पहले वो रेडीमेड गारमेंट का व्यापार करते थे अब रेडीमेड गवर्मेंट बेचने का धंधा करते है. गारमेंट और गवर्मेंट बेचने का काम मिलता जुलता काम है. इनकी दुकान में पहले हर रंग हर डिज़ाईन हर साईज़ के कपड़े बिकते थे अब हर आकार , हर प्रकार और हर डिज़ाईन की सरकार बिकती है. पहले ग्राहक को गारमेंट का रंग दिखाते थे, अब बेढंगी गवर्मेंट का ढंग बताते है .अब दुकान में ग्राहक आकर कहता है कोई अच्छी सी सरकार दिखाइये तो फ़ौरन पूछते है ! – खुद के लिये होना या किसी को गिफ्ट करना है ? ग्राहक कहता है खुद के लिये चाहिए तो पूछते है डेली यूज़ के लिये चाहिये या पार्टी वियर दिखाऊं.
ग्राहक कहता है मिडिल रेंज की सरकार दिखाइये. मेरे को ख़ास ज़रूरत नहीं है लेकिन जब हर बड़े घराने के दरवाज़े पर एक सरकार बंधी है तो बच्चे ज़िद कर रहे है कि हम को भी सरकार चाहिये. सेल्समेन ग्राहक की रिक्वायरमेंट समझ गया और बोला आप के लायक कल ही राज्य सरकारों का नया लाट आया है रेट के लिये आप बेफ़िक्र रहे. यही वह समय होता है जब सेल्समेन ग्राहक की हैसियत ताड़ता है अब ग्राहक के मुंह से अनायास निकलता है पैसा मैटर है ही नहीं भले दो पैसा ज़्यादा लग जाये पर चीज़ एक नंबर होनी चाहिये. हर दो नंबर की आमदनी वाले को चीज़ एक नंबर की चाहिये. ग्राहक के मुंह से यह वाक्य सुनते ही दुकान का मालिक सेल्समेन को दूसरे काम में लगा कर ग्राहक को खुद अटेंड करता है और पूछता है आपकी साईज़ क्या है?
अंडर गारमेंट बेचते-बेचते साइज़ शब्द ऐसा ज़बान पर बैठ गया है कि जाता ही नहीं. ग्राहक जवाब दे, इसके पहले ही गले में लटक रहे टेप से ग्राहक की साईज़ नापता है और कहता है कि इस पेट के लिये तो डबल एक्सल की सरकार लगेगी और वह एक सरकार टेबल पर बिछा देता है. ग्राहक सरकार को उलट पलट कर देखता है और कहता है इसमें तो दाग लगे है. दुकानदार उसे बताता है कि हम दाग के ही तो पैसे ले रहे हैं, दागदार होना ही इसकी खासियत है. वह सरकार भी कोई सरकार है जिस पर दाग न हो. ग्राहक को शंका होती है कि ये ज़रा टाईट है. दुकानदार समझाता है कि सरकार का टाईट होना बहुत ज़रूरी है. ढीली सरकार कब कमर से घुटनों पर आ जाये कहा नहीं जा सकता. अब सरकारें सेठों के बेटों के पेटों के अनुसार बनाई जाती है इसमें लास्टिक सिस्टम होता है.
आप अंदर जाकर ट्रायल ले लीजिये थोड़ा बहुत आलट्रेशन हो जायेगा. अपन क्या करेगे एकाध मोटे मंत्री को निकाल कर थोड़ा पतला मंत्री डाल देगे तो साईज़ भी परफ़ेक्ट हो जायेगी. ग्राहक रेट पूछता है तो दुकानदार केलकुलेटर पर लिख कर बताता है. रेट देख कर ग्राहक की आँखे चौड़ी हो जाती है और उसके मुंह से निकलता है “ बाप रे इतना रेट. दुकानदार मंद-मंद मुस्काता है और बताता है कि, है भी तो रिमोट से चलने वाली सरकार. पूरी तरह अपने मालिक के नियंत्रण में रहती है. खड़ी हो जा खड़ी हो गई , बैठ जा बैठ गई, घूम जा घूम गई झूम जा झूम गई. ग्राहक को परेशान देख दुकानदार समझाता है कि इतना विचार मत कीजिये. सरकार में इन्वेस्ट करना ज़रा भी घाटे का सौदा नहीं होता है बढ़िया रिटर्न देती है सरकारें.
साल भर पाल कर देखिये नहीं पोसायेगा तो ले आना मेकिंग चार्ज काट कर बाकी पैसा रिटर्न कर दूंगा. ग्राहक कुछ देर चुप रह कर कहता है पूरी सरकार नहीं लेता आप मेरे को इसमें से तीन मंत्री और पांच विधायक दे दीजिये. दुकानदार कहता है अपना रिटेल का काम नहीं है हम पूरा सेट ही बेचते है. आपको तीन मंत्री और पांच विधायक दे दूंगा तो मेरा सेट बिगड़ जायेगा. ग्राहक यह कहते हुए दुकान से निकलता है कि मेरा नंबर लिख लीजिये कोई कम रेट वाली सरकार बाज़ार में आयेगी तो बताना.
प्रभाकर कुमार.