सोहनलाल द्विवेदी…
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जाकर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
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Fearing the waves the boat does not cross
those who try never lose
When the little ant walks with the grain
climbs walls slip a hundred times
Faith in the heart fills courage in the veins
Falling after climbing, climbing after falling is not difficult
after all his hard work is not in vain
those who try never lose
A diver takes dips in Indus
go and come back empty-handed
Pearls are not easily found in deep water
Double the enthusiasm growing in this wonder
his fist is not empty every time
those who try never lose
failure is a challenge, accept it
what’s missing, see and improve
Unless you succeed, you give up sleep and peace
don’t run away from the battlefield
cheers don’t happen without doing something
those who try never lose
Prabhakar Kumar.