आतंकवाद विरोध/बलिदान दिवस
भारत में “आतंकवाद विरोध/बलिदान दिवस” राजीव गांधी की पुण्यतिथि के रूप में 21 मई को मनाया जाता है. इस दिन को राजीव गांधी के जीवन और उनके बलिदान को याद करने के लिए समर्पित किया गया है, जो 1991 में एक आतंकवादी हमले में उनकी मौत के कारण हुआ था.
इस दिन भारत भर में लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके योगदान को याद करते हैं. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और उससे लड़ने के लिए समाज को प्रेरित करना है. विभिन्न स्थानों पर सभाएं, सेमिनार और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां लोग आतंकवाद की भयावहता और इसके विरुद्ध एकजुट होने की आवश्यकता पर चर्चा करते हैं.
यह दिन भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक भी है, जिसमें राजीव गांधी की मृत्यु के बाद देश में राजनीतिक और सुरक्षा उपायों में कई बदलाव आए थे. इस दिवस के माध्यम से, भारत सरकार नागरिकों को आतंकवाद के खतरों के प्रति सचेत करती है और समाज में शांति और सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है.
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Anti-Terrorism/Sacrifice Day
In India, “Anti-Terrorism/Sacrifice Day” is celebrated on 21 May as the death anniversary of Rajiv Gandhi. This day is dedicated to remembering the life and sacrifice of Rajiv Gandhi, which led to his death in a terrorist attack in 1991.
On this day people across India pay tribute to him and remember his contribution. The main objective of this day is to increase awareness against terrorism and inspire society to fight it. Meetings, seminars, and tribute programs are organized at various places, where people discuss the horrors of terrorism and the need to unite against it.
This day also marks a significant change in Indian politics, with many changes in political and security measures in the country after the death of Rajiv Gandhi. To this day, the Government of India alerts citizens about the dangers of terrorism and underlines the importance of peace and security in society.