याद आते वो पल-04.
सिपाही विद्रोह :- स्वतंत्रता संग्राम के पहले युद्ध के दौरान भारतीय सिपाहियों ने अंग्रेजों के अधिकारियों से दिल्ली पर वर्ष 1857 में कब्जा कर लिया. भारतीय विद्रोह, जिसे सिपाही विद्रोह या प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भी कहा जाता है, वर्ष 1857-59 में भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ व्यापक लेकिन असफल विद्रोह. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेवा में भारतीय सैनिकों (सिपाहियों) द्वारा मेरठ में शुरू किया गया, यह दिल्ली, आगरा, कानपुर और लखनऊ तक फैल गया.
सआदत हसन मंटो:- टोबा टेकसिंह, खोल दो, ठंडा गोश्त जैसी एक से एक कहानियां दुनिया को देने वाले साहित्यकार का जन्म आज ही दिन (11 मई) वर्ष 1912 को समराला में पैदा हुए. पूरी दुनिया उन्हें सआदत हसन ‘मंटो’ के नाम से जानती है.
मंटो के बारे में कहा जाता है कि, साहित्यकरीता, स्क्रिप्ट राइटिंग, पत्रकारिता,फिल्म, रेडियो के अलावा ऐसा कोई काम नहीं जो मंटो ने नहीं किया हो. मंटो की कहानी दुनिया में सनसनी फैला दी. उनके नाम से बदनाम कहानियों का एक कलेक्शन है.
बताते चलें कि, भारत और पाकिस्तान के अलग होने से पहले ब्रिटिश इंडिया में मंटो पर छह बार अश्लीलता का मुकदमा चला और पाकिस्तान में तीन बार. लेकिन उन्हें कभी दोषी साबित नहीं किया जा सका. वर्ष 1936 में मंटो अलीगढ़ से मुंबई आए और उन्होंने एक फिल्म पत्रिका तसव्वुर के लिए लिखना शुरू किया. इसके अलावा दो फिल्मों के लिए मंटो ने डायलॉग भी लिखे. आठ दिन, चल चल रे नौजवान और मिर्जा गालिब जैसी फिल्मों के लिए लिखे उनके स्क्रीनप्ले काफी मशहूर भी हुए.
मंटो की करीब 22 संग्रह प्रकाशित हुए हैं. इसके अलावा उनके नाम पर एक नॉवेल, पांच रेडियो प्ले और निबंधों के तीन संग्रह और दो संग्रह निजी स्कैचेस के हैं. मंटो की काली सलवार जैसी उनकी कई कहानियां हैं जो सीधे मन मस्तिष्क को भेदती हैं. उन्हें पढ़ने वाला इन कहानियों को भूल नहीं सकता. वो पाठक के दिमाग में काफी समय तक घूमती रहती हैं.वर्ष 1948 में मंटो ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया.
नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई :- भारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना मृणालिनी साराभाई का जन्म वर्ष 1918 में हुआ. मृणालिनी के पिता का नाम डॉ. स्वामीनाथन जो मद्रास हाईकोर्ट में बैरिस्टर थे और उनकी माँ अम्मू स्वामीनाथन स्वतंत्रता सेनानी थीं, जो बाद में देश के पहले संसद की सदस्य भी रहीं थी. जबकि, उनकी बहन लक्ष्मी सहगल सुभाषचंद्र बोस के साथ थीं. बचपन का अधिकांश समय मृणालिनी ने स्विट्जरलैंड में हीं बिताया. मृणालिनी ने’डेलक्रूज स्कूल’ से उन्होंने पश्चिमी तकनीक से नृत्य कलाएं सीखीं. उसके बाद उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर की देख-रेख में शांति निकेतन में शिक्षा ग्रहण की और वहीं से नृत्य मृणालिनी की जिंदगी का हिस्सा भी बन गया.
ज्ञात है कि, मृणालिनी के पति विक्रम साराभाई देश के सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थे. और उनकी मल्लिका साराभाई भी प्रसिद्ध नृत्यांगना और समाजसेवी हैं. मृणालिनी की बड़ी बहन लक्ष्मी सहगल स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जानी जाती हैं. वे प्रसिद्ध क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज की महिला सेना झांसी रेजीमेंट की कमांडर इन चीफ़ थीं.
मृणालिनी साराभाई ने नृत्य की अलग-अलग शैलियों की बारीकियां सीखीं. उन्होंने अमूबी सिंह से मणिपुरी नृत्य सीखा साथ ही कुंजु कुरूप से कथकली सीखा. उसके बाद मीनाक्षी सुदंरम पिल्लै और मुथुकुमार पिल्लै से भरतनाट्यम सीखा. कहा जाता है कि, उनके हर एक गुरू का अपनी अपनी कला में जबरदस्त योगदान था.
इसी दौरान उन्होंने विश्वविख्यात सितार वादक पंडित रविशंकर के भाई पंडित उदय शंकर के साथ भी काम किया. पंडित उदय शंकर का भारतीय कला को पूरी दुनिया में अलग पहचान दिलाने का श्रेय जाता है. उन्होंने आधुनिक नृत्य को लोकप्रियता और कामयाबी के अलग मुकाम पर पहुंचाया. इस बीच मृणालिनी साराभाई कुछ दिनों के लिए अमेरिका भी गईं और वहां जाकर ड्रामाटिक आर्ट्स की बारीकियां सीखीं. इसके बाद मृणालिनी साराभाई ने देश दुनिया में भारतीय नृत्य परंपरा का विकास किया. मृणालिनी साराभाई ने भारत लौटकर जानी-मानी नृत्यांगना मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से भरतनाट्यम का प्रशिक्षण लिया और फिर दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य और पौराणिक गुरु था काज़ी कुंचू कुरुप से कथकली के शास्त्रीय नृत्य-नाटक में भी प्रशिक्षण लिया.
अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर :-हिँन्दी फिल्मोँ के अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर का जन्म वर्ष 1950 अहमदनगर ( महाराष्ट्र )के महाराष्ट्रियन ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे. बताते चलें कि, सदाशिव को उनके करीबी लोग प्यार से ‘तात्या’ बुलाया करते थे.
बचपन से ही सदाशिव असहाय लोगों की मदद किया करते थे और वे एक्टिंग करना चाहते थे. फिल्मों में आने से पहले सदाशिव ने एक्टिंग की शुरुआत मराठी नाटकों से की थी और लगभग 50 नाटकों के बाद फिल्मों की दुनिया में कदम रखा.
सदाशिव की पहली फिल्म ’22 जून 1897′ थी, यह एक मराठी फिल्म थी और इस फिल्म में उन्होंने बाल गंगाधर तिलक का रोल निभाया था. तो वहीं, अभिनेता के तौर पर की पहली हिंदी फिल्म थी ‘अर्धसत्य’. सदाशिव ने फिल्म ‘सड़क’ में ‘किन्नर’ का रोल निभाया था, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था. विलेन के किरदार से दिल जीत चुके सदाशिव अमरापुरकर ने 90 के दशक में सह कलाकार के रूप में थोड़ा कॉमेडी की तरफ भी रुख किया. उन्होंने ‘आंखें’, ‘इश्क’, ‘कुली नंबर 1’, ‘गुप्त: द हिडेन ट्रुथ’, ‘जय हिन्द’, ‘मास्टर’, ‘हम साथ-साथ हैं’, जैसी फिल्में कीं.
सदाशिव की आखिरी हिंदी फिल्म थी दिबाकर बनर्जी की ‘बॉम्बे टॉकीज’ जिसमें उन्होंने कैमियो रोल किया था. 64 वर्ष की उम्र में सदाशिव को फेफड़ों में संक्रमण हो गया था, जिसके चलते 3 नवंबर 2014 को सदाशिव का निधन हो गया.
सोमनाथ मंदिर:- वर्ष 1951 में राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने नवनिर्मित सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन किया. सोमनाथ मंदिर के निर्माण के बाद भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू को इस कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण भेजा गया था. जब प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को इस बात की जानकारी मिली तो नेहरु नहीं चाहते थे कि राष्ट्रपति के रूप में राजेंद्र प्रसाद इस तरह के किसी धार्मिक आयोजन में हिस्सा लें. उन्होंने राजेंद्र बाबू को इस कार्यक्रम में शामिल होने से रोकने का प्रयास किया.
भूमिगत परमाणु परीक्षण:- वर्ष 1998 के दिन भारत की सरकार ने कई भूमिगत परमाणु परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा करने का ऐलान किया था. 11 -13 मई, 1998 को राजस्थान के पोरखरण परमाणु स्थल पर पांच परमाणु परीक्षण किये थे. इनमें 45 किलोटन का एक फ्यूज़न परमाणु उपकरण शामिल था. इसे आमतौर पर हाइड्रोजन बम के नाम से भी जाना जाता है.
जनसंख्या एक अरब:- वर्ष 2000 में जनसंख्या घड़ी के मुताबिक भारत की जनसंख्या एक अरब पहुंची.बताते चलें कि, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जन्मी ‘आस्था’ भारत का एक अरबवाँ बच्चा बना.
भारत की पहली महिला पायलट :- भोपाल सियासत की राजकुमारी एवं भारत की पहली महिला पायलट आबिदा सुल्तान का निधन वर्ष 2002 में हुआ.
बगलिहार परियोजना:- बगलिहार परियोजना ((बगलिहार बाँध जम्मू क्षेत्र के डोडा ज़िले में बनाया जा रहा है. यह जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर है और जम्मू से क़रीब 150 किलोमीटर दूर बटौत शहर के पास है. नींव से इसकी ऊँचाई 144 मीटर और लंबाई 317 मीटर होगी.) पर वर्ष 2005 में भारत-पाक मतभेदों को निपटाने हेतु विश्व बैंक ने तटस्थ विशेषज्ञ नियुक्त किया.
38वें प्रधान न्यायाधीश:- भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश एसएच कपाड़िया को वर्ष 2010 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 38वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई.
महत्त्वपूर्ण निर्णय :- भारतीय सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक खंड़पीठ ने वर्ष 2010 में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में कहा कि पंचायत और स्थानीय चुनाव में राज्य सरकार को आरक्षण देने का अधिकार है.
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Remember those moments-04.
Sepoy Mutiny: – During the first war of Independence, Indian sepoys captured Delhi from British officers in the year 1857. The Indian Rebellion, also known as the Sepoy Mutiny or the First War of Independence, was a widespread but unsuccessful rebellion against British rule in India in 1857–59. Started in Meerut by Indian soldiers (sepoys) in the service of the British East India Company, it spread to Delhi, Agra, Kanpur, and Lucknow.
Saadat Hasan Manto:- The litterateur who gave one-to-one stories like Toba Tek Singh, Khol Do, and Thanda Gosht to the world was born on this day (May 11) in the year 1912 in Samrala, India. The whole world knows him by the name of Saadat Hasan Manto.
It is said about Manto that, apart from literature, script writing, journalism, film, and radio, there is no work that Manto has not done. Manto’s story created a sensation in the world. There is a collection of infamous stories by his name.
Let us tell that, before the separation of India and Pakistan, Manto was prosecuted for obscenity six times in British India and thrice in Pakistan. But he could never be proved guilty. In the year 1936, Manto came to Mumbai from Aligarh and started writing for Tasavvur, a film magazine. Apart from this, Manto also wrote dialogues for two films. His screenplays written for films like Aath Din, Chal Chal Re Naujawan and Mirza Ghalib became quite famous.
About 22 collections of Manto have been published. Apart from this, he has a novel, five radio plays and three collections of essays, and two collections of personal sketches to his name. He has many stories like Manto’s Kali Salwar which directly penetrates the mind and brain. One who reads them cannot forget these stories. She keeps roaming in the reader’s mind for a long time. In the year 1948, Manto decided to go to Pakistan.
Dancer Mrinalini Sarabhai:- India’s famous classical dancer Mrinalini Sarabhai was born in the year 1918. Mrinalini’s father’s name was Dr. Swaminathan, who was a barrister in the Madras High Court and her mother Ammu Swaminathan was a freedom fighter, who later became a member of the country’s first parliament. Whereas, his sister Lakshmi Sehgal was with Subhash Chandra Bose. Mrinalini spent most of her childhood in Switzerland. Mrinalini learned to dance from ‘Delcruz School’ with Western techniques. After that, she studied at Shanti Niketan under the supervision of Rabindranath Tagore, and from there, dance also became a part of Mrinalini’s life.
It is known that Mrinalini’s husband Vikram Sarabhai was a well-known physicist in the country. And Mallika Sarabhai is also a famous dancer and social worker. Mrinalini’s elder sister Lakshmi Sehgal is known as a freedom fighter. She was the Commander-in-Chief of the Jhansi Regiment, the women’s army of the Azad Hind Fauj of the famous revolutionary Subhash Chandra Bose.
Mrinalini Sarabhai learned the nuances of different styles of dance. She learned Manipuri dance from Amubi Singh as well as Kathakali from Kunju Kurup. After that, he learned Bharatanatyam from Meenakshi Sundaram Pillai and Muthukumar Pillai. It is said that each of his teachers had a tremendous contribution to his own art.
During this time he also worked with Pandit Uday Shankar, the brother of world-famous sitarist Pandit Ravi Shankar. The credit goes to Pandit Uday Shankar for giving a different identity to Indian art in the whole world. He took modern dance to a different level of popularity and success. Meanwhile, Mrinalini Sarabhai also went to America for a few days and learned the nuances of Dramatic Arts there. After this, Mrinalini Sarabhai developed the Indian dance tradition in the country and the world. Mrinalini Sarabhai returned to India and trained in Bharatanatyam under renowned dancer Gana Meenakshi Sundaram Pillai and then also trained in the classical dance-drama of Kathakali under South Indian classical dance and legendary guru Tha Kazi Kunchu Kurup.
Actor Sadashiv Amrapurkar:- Hindi film actor Sadashiv Amrapurkar was born in the year 1950 in a Maharashtrian Brahmin family in Ahmednagar (Maharashtra). Let us tell that Sadashiv was lovingly called ‘Tatya’ by his close people.
Since childhood, Sadashiv used to help the helpless people and he wanted to act. Before coming to films, Sadashiv started acting in Marathi plays and entered the world of films after about 50 plays.
Sadashiv’s first film was ’22 June 1897′, it was a Marathi film and in this film, he played the role of Bal Gangadhar Tilak. So right there, the first Hindi film an actor was ‘Ardh Satya’. Sadashiv played the role of ‘Kinnar’ in the film ‘Sadak’, which was liked by the people. Sadashiv Amrapurkar, who won hearts with the character of Villain, also turned to a little comedy as a co-star in the 90s. He did films like ‘Aankhen’, ‘Ishq’, ‘Coolie No. 1’, ‘Gupt: The Hidden Truth’, ‘Jai Hind’, ‘Master’, ‘And Hum Saath Saath Hain’.
Sadashiv’s last Hindi film was Dibakar Banerjee’s ‘Bombay Talkies’ in which he did a cameo role. At the age of 64, Sadashiv had a lung infection, due to which Sadashiv died on 3 November 2014.
Somnath Temple: – In the year 1951, President Rajendra Prasad inaugurated the newly built Somnath temple. After the construction of the Somnath temple, an invitation was sent to Rajendra Babu, the first President of India, to attend the event. When Prime Minister Jawaharlal Nehru came to know about this, Nehru did not want Rajendra Prasad to participate in any such religious event as the President. He tried to stop Rajendra Babu from attending the program.
Underground Nuclear Tests: – On the day of 1998, the Government of India announced the successful completion of several underground nuclear tests. Five nuclear tests were conducted on May 11-13, 1998 at the Porkharan nuclear site in Rajasthan. These included a fusion nuclear device of 45 kilotons. It is also commonly known as a hydrogen bomb.
Population one billion:- According to the population clock in the year 2000, India’s population reached one billion. Let us tell that ‘Aastha’, born in Delhi’s Safdarjung Hospital, became India’s one billionth child.
India’s first female pilot: – Princess of Bhopal politics and India’s first female pilot Abida Sultan passed away in the year 2002.
Baglihar Project:- Baglihar Project ((The Baglihar Dam is being constructed in the Doda district of Jammu region. It is on the Jammu-Srinagar National Highway and near Batout town, about 150 km from Jammu. It has a height of 144 meters from the foundation and a length of 317 meters.) But in the year 2005, the World Bank appointed a neutral expert to settle the Indo-Pak differences.
38th Chief Justice:- SH Kapadia, the senior judge of the Supreme Court of India, was sworn in as the 38th Chief Justice by President Pratibha Patil in the year 2010.
An important decision: – The Constitutional Bench of the Supreme Court of India said in an important decision in the year 2010 that the state government has the right to give reservations in Panchayat and local elections.