अंत्योदय दिवस
अंत्योदय दिवस हर वर्ष 25 सितंबर को मनाया जाता है. यह दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है, जो एक प्रख्यात भारतीय राजनेता, विचारक, और भारतीय जनसंघ (जो आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी बनी) के संस्थापक थे. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने “अंत्योदय” यानी समाज के सबसे गरीब और वंचित व्यक्ति के उत्थान का सिद्धांत प्रस्तुत किया था, और उनके इस विचारधारा को सम्मान देने के लिए इस दिन को मनाया जाता है.
अंत्योदय का शाब्दिक अर्थ है “सबसे अंतिम व्यक्ति का उत्थान”. इसका मकसद समाज के सबसे गरीब और वंचित वर्गों तक विकास और सुविधाओं को पहुंचाना है. दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि सच्चा विकास तभी संभव है जब समाज के हर व्यक्ति को उसके बुनियादी अधिकार और जरूरतें मिलें, खासकर वे लोग जो हाशिये पर होते हैं.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने “एकात्म मानववाद” का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जो मानव और समाज के समग्र विकास की बात करता है. इसका उद्देश्य था कि हर व्यक्ति को उसकी क्षमताओं और आवश्यकताओं के अनुसार विकास के अवसर मिलें, और यह विकास न केवल आर्थिक हो, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी संतुलित हो.
इस दिन का उद्देश्य समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना और उनके उत्थान के लिए किए जा रहे सरकारी और सामाजिक प्रयासों को गति देना है. अंत्योदय दिवस पर विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा योजनाएं चलाई जाती हैं, जिनका लक्ष्य गरीबों, किसानों, मजदूरों, और वंचित वर्गों को लाभ पहुंचाना होता है.
भारत सरकार ने अंत्योदय के सिद्धांतों पर आधारित कई योजनाएं शुरू की हैं.अंत्योदय अन्न योजना के तहत गरीबों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराया जाता है. प्रधानमंत्री आवास योजना, जन धन योजना, और उज्ज्वला योजना जैसी कई योजनाएं भी समाज के सबसे गरीब तबकों तक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से चलाई जा रही हैं.
अंत्योदय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि एक समाज तभी संपूर्ण रूप से प्रगति कर सकता है जब उसमें हर व्यक्ति, विशेषकर सबसे गरीब और वंचित व्यक्ति, विकास की धारा में शामिल हो. यह दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों और उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है, ताकि हर व्यक्ति को गरिमा और अधिकार मिल सके.
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Antyodaya Diwas
Antyodaya Diwas is celebrated every year on 25 September. This day is celebrated on the occasion of the birth anniversary of Pandit Deendayal Upadhyaya, who was an eminent Indian politician, thinker, and founder of the Bharatiya Jana Sangh (later Bharatiya Janata Party). Pandit Deendayal Upadhyaya presented the principle of “Antyodaya” i.e. the upliftment of the poorest and most deprived person in the society, and this day is celebrated to honour his ideology.
Antyodaya means “upliftment of the last person”. Its purpose is to bring development and facilities to the poorest and most deprived sections of the society. Deendayal Upadhyaya believed that true development is possible only when every person in the society gets his basic rights and needs, especially those who are marginalized.
Pandit Deendayal Upadhyaya presented the principle of “Integral Humanism”, which talks about the overall development of humans and society. Its objective was that every person should get opportunities for development according to his abilities and needs, and this development should be not only economic but also socially and culturally balanced.
The purpose of this day is to increase sensitivity towards the weaker and deprived sections of society and to accelerate the government and social efforts being made for their upliftment. On Antyodaya Day, schemes are run by various government and non-government organizations, which aim to benefit the poor, farmers, labourers, and deprived sections.
The Government of India has launched many schemes based on the principles of Antyodaya. Under the Antyodaya Anna Yojana, food grains are made available to the poor at cheap rates. Many schemes like Pradhan Mantri Awas Yojana, Jan Dhan Yojana, and Ujjwala Yojana are also being run to benefit the poorest sections of society.
Antyodaya Day reminds us that a society can progress completely only when every person in it, especially the poorest and deprived person, is included in the stream of development. This day inspires us to follow the thoughts of Pandit Deendayal Upadhyay and the path shown by him so that every person can get dignity and rights.