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व्यक्ति विशेष

भाग – 414.

मुग़ल सम्राट बाबर

मुग़ल सम्राट बाबर भारत में मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक थे. वह तैमूर और चंगेज खान के वंशज थे और उन्होंने अपने साम्राज्य की स्थापना 1526 में की थी, जब उन्होंने इब्राहीम लोदी को पानीपत की पहली लड़ाई में हराया था. बाबर ने अपना अधिकांश जीवन सैन्य अभियानों में बिताया और कई लड़ाईयों में विजयी हुए, जिससे उन्होंने उत्तरी भारत में अपना प्रभाव स्थापित किया.

बाबर का जन्म फरगाना घाटी में हुआ था, जो आधुनिक उजबेकिस्तान में है. वह केवल 12 वर्ष की उम्र में अपने पिता के निधन के बाद फरगाना का शासक बन गए थे. बाबर के शासन काल में, उन्होंने कई क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की, जिसमें समरकंद और काबुल भी शामिल हैं. उनकी विजय ने उन्हें उत्तरी भारत तक विस्तार करने का मौका दिया, जहाँ उन्होंने मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी.

बाबर ने अपनी आत्मकथा “बाबरनामा” लिखी, जो उनके जीवन और उनके समय के इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. इस ग्रंथ में उन्होंने अपने सैन्य अभियानों, शासन प्रणाली, और उस समय की सांस्कृतिक व सामाजिक स्थितियों का वर्णन किया है. बाबरनामा फारसी भाषा में लिखी गई थी और यह आज भी इतिहासकारों और विद्वानों द्वारा अध्ययन की जाती है.

बाबर की मृत्यु 26 दिसम्बर 1530 को हुई थी  जिसके  बाद उनका बेटा हुमायूँ सिंहासन पर बैठा. बाबर के शासन काल ने मुग़ल साम्राज्य की नींव रखी, जिसने आगे चलकर भारत में कई शताब्दियों तक राज किया.

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अभिनेत्री मधुबाला

मधुबाला, जिनका असली नाम मुमताज़ जहान बेगम देहलवी था, भारतीय सिनेमा की एक अत्यंत प्रतिष्ठित और चिरस्मरणीय अभिनेत्री थीं. उनका जन्म 14 फ़रवरी 1933 को दिल्ली में हुआ था, और उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में की थी. मधुबाला को हिंदी सिनेमा की “वीनस” और “ब्यूटी विद ट्रेजेडी” के रूप में जाना जाता है. उनकी सुंदरता और अभिनय कौशल ने उन्हें अपने समय की सबसे प्रतिष्ठित और प्रिय अभिनेत्रियों में से एक बना दिया था.

मधुबाला ने वर्ष 1942 में फिल्म “बसंत” से बॉलीवुड में अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की, और जल्द ही वे अपने समय की सबसे बड़ी स्टार बन गईं. उन्होंने “महल” (1949), “अमर” (1954), “मिस्टर & मिसेज़ ’55” (1955), “चलती का नाम गाड़ी” (1958), और “मुगल-ए-आज़म” (1960) जैसी कई हिट फिल्मों में अभिनय किया. इनमें से “मुगल-ए-आज़म” उनके कैरियर की सबसे यादगार फिल्मों में से एक है, जिसमें उन्होंने अनारकली की भूमिका निभाई थी.

मधुबाला की खूबसूरती और प्रतिभा के बावजूद, उनका जीवन व्यक्तिगत संघर्षों और स्वास्थ्य समस्याओं से भरा रहा. उन्हें दिल की एक गंभीर बीमारी थी, जिसने उनके कैरियर और जीवन को काफी प्रभावित किया. इसके बावजूद, उन्होंने अपने काम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और जुनून को कभी कम नहीं होने दिया.

मधुबाला का 23 फ़रवरी 1969 को केवल 36 वर्ष की आयु में निधन हो गया, लेकिन उनकी फिल्में और उनकी अद्वितीय शैली आज भी हिंदी सिनेमा के प्रेमियों के बीच जीवित है. उनकी विरासत उनकी अद्भुत फिल्मों और उनके जीवन से जुड़ी कहानियों के माध्यम से आज भी प्रेरणा देती रहती है.

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आलोचक कमला प्रसाद

कमला प्रसाद प्रसिद्ध हिंदी आलोचक, साहित्यकार और अकादमिक विद्वान हैं. उन्होंने हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं पर गहन शोध और विश्लेषण किया है. कमला प्रसाद जी का काम मुख्य रूप से हिंदी साहित्यिक आलोचना, थियोरी और समकालीन साहित्यिक चलनों पर केंद्रित है. उनके आलोचनात्मक लेखन और विचार उन्हें हिंदी आलोचना के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करते हैं.

कमला प्रसाद का जन्म 14 फ़रवरी, 1938 को रैगाँव, सतना (मध्य प्रदेश) में हुआ था. कमला प्रसाद ने 70 के दशक में ‘पहल’ का सम्पादन किया, फिर 90 के दशक से वे ‘प्रगतिशील वसुधा’ के मृत्युपर्यंत सम्पादक रहे.

कृतियाँ: – आलोचना –  साहित्य-शास्त्र, छायावाद : प्रकृति और प्रयोग, रचना और आलोचना की द्वंद्वात्मकता, कविता तीरे…

कमला प्रसाद ने साहित्यिक आलोचना के साथ-साथ भाषा विज्ञान, सामाजिक मुद्दे और साहित्यिक सिद्धांतों पर भी कई महत्वपूर्ण पुस्तकें और लेख लिखे हैं. उनका कार्य व्यापक रूप से पढ़ा और सराहा जाता है. उनकी आलोचना शैली में गहराई, स्पष्टता और विचारशीलता का मेल है, जिससे पाठकों और अध्येताओं को हिंदी साहित्य के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद मिलती है.

कमला प्रसाद का निधन 25 मार्च 2011 को  दिल्ली में हुआ था. उनकी आलोचना और विचार आधुनिक हिंदी साहित्यिक आलोचना के क्षेत्र में नई दिशाएं और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं.

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राजनीतिज्ञ मंत्री सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की प्रमुख सदस्य थीं. उन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया और कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला.

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अम्बाला, हरियाणा में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अम्बाला में प्राप्त की और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने राजनीति विज्ञान में भी अध्ययन किया और भारतीय राजनीति के प्रति अपनी गहरी रुचि का प्रदर्शन किया.

सुषमा स्वराज ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत भारतीय जनसंघ (जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी) से की. वे वर्ष 1970 के दशक में भारतीय जनसंघ की युवा शाखा से जुड़ीं और जल्द ही प्रमुख नेता बन गईं. सुषमा स्वराज ने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला. उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में विभिन्न विभागों का नेतृत्व किया: –

सूचना और प्रसारण मंत्री (1998-1999): – इस दौरान उन्होंने मीडिया और सूचना प्रसारण क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए.

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री (1998-1999): – उन्होंने स्वास्थ्य सुधारों और परिवार कल्याण कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

विदेश मंत्रालय (2014-2019): – विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने भारतीय विदेश नीति को सक्रिय रूप से प्रस्तुत किया और कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर काम किया.

सुषमा स्वराज को उनकी प्रभावशाली वक्तृत्व कला, कुशल प्रशासनिक कौशल और सच्ची सेवा भावना के लिए जाना जाता था. विदेश मंत्री के रूप में, उन्होंने विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए कई पहल की और उनके लिए आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराईं. उन्होंने ट्विटर पर भी सक्रियता दिखाई और कई लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास किए.

सुषमा स्वराज का विवाह 1975 में स्वराज कौशल से हुआ था. उनके एक बेटी है, जिसका नाम बांसुरी स्वराज है. सुषमा स्वराज का निधन 6 अगस्त 2019 को हुआ. उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ा झटका था. सुषमा स्वराज का जीवन और कार्य भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय है. उन्होंने अपनी राजनीति, नेतृत्व और समर्पण से भारतीय जनता को प्रेरित किया और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा.

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अभिनेत्री दीक्षा सेठ

दीक्षा सेठ एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं, जिन्होंने तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम किया है. उन्होंने वर्ष 2009 में फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता में भाग लिया था और “मिस फ्रेश फेस” का खिताब जीता था. दीक्षा सेठ का जन्म 14 फरवरी 1990 को दिल्ली में हुआ था. दीक्षा सेठ ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत 2010 में तेलुगु फिल्म “Vedam” से की थी, जिसमें उन्होंने अंजलि नाम की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म में अल्लू अर्जुन और अंजलि जैसी बड़ी स्टार कास्ट थी.

फिल्में: –  तेलुगु  –   Vedam (2010) – अंजलि, Mirapakaay (2011) – विनाम्रता, Wanted (2011) – नंदिनी, Nippu (2012) – मेघना,   तमिल: –    Rajapattai (2011) – अनीता,   कन्नड़: –    Jaggu Dada (2016),    हिंदी: –    Saat Kadam (2016). 

दीक्षा सेठ का झुकाव शुरुआत में आईएएस बनने की ओर था, लेकिन बाद में उन्होंने मॉडलिंग और अभिनय में कैरियर बनाया. उन्होंने मिस इंडिया प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई.

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साहित्यकार विद्यानिवास मिश्र

विद्यानिवास मिश्र हिंदी और संस्कृत के प्रसिद्ध साहित्यकार, आलोचक, विद्वान और संपादक थे. उनका जन्म 28 जनवरी 1926 को पकडडीहा गाँव, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था. मिश्र ने हिंदी साहित्य में अपने गहन ज्ञान और संस्कृति के प्रति गहरी समझ के लिए व्यापक पहचान बनाई. उन्होंने न केवल साहित्यिक कृतियों का सृजन किया बल्कि साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन भी किया और भारतीय संस्कृति व दर्शन पर गहराई से लिखा.

विद्यानिवास मिश्र ने विविध विषयों पर लिखा, जिसमें कविता, आलोचना, यात्रा वृतांत, और निबंध शामिल हैं. उनकी लेखन शैली में गहराई, व्यंग्य और विचारों की प्रखरता स्पष्ट दिखाई देती है. उन्होंने साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए.

मिश्र की कुछ प्रमुख कृतियों में “धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे”, “काशी की अस्सी”, “गंगा जमुनी तहज़ीब” और “कृष्ण की अत्मकथा” शामिल हैं. उनकी रचनाएं न केवल हिंदी साहित्य में उनके योगदान को दर्शाती हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और दर्शन के प्रति उनकी गहरी समझ और अनुराग को भी प्रकट करती हैं.

विद्यानिवास मिश्र का निधन 14 फ़रवरी 2005 को हुआ था. विद्यानिवास मिश्र ने भारतीय साहित्य और संस्कृति की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया. उनकी गहन अंतर्दृष्टि और विचारशील लेखन ने उन्हें हिंदी साहित्य में एक अमूल्य रत्न के रूप में स्थापित किया. उनके निधन के बावजूद, उनकी कृतियाँ और विचार आज भी साहित्यिक और सांस्कृतिक अध्ययन में प्रासंगिक हैं.

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भूतपूर्व मुख्यमंत्री श्यामा चरण शुक्ल

श्यामा चरण शुक्ल भारतीय राजनीति के एक प्रमुख व्यक्तित्व थे, जिन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. उनका कार्यकाल विकास और सामाजिक सुधारों के लिए जाना जाता है. शुक्ल एक कुशल प्रशासक और एक दूरदर्शी नेता के रूप में उल्लेखनीय थे, जिन्होंने अपने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियां और परियोजनाएँ शुरू कीं.

राजनीतिज्ञ श्यामा चरण शुक्ल का जन्म 27 फरवरी 1925 को रायपुर में हुआ था और उनका निधन 14 फरवरी 2007 को रायपुर में हुआ. शुक्ल ने विभिन्न समयावधियों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और उनके नेतृत्व में राज्य ने कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की. वे विशेष रूप से अपने जल संसाधन विकास परियोजनाओं के लिए जाने जाते थे, जिन्होंने राज्य में सिंचाई सुविधाओं को मजबूत किया और कृषि उत्पादन में सुधार किया.

उनकी राजनीतिक यात्रा और नीतिगत निर्णयों ने उन्हें मध्य प्रदेश में एक लोकप्रिय और सम्मानित नेता के रूप में स्थापित किया. शुक्ल का राजनीतिक कैरियर उनके नेतृत्व, प्रतिबद्धता और राज्य के विकास के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है. वे आज भी मध्य प्रदेश के इतिहास में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में याद किए जाते हैं.

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