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आजादी का संग्राम…

जिनके नींव प्रस्तरों पर हुआ

स्वतंत्रता का भवन खड़ा,

जिनके बलिदानों की मिट्टी पर

है ये राष्ट्र ध्वज गड़ा।

 हो गए वतन पर न्योछावर

देश के अमर सिपाही बने,

सदियों तक ना भूलेगा जग

इतिहास की अमिट स्याही बने।

 कर उत्सर्ग जो प्राणों का

छोड़ गए अपने निशान,

यशोगान कर रहा है उनका

आज ये सारा हिंदुस्तान ।

 घोर अंधेरों से गुजरे ये

तब पाया हमने उजालों को

शत शत है नमन हमारा,

इन भारत मां के लालों को।

 दुश्मन के दांत किए खट्टे,

जोश भरी ललकार से,

गूंज रहा है यह भूमंडल

उनकी जय-जयकार से।

 चट्टान बनकर ये सैनानी,

मौत के सम्मुख खड़े रहे,

हार न मानी बाधाओं से

कर्तव्य पथ पर अड़े रहे ।

 जान हथेली पर रख कर

वो चलते रहे अंगारों पर,

आज़ादी का संग्राम लड़ा,

चलकर तलवार की धारों पर।

 कण-कण इस भारत भूमि का,

करता कोटि कोटि आभार,

झेल यातना और पीड़ाएं

खोल गए स्वतंत्रता का द्वार।

                 

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On whose foundation stones

Freedom building stands

on the soil of whose sacrifices

This is the national flag.

 sacrificed for the country

Be the immortal soldier of the country,

The world will not forget for centuries

Be the indelible ink of history.

 Tax release that lives

left its mark,

praises him

Today this whole Country.

 passed through the dark

then we found the lights

Hundreds of salutes are ours,

To the sons of Mother India.

 Enemy’s teeth sour,

with fervent shouts,

this earth is resounding

With their cheers.

 This fighter is like a rock

stand in the face of death,

don’t give up on obstacles

Stick to the path of duty.

 holding life in hand

He kept walking on the coals,

fought for freedom

By walking on the edge of the sword.

 Every particle of this land of India,

Thanks a lot, tolerate pain and grief

The door to freedom opened.

Prabhakar Kumar.

 

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