Dharm
-
विजया एकादशी
सत्संग के दौरान एक भक्त ने महाराज जी पूछा कि, महाराजजी फाल्गुन महीने में जो एकादशी होती है उसके बड़े…
Read More » -
सुन्दरकाण्ड-18-2.
दोहा: – सहज सूर कपि भालु सब पुनि सिर पर प्रभु राम। रावन काल कोटि कहु जीति सकहिं संग्राम ।।…
Read More » -
सुन्दरकाण्ड-18-1.
दोहा: – द्विबिद मयंद नील नल अंगद गद बिकटासि। दधिमुख केहरि निसठ सठ जामवंत बलरासि ।। वाल व्यास सुमन जी…
Read More » -
जया एकादशी…
सत्संग के दौरान एक भक्त ने महाराज जी पूछा कि, महाराजजी माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी के बारे…
Read More » -
सुन्दरकाण्ड-18.
दोहा: – की भइ भेंट कि फिरि गए श्रवन सुजसु सुनि मोर। कहसि न रिपु दल तेज बल बहुत चकित…
Read More » -
बसंत या श्रीपंचमी…
।प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु।। हिन्दू संस्कृति में ज्ञान या यूँ कहें कि, विद्या की देवी माँ सरस्वती जो त्रिदेवियों…
Read More » -
मौनी अमावस्या…
मौनी अमावस्या के दिन व्यक्ति को मौन धारण करते हुए किसी पवित्र, सरोवर, नदी या जलाशय में स्नान दान करना…
Read More » -
सुन्दरकाण्ड-17-3
दोहा: – कहेहु मुखागर मूढ़ सन मम संदेसु उदार। सीता देइ मिलेहु न त आवा काल तुम्हार ।। वाल्व्यास सुमन…
Read More » -
षट्तिला एकादशी…
सत्संग के दौरान एक भक्त ने महाराज जी पूछा कि, महाराज जी माघ महीने के कृष्ण पक्ष की जो एकादशी…
Read More » -
कालाष्टमी…
भैरव: पूर्णरूपोहि शंकरस्य परात्मन:। मूढास्तेवै न जानन्ति मोहिता:शिवमायया॥ हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस सृष्टि को चलाने लिए तीन देव…
Read More »