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आयो माह भादो का…

सावन विगत आयो माह भादो
पावन हरितालिका तीज है लायो
भाद्रपद की हस्त नक्षत्र तृतीया
होता है शुभ व्रत तीज हरितालिका
यह व्रत है श्रद्धा,भक्ति,निष्ठा,विश्वास का
सौभाग्यवती स्त्रियों की
अखंड सौभाग्य की कामना का
ये शुभ दिन है अति पावन मंगलकारी
कठिन तप कर माँ पार्वती ने
इसी दिन पायो पतिरूप में भोलेभंडार
यह व्रत है संकल्प शक्ति का प्रतीक
अति मनोरम ,पावन,सुन्दर ,शुभ रीत
करूँ सुहागन सोलह श्रृंगार
रहूँ निर्जल और निराहार
चौकी सजाकर सुन्दर चौरा
स्थापित करूँ उसमें शिव और गौरा
शिव पार्वती की मिट्टी की मुर्ती बना
करूँ विधिवत ,श्रद्धा,भक्ति से पूजा
शिव को अर्पित करूँ जल,बेलपत्र,धतुरा
माँ को चढ़ाऊँ सुहागन का सामान सारा
पूजूँ सुहागन सुहाग का सिन्दूरहोरा
ले सिन्दूर माँग भरूं पूरा
युग युग रहे अमर सुहाग हमारा
सुनु ध्यान मग्न हो तीज कथा
जागूं रातभर करू भजन किर्तन
प्रातःकाल चौरा विसर्जन
हाथ जोर कर करूँ प्रार्थना
अमर सुहाग की करूँ कामना
ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर
सभी बड़ों का आशीर्वाद लेकर
फिर व्रत खोलू विधीवत
जब तक जियूँ करूँ तीज व्रत.

प्रभाकर कुमार(जमुई).

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