नेकदिल…
एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है. एक दिन जब वह खा रहा था तो एक आदमी ने चुपके से दुकान के मालिक को बताया कि यह भाई भीड़ का लाभ उठाएगा और बिना बिल चुकाए निकल जाएगा.
उसकी बात सुनकर रेस्टोरेंट का मालिक मुस्कराते हुए बोला – उसे बिना कुछ कहे जाने दो, हम इसके बारे में बाद में बात करेंगे.
हमेशा की तरह भाई ने नाश्ता करके इधर-उधर देखा और भीड़ का लाभ उठाकर चुपचाप चला गया. उसके जाने के बाद, उसने रेस्टोरेंट के मालिक से पूछा कि मुझे बताओ कि आपने उस व्यक्ति को क्यों जाने दिया. रेस्टोरेंट के मालिक ने कहा आप अकेले नहीं हो, कई भाइयों ने उसे देखा है और मुझे उसके बारे में बताया है. वह रेस्टोरेंट के सामने बैठता है और जब देखता है कि भीड़ है, तो वह चुपके से खाना खा लेता है.
मैंने हमेशा इसे नज़रअंदाज़ किया और कभी उसे रोका नहीं, उसे कभी पकड़ा नहीं और ना ही कभी उसका अपमान करने की कोशिश की.. क्योंकि मुझे लगता है कि मेरी दुकान में भीड़ इस भाई की प्रार्थना की वजह से है वह मेरे रेस्टोरेंट के सामने बैठे हुए प्रार्थना करता है कि, जल्दी इस रेस्टोरेंट में भीड़ हो तो मैं जल्दी से अंदर जा सकूँ, खा सकूँ और निकल सकूँ और निश्चित रूप से जब वह अंदर आता है तो हमेशा भीड़ होती है. तो ये भीड़ भी शायद उसकी “प्रार्थना” से है शायद इसीलिए कहते है कि मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ क्या पता की हम खुद ही किसके भाग्य से खा रहे हैँ .
प्रभाकर कुमार.
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Good-Hearted…
It has been seen many times in a restaurant that a person (beggar) comes and takes advantage of the crowd and secretly leaves without giving money after having breakfast. One day while he was eating, a man secretly told the owner of the shop that this brother would take advantage of the crowd and leave without paying the bill.
After listening to him, the owner of the restaurant said with a smile – let him go without saying anything, we will talk about it later.
As usual, the brother looked around after having breakfast and took advantage of the crowd, and went quietly. After he left, she asked the owner of the restaurant to tell her why you let the person go. The restaurant owner said you are not alone, many brothers have seen him and told me about him. He sits in front of the restaurant and when he sees that there is a crowd, he eats secretly.
I always ignored it and never stopped him, never caught him, and never tried to insult him.. because I think the crowd in my shop is because of the prayer of this brother he is sitting in front of my restaurant Hui prays that this restaurant gets crowded soon so I can get in, eat and leave quickly and of course when he walks in it’s always crowded. So this crowd is also probably because of his “prayer”, maybe that’s why it is said that don’t be so proud that I am feeding someone, don’t know from whose fate we ourselves are eating.
Prabhakar Kumar.