
प्रकाशीय यंत्र(Optical instrument) दो प्रकार के होते है.
प्रतिबिंब आधारित यंत्र (Image based instrument):- इन यंत्रों की सहायता से हम वस्तुओं को आवर्धित रूप में देख सकते है, तथा किसी सूक्ष्म संरचना का अध्ययन भी कर सकते है, जैसे:- सूक्ष्मदर्शी(Microscope) , दूरदर्शी(Telescope). इन यंत्रों के प्रमुख अवयव लेंस एवं दर्पण होते है.
विश्लेषण आधारित यंत्र (Analysis based instrument):- इन यंत्रों की सहायता से वस्तुओं के प्रकाशीय गुण एवं प्रकाश की प्रकृति का अध्ययन कर सकते है, जैसे:-वर्णक्रममापी(spectrometer), व्यतिकरणमापी(Interference meter). इन यंत्रों के प्रमुख अवयव प्रिज्म(Prism), ग्रेटिंग(Grating) या दर्पण(Mirror) होता है.
सूक्ष्मदर्शी (Microscope):- वह यंत्र जो सूक्ष्म वस्तुओं का बड़ा प्रतिबिम्ब बनाते हैं उसे सूक्ष्मदर्शी कहते हैं. ये दो प्रकार के होते हैं.
सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple microscope):- यह एक कम फ़ोकस दुरी का उत्तल लेंस (convex lens) होता है, जिसे आम बोलचाल की भाषा में बिल्लोरी कांच भी कहते हैं, इससे हम सभी बचपन में कार्बन जलाया करते थे.
सिद्धांत(theory):- कम फ़ोकस दुरी के उत्तल लेंस (convex lens) के फोकस और प्रकाश केंद्र के बीच यदि किसी वस्तु को रख दिया जाय तो लेंस द्वारा उसका सीधा, आभासी (Virtual) एवं बड़ा प्रतिबिम्ब(Reflection) वस्तु की ओर बनता है. इसे सूक्ष्मदर्शी का उपयोग आवर्धित प्रतिबिम्ब(Magnified image) प्राप्त करने में किया जाता है.
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound microscope):- दो लेंसों के संयोग से बना होता है, जो लेंस वस्तु की ओर होता है उसे अभिदृश्यक (Objective) लेंस कहते है, इसकी फोकस दुरी अपेक्षाकृत कम होती है. जो लेंस आँख की ओर होता है या यूँ कहे जिस आँख से हम देखते है उसे नेत्रिका लेंस(eyepiece lens) कहते हैं. इसकी फोकस दूरी अपेक्षाकृत अधिक होती है.
इसमें दो प्रतिबिम्ब बनते है, वस्तु का पहला प्रतिबिम्ब(Reflection) अभिदृश्यक (Objective) लेंस के द्वारा सूक्ष्मदर्शी के अंदर ही बन जाता है, इस कारण यह हमें दिखाई नहीं देता है, परंतु यह प्रतिबिम्ब नेत्रिका लेंस (Eyepiece) के लिए वस्तु का कार्य करता है और नेत्रिका लेंस (eyepiece lens) इसका आवर्धित (Magnified) प्रतिबिम्ब बनाती है, जो हमें दिखाई देता है तथा, जिसे अंतिम प्रतिबिम्ब (Reflection) भी कहते है.
इस सूक्ष्मदर्शी में अभिदृश्यक लेंस (Objective lens) और नेत्रिका लेंस(eyepiece lens), दोनों लेंसों को अलग-अलग रूप से दंड चक्रीय (Fine cyclical) व्यवस्था के द्वारा एक सीमा तक आगे पीछे चलाया जा सकता है. ये दोनों लेंस एक नली के सिरों पर जुड़े होते है तथा यह नली एक स्टैंड पर कसी होती है. इसे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी(Compound microscope) कहते है.
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी :- यह सूक्ष्मदर्शी अति सूक्ष्म वस्तु का एक लाख गुना बड़ा प्रतिबिंब(Reflection) बनाती है.
दूरदर्शी या दूरबीन (Binoculars):- इस यंत्र का उपयोग दूर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए किया जाता है इसे दूरबीन या दूरदर्शी भी कहते है. ये मुख्यतः चार प्रकार की होते हैं.
(1) खगोलीय दूरदर्शी (Celestial Telescope)
(2) पार्थिव दूरदर्शी (Terrestrial Telescope)
(3) गैलीलियो दूरदर्शी (Galileo Telescope)
(4) परावर्तक दूरदर्शी (Reflective Telescope)
खगोलीय दूरदर्शी (Astronomical telescope) या आकाशीय दूरदर्शी :-
इसमें अभिदृश्यक लेंस जो लेंस (lens) वस्तु(object) की ओर होता है उसे अभिदृश्यक लेंस या (objective lens) कहते है. अभिदृश्यक लेंस की फोकस दुरी बहुत अधिक होती है तथा, नेत्रिका लेंस (जो लेंस नेत्र की और होता है उसे नेत्रिका (eyepiece) लेंस भी कहते है, इसकी फोकस दुरी अपेक्षाकृत बहुत ही कम होती है.
इस दूरदर्शी में अभिदृश्यक लेंस बड़े व्यास वाली नली में लगा होता है, तथा नेत्रिका लेंस छोटे व्यास वाली नली में लगा होता है, तथा नेत्रिका लेंस वाली नली को एक दंड चक्रीय व्यवस्था द्वारा अभिदृश्यक लेंस वाली नली के अंदर चलाया जाता है.
प्रश्न-उत्तर :-
प्रश्न 1 :- सरल सूक्ष्मदर्शी में किस प्रकार के लेंस का उपयोग किया जाता है?
उत्तर :- सरल सूक्ष्मदर्शी में कम फोकस दुरी के उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है.
प्रश्न 2 :- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में लगे हुए लेंसों को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर :- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में लगे हुए लेंसों को अभिदृश्यक लेंस एवं नेत्रिका लेंस के नाम से जाना जाता है.
प्रश्न 3 :- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में किस लेंस की फोकस दुरी कम होती है?
उत्तर :- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में अभिदृश्यक लेंस की फोकस दूरी कम होती है.
प्रश्न 4 :- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी तथा दूरबीन में क्या अंतर होता है?
उत्तर :- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में पास स्थित सूक्ष्म वस्तु का आवर्धित प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है, जबकि दूरबीन में दूर स्थित वस्तु का आवर्धित प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है.
प्रश्न 5 :- आकाशीय पिण्डों को देखने में किस यंत्र का उपयोग करते है?
उत्तर :- आकाशीय पिण्डों को देखने में खगोलीय या आकाशीय दूरदर्शी का उपयोग करते है.
प्रश्न 6 :- दूरदर्शी या दूरबीन किसे कहते है?
उत्तर :- दूर स्थित वस्तुओं का स्पष्ट प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए जिस प्रकाशीय यंत्र या उपकरण का उपयोग किया जाता है उसे दूरदर्शी या दूरबीन कहते है.
प्रश्न 7:- सूक्ष्मदर्शी किसे कहते है?
उत्तर :- पास स्थित सूक्ष्म वस्तु का स्पष्ट एवं आवर्धित या बड़ा प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए जिस प्रकाशीय यंत्र या उपकरण का उपयोग किया जाता है उसे ही सूक्ष्मदर्शी कहते है.
प्रश्न 8 :- दो उत्तल लेंस जिनकी फोकस दुरी 5 सेमी और 10 सेमी है इनसे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी बनाने के लिए किसे अभिदृश्यक लेंस और किसे नेत्रिका लेंस की तरह उपयोग किया जाता है.
उत्तर :- कम फ़ोकस दुरी (5 सेमी) वाले लेंस को अभिदृश्यक लेंस तथा अधिक फोकस दुरी (10सेमी) वाले लेंस को नेत्रिका लेंस की तरह उपयोग किया जाता है.