामी

दृष्टि धामी एक प्रमुख भारतीय टेलीविजन अभिनेत्री हैं। वे भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री में अपने प्रमुख अभिनय के लिए प्रसिद्ध हैं और उन्होंने अपनी कई पॉपुलर टेलीविजन सीरियल्स में भाग लिया है।

दृष्टि धामी का जन्म 10 जनवरी 1985 को उत्तराखंड, भारत में हुआ था। उन्होंने अपना टेलीविजन कैरियर 2007 में शुरू किया था और उन्होंने अपने अभिनय के लिए तारीक और महत्वपूर्ण पुरस्कार भी जीते हैं।

दृष्टि धामी का प्रमुख बड़ा ब्रेक टेलीविजन सीरियल “मदहुबाला – एक इश्क़ एक जुदाई” में आया था, जिसमें वे मुख्य भूमिका में थीं और उनका अभिनय उपलब्धि प्राप्त करने के लिए प्रसिद्ध हुआ। उन्होंने और भी कई टेलीविजन सीरियल्स में काम किया है, जैसे कि “एक था राजा एक थी रानी” और “परदेस में हैं मेरा दिल”।

दृष्टि धामी को उनके रंगमंच और टेलीविजन अभिनय के लिए प्रमुख अभिनेत्री के रूप में माना जाता है, और वे भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री के महत्वपूर्ण नामों में से एक हैं।

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अभिनेत्री ज़ोया अफ़रोज़

ज़ोया अफ़रोज़ एक भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री और मॉडल हैं। वे भारतीय सिनेमा में अपने काम के लिए जानी जाती हैं। ज़ोया का जन्म 10 जनवरी 1994 को न्यू दिल्ली, भारत में हुआ था।

ज़ोया अफ़रोज़ ने अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग के क्षेत्र में की थी, और उन्होंने कई मॉडलिंग प्रोजेक्ट्स में काम किया। उन्होंने भारतीय टेलीविजन सीरियल “सोन पारी” में भी एक बच्ची की भूमिका में काम किया था, जिससे उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली थी।

ज़ोया अफ़रोज़ ने भारतीय सिनेमा में भी कुछ फ़िल्मों में काम किया है, जैसे कि “एक पहेली लीला” और “स्वाप्न” । वे अपने आकर्षक रूप और अद्वितीय अभिनय के लिए जानी जाती हैं और उन्हें फ़िल्म इंडस्ट्री में एक प्रमुख अभिनेत्री के रूप में माना जाता है।

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