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दीपक जलाने के फायदे…

सनातन धर्म की विशेषताएं वैज्ञानिकों द्वारा जाँची परखी है जिसका लोहा पूरी दुनिया के लोग मानते हैं या जानते है. सनातन धर्म को मानने वाले लोग अक्सर हीं या यूँ कहें कि पूजा-पाठ या किसी विशेष आयोजन में दीपक जलाने परम्परा हैं. यह दीपक का पात्र मिटटी या धातु का होता है जिसमें घी या तेल रख कर सूत में ज्योति प्रज्वलित की जाती है. क्या आपको पता है कि दीपक जलाने के क्या फायदें हैं आइये जानतें हैं…?
- घी का दीपक जलाने से केवल मंदिर की ही शोभा नहीं बढ़ती अपितु स्वास्थ्य भी निरोग रहता है. अगर आप आप सरसों तेल या घी का दीपक जलाते हैं तो दीपक की ज्योत का धूआं एयर प्यूरीफायर की तरह काम करता है. घी और तेल की सुगंध घर की हवा में मौजूद हानिकारक कणों को बाहर निकालती है साथ ही दीपक की तरंगे घर में मौजूद उदासीनता को दूर करने में मदद करती है.
- दीपक जलाने के पीछे घर के बुजुर्गों अक्सर ही यह तर्क देतें हैं कि दीपक का असर दीपक बुझने के बाद होता है. अक्सर कहा करते हैं कि घी का दीपक बुझने के बाद करीब 04-05 घंटे तक आसपास के वातावरण को सात्विक बनाए रखता है वहीँ सरसों तेल के दीपक बुझने के बाद उसका असर करीब आधे घंटे तक होता है.
- घर से बीमारियों को भी दूर करने में भी मददगार होता है दीपक.
- इससे सबसे ज्यादा फायदा अस्थमा के मरीजों को होता है.
- घर के बुजुर्गों के अनुसार, दीपक के साथ जब एक लौंग जलाते हैं तो इसका दोगुना असर होता है.
- वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण लेकिन, दीपक जलाने से प्रदूषण नहीं होता है बल्कि इसे जलने से प्रदूषण दूर होता है.