सेहत के लिए अमूल्य है जीरा…
भारतीय रसोई की बात करें और वहां मसालों का जिक्र ना हो, ऐसा हो नहीं सकता है? इन मसालों को कुछ और ना समझे… ये बड़े काम की जडी-बुटीयां है. अगर आप इनके गुणों को देखें तो आप आश्चर्यचकित हो जायेंगे. आइये इस कड़ी में रसोई की शान “जीरा” के गुण अवगुणों का अवलोकन करें.
जीरा जिसे संस्कृत में “जीरक”( इसका अर्थ होता है भोजन को पचने में सहायता करने वाला), अंगेरजी में “क्युमिन”, यहूदी इसे “कॅम्मन” और अरबी भाषा में “कैम्मन” कहते हैं. इसका वानस्पतिक नाम “क्यूमिनम सायमिनम” है जो एपियेशी परिवार का एक पुष्पीय पौधा है. इस पौधे की उंचाई करीब 30–50 सेमी तक होती है. इसका पौधा देखने में छतरीनुमा आकार का होता है. इसके प्रत्येक फल में स्थित एक बीज वाले बीजों को सुखाकर खान-पान व्यंजनों में साबुत या पिसा हुआ मसाले के रूप में तथा आयुर्वेदिक दवाई बनाने में प्रयोग किया जाता है. इसकी तासीर गर्म होती है. जीरे में कार्बोहाइर्डेट, प्रोटीन, फाइबर, मिनरल, कैल्शियम, फासपोरस, आयरन, विटामिन ‘ए’ और ‘सी’ की मात्रा भरपूर होती है. जीरे के बारे में कहा जाता है कि, “जो खायेगा जीरा वो बनेगा हीरा”.
बाजार में दो प्रकार का जीरा मिलता है, “जीरा जीरक” और “काला जीरा”. काला जीरा का प्रयोग ओषधि (दवाई) बनाने के लिए किया जाता है इसीलिए यह महंगी होती है. जीरा एक ऐसा मसाला है जिसका छौंक लगाने से दाल और सब्जियों का स्वाद बहुत बढ़ जाता है चुकि, जीरा पाचक भी होता है और सुगन्धित मसाला भी, इसकी तीखी गंध खाने की ओर आकर्षित करती है. यूँ तो भारतीय घरों में जीरा कई रूपों में प्रयोग किया जाता है, वहीं इसका प्रयोग चिकित्सा के लिए भी किया जाता है. बताते चलें कि, जीरे का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से अवश्य मिलें, चुकीं जीरा के साईड इफेक्ट भी होते हैं. “जीरा” भोजन में अरुचि, पेट फूलना, अपच आदि जैसे पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने वाली एक विश्वसनीय औषधि मानी जाती है.
जुकाम में छीकें आने पर भुने हुए जीरे को सूंघने से छींके आनी बन्द हो जाती है. एक गिलास छाछ में भूना हुए जीरा मिलाकर पीने से कब्ज से आराम मिलता है. जीरे और गुड को मिलाकर गोलियां बनाकर खाने से मलेरिया के रोगी को फायदा होता है. जीरे को पानी में उबाल कर ठंडा होने पर मुँह धोने से चेहरे में चमक आ जाती है. आँवले की गुठली निकाल कर, आँवले को पीस लें और धीमी आँच पर भूने उस में जीरा, अजवाइन, सेंधा नमक, और थोड़ी सी हींग मिलाकर गोलियाँ बना ले. रोजाना इसे खाने से बुखार, चक्कर, दस्त में आराम मिलता है और भूख बढ़ती है. थायराइड के रोगी को एक कप पालक के रस में एक चम्मच शहद और थोड़ा जीरा पाउडर मिलाकर पीने से लाभ होता है.
जीरे को पानी में उबाल कर ठंडा होने पर उस से स्नान करने से खुजली समाप्त हो जाती है. जीरा, अजवाइन, और काला नमक रोजाना एक चम्मच खाने से पेट में गैस नहीं बनती है. दही में जीरे का चूर्ण मिलाकर खाने से डायरिया समाप्त हो जाता है. हिचकी होने पर जीरा और सिरका एक साथ खाने पर हिचकी बंद हो जाती है. जीरा खाने पर खून की कमी दूर होती है और ये कैंसर से भी बचाता है. भुने हुए जीरे को चबा-चबा कर खाने से मुंह की बदबू दूर हो जाती है, यही नहीं पेट दर्द होने पर जीरे के चूर्ण में शहद मिलाकर चाट लेने से पेट दर्द में आराम मिलता है. अगर आप रुसी से परेशान हों तो, जीरे को तेल में मिलाकर थोड़ा सा गर्म करें और इस गुनगुने तेल से सिर की मालिश करे. चुकीं जीरा गुणों का खजाना है फिर भी इसका प्रयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, अन्यथा इसके अवगुणों से परेशान भी हो सकते हैं.
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Cumin is invaluable for health…
Talking about Indian kitchens, it is not possible that there is no mention of spices? Do not consider these spices as anything else… these are very useful herbs. If you see their qualities you will be surprised. Let us observe the merits and demerits of the kitchen pride “cumin” in this episode.
Cumin which is called “jirak” in Sanskrit (it means one who helps in digestion of food), “cumin” in English, “kammon” in Hebrew, and “cammon” in Arabic. Its botanical name is “Cuminum Cyminum” which is a flowering plant of the Apiaceae family. The height of this plant is about 30–50 cm. Its plant looks like an umbrella. The seeds containing one seed in each fruit are dried and used as whole or ground spices in food dishes and in making Ayurvedic medicines. Its effect is hot. Cumin is rich in carbohydrates, protein, fiber, minerals, calcium, phosphorus, iron, and vitamins A and C. It is said about cumin that, “Whoever eats cumin will become a diamond”.
There are two types of cumin seeds available in the market, “Jeera Jeerak” and “Black Cumin”. Black cumin is used to make medicine, which is why it is expensive. Cumin is such a spice that when sprinkled on it greatly enhances the taste of pulses and vegetables, since cumin is a digestive and a fragrant spice, its pungent smell attracts food. Although cumin is used in many forms in Indian homes, it is also used for medicine. Let us tell you that before using cumin, you must consult a doctor, because cumin also has side effects. “Cumin” is considered a reliable medicine to cure digestive problems like loss of interest in food, flatulence, indigestion etc.
In case of sneezing due to cold, sniffing roasted cumin stops the sneezing. Drinking a glass of buttermilk mixed with roasted cumin seeds provides relief from constipation. Malaria patients are benefited by making pills by mixing cumin and jaggery and eating them. Boiling cumin seeds in water and then washing the face after it cools down brings glow to the face. Take out the seeds of Amla (Indian Gooseberry), grind it and fry it on low flame, add cumin, celery, rock salt and a little asafoetida to it and make tablets. Eating it daily provides relief from fever, dizziness, diarrhea and increases appetite. Thyroid patients are benefited by drinking one cup of spinach juice mixed with one spoon of honey and a little cumin powder.
Itching is cured by boiling cumin seeds in water and taking bath with it after it cools down. Eating one spoon of cumin, celery and black salt daily prevents gas formation in the stomach. Diarrhea is cured by eating cumin powder mixed with curd. In case of hiccups, eating cumin and vinegar together stops the hiccups. Eating cumin cures anemia and also prevents cancer. Chewing roasted cumin seeds removes bad breath. Not only has this, in case of stomach ache, licking cumin powder mixed with honey provided relief from stomach ache. If you are troubled by dandruff, then mix cumin seeds in oil, heat it a little and massage your head with this lukewarm oil. Although cumin is a treasure trove of qualities, it should still be used in limited quantity; otherwise you may get troubled by its negative qualities.