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अर्थशास्त्र से संबंधित – 161.

Q. Explain the meaning and importance of appropriation. Explain the difference between free and motivated appropriation.

Meaning of appropriation

Prof. Keynes considered appropriation as a real investment. According to him, real investment is the investment in which new assets, factories, machines, capital goods, etc.

Type of investment

Free appropriation

Independent economic forces determine free appropriation. Sub-division level, profit, interest, etc. have no effect on this investment. The investment changes without any change in the interest rate.

Induced appropriation

Induced investment refers to the amount of investment that is appropriated for earning profit or interest. It is driven by the interest rate.

Importance of investment

Prof. Keynes has said the great importance of investment in the economic development of any country. The level of consumption remains constant in the short run, so the investment is responsible for changes in the level of income and employment. Employment may increase with investment growth if there is no change in consumption growth. Thus, investment is another important determinant of employment level.

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प्र0. विनियोग का अर्थ तथा महत्त्व बताईये। स्वत्रन्त्र तथा प्रेरित विनियोग का अन्तर बताईये.

विनियोग का अर्थ-

प्रो0 कीन्स ने विनियोग को वास्तविक विनियोग माना है। उनके अनुसार वास्तविक विनियोग वह विनियोग जिसमें नवीन सम्प्रति, नये कारखनों, नई मशीनों, पूँजीगत सामग्री आदि का निमार्ण होता है।

विनियोग के प्रकार

स्वतन्त्र विनियोग –

स्वतन्त्र विनियोग का निर्धारण स्वतन्त्र आर्थिक शक्तियों के द्वारा होता है। इस विनियोग पर उपभोग स्तर, लाभ, ब्याज आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। ब्याज दर में बिना परिवर्तन हुए विनियोग में परिवर्तन हो जाता है।

प्रेरित विनियोग –

प्रेरित विनियोग का अर्थ उस विनियोग की राशि से है जिसे लाभ अथवा ब्याज अर्जित करने के लिए विनियोजित किया जाता है। यह ब्याज दर से प्रेरित होता है।

विनियोग का महत्व –

प्रो0 कीन्स ने किसी भी देश के आर्थिक विकास में विनियोग का बड़ा महत्व बताया है। अल्पकाल में उपभोग का स्तर स्थिर रहता है, इसलिए आय तथा रोजगार के स्तर में जो परिवर्तन होते है उसके लिए विनियोग उत्तरदायी होता है। रोजगार विनियोग वृद्धि के साथ बढ़ सकता है यदि उपभोग में वृद्धि में कोई परिवर्तन न हो। इस प्रकार विनियोग रोजगार स्तर का एक अन्यन्त महत्त्वपूर्ण निर्धारक है।

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