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व्यक्ति विशेष– 534.

मशहूर गीतकार प्रेम धवन

प्रेम धवन भारतीय सिनेमा के उन दुर्लभ कलाकारों में से एक थे, जिन्होंने गीत लेखन, संगीत निर्देशन और नृत्य निर्देशन में अपनी अमिट छाप छोड़ी. उनका जन्म 13 जून 1923 को अंबाला, पंजाब में हुआ था और उन्होंने एफ. सी. कॉलेज, लाहौर से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की.

प्रेम धवन ने हिंदी सिनेमा को कई अमर देशभक्ति गीत दिए, जिनमें “ऐ मेरे प्यारे वतन” (काबुलीवाला), “मेरा रंग दे बसंती चोला” (शहीद), “ऐ वतन, ऐ वतन, हमको तेरी कसम” (शहीद) शामिल हैं. उनके गीतों में न केवल काव्यात्मक सौंदर्य था, बल्कि वे भावनाओं की गहराई को भी छूते थे.

प्रेम धवन ने लगभग 50 फिल्मों में नृत्य निर्देशन किया था. “नया दौर” का प्रसिद्ध गीत “उड़े जब-जब जुल्फें तेरी” उनके निर्देशन का कमाल था. उन्होंने पं. रवि शंकर से संगीत और पं. उदय शंकर से नृत्य की शिक्षा ली थी. भारत सरकार ने प्रेम धवन को 1970 में पद्मश्री से सम्मानित किया. इसके अलावा, उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला.

प्रेम धवन ने “लाजवाब” (1950) और “गूंज उठी शहनाई” (1959) जैसी फिल्मों में अभिनय भी किया. वे इंडियन पीपल्स थिएटर एसोसिएशन (IPTA) से जुड़े थे, जहाँ उन्होंने देशभक्ति गीतों की रचना की.

प्रेम धवन ने 7 मई 2001 को इस दुनिया को अलविदा कहा. उनके गीत आज भी भारतीय सिनेमा और संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित हैं. उनकी लेखनी और संगीत ने भारतीय सिनेमा को गहराई, संवेदनशीलता और देशभक्ति का अनमोल उपहार दिया.

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राजनीतिज्ञ पीयूष गोयल

पीयूष गोयल भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता हैं. उनका पूरा नाम पीयूष वेद प्रकाश गोयल है और उनका जन्म 13 जून 1964 को हुआ था. वह एक चार्टर्ड एकाउंटेंट भी हैं. उन्होंने कपड़ा मंत्री और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के रूप में भी कार्य किया है. उनके माता-पिता दोनों ही राजनीति से जुड़े रहे हैं; उनकी मां चंद्रकांता गोयल महाराष्ट्र में तीन बार विधायक रहीं, और उनके पिता वेद प्रकाश गोयल वाजपेयी सरकार में केंद्रीय जहाजरानी मंत्री रहे और लगभग दो दशकों तक भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रहे.

पीयूष गोयल का राजनीतिक करियर लगभग 35 वर्षों से अधिक का है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विभिन्न स्तरों पर कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. वह कई वर्षों तक भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रहे हैं. वर्ष 2010 में पहली बार महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य चुने गए और लगातार तीन बार राज्यसभा में रहे। वह राज्यसभा में सदन के नेता भी रह चुके हैं. वर्ष 2024 के आम चुनाव में, उन्होंने मुंबई उत्तर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीते, जिससे वे पहली बार लोकसभा सांसद बने.

पीयूष गोयल ने नरेंद्र मोदी सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला है: –

कोयला मंत्री: (2014-2017)

बिजली मंत्री (स्वतंत्र प्रभार): (2014-2017)

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार): (2014-2017)

खान मंत्री (स्वतंत्र प्रभार): (2016-2017)

रेल मंत्री: (2017-2021)

वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार: (2018 और 2019 में दो बार)

वाणिज्य और उद्योग मंत्री: (2019 से वर्तमान तक)

 उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री: (2020-2024)

कपड़ा मंत्री: (2021-2024)

उन्होंने भारत के व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न आर्थिक समझौतों को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे ऑस्ट्रेलिया के साथ आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ECTA) और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ मुक्त व्यापार समझौता.

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अभिनेत्री दिशा पटानी

दिशा पटानी एक भारतीय अभिनेत्री और मॉडल हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों में काम करती हैं. उनका जन्म 13 जून 1992 को उत्तर प्रदेश के बरेली में हुआ था. उन्होंने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत तेलुगू फिल्म लोफर से की.

बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म एम. एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी (2016) थी, जिसमें उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की प्रेमिका प्रियंका झा की भूमिका निभाई थी. इसके बाद उन्होंने कुंग फू योगा (2017), बाग़ी 2 (2018), भारत (2019), मलंग (2020), कल्कि 2898 एडी (2024) और कंगुवा (2024) जैसी फिल्मों में अभिनय किया.

दिशा पटानी की अभिनय शैली में एक्शन, ग्लैमर और भावनात्मक गहराई का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है. उन्होंने कई फिल्मों में मजबूत महिला किरदारों को निभाया है, जो आत्मनिर्भरता और साहस को दर्शाते हैं.

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महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी

दीपिका कुमारी भारत की प्रसिद्ध तीरंदाज हैं, जो रिकर्व श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करती हैं. उनका जन्म 13 जून 1994 को झारखंड के रातू में हुआ था. दीपिका ने चार ओलंपिक में भाग लिया है और दो बार विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में रजत पदक जीता है.

उनका सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है — बचपन में वे बांस से बने धनुष से अभ्यास करती थीं और आज वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों वर्ष 2010 में दो स्वर्ण पदक जीते और एशियन गेम्स वर्ष 2010 में कांस्य पदक हासिल किया.

दीपिका को अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री से सम्मानित किया गया है. उनकी कहानी संघर्ष, समर्पण और सफलता का प्रतीक है.

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गजल सम्राट मेहँदी हसन

मेहँदी हसन जिन्हें गजल सम्राट के नाम से जाना जाता है, भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रतिष्ठित और प्रशंसित गजल गायकों में से एक थे. उनका जन्म 18 जुलाई 1927 को राजस्थान के लूणा गाँव में हुआ था. उनका परिवार संगीत की दुनिया में बहुत प्रतिष्ठित था, और उनके पिता उस्ताद आज़ीम ख़ान और चाचा उस्ताद इस्माइल ख़ान भी प्रसिद्ध गायक थे.

मेहँदी हसन ने बहुत कम उम्र में गाना शुरू किया. उनके परिवार की संगीत परंपरा और शास्त्रीय संगीत में उनकी प्रारंभिक शिक्षा ने उनके गायन को गहराई और विशिष्टता प्रदान की. विभाजन के समय, उनका परिवार पाकिस्तान चला गया. पाकिस्तान में उन्होंने शुरुआत में कठिनाइयों का सामना किया और ऑटोमोबाइल मैकेनिक के रूप में काम किया, लेकिन उन्होंने संगीत का अभ्यास जारी रखा.

वर्ष 1957 में रेडियो पाकिस्तान से उनका संगीत प्रसारण हुआ और इसके बाद उन्होंने गजल गायकी में कई उत्कृष्ट प्रस्तुतियां दीं. उनकी गाई हुई गजलें “रंजिश ही सही,” “अब के हम बिछड़े,” “गुलों में रंग भरे,” और “पत्ता पत्ता बूटा बूटा” अत्यधिक लोकप्रिय हुईं.

मेहँदी हसन की गायकी की शैली में शास्त्रीय संगीत का गहरा प्रभाव था. उनकी आवाज़ की गहराई और उनकी गज़लों की भावपूर्ण प्रस्तुति ने उन्हें गजल गायकी का सम्राट बना दिया. मेहँदी हसन को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उनकी पहचान  न केवल भारत और पाकिस्तान में, बल्कि विश्वभर में उनके प्रशंसक थे. उनकी गज़लों का प्रभाव अन्य देशों में भी देखने को मिलता है.

वर्ष 2000 के दशक में उनके स्वास्थ्य में गिरावट आई और उन्होंने गाना बंद कर दिया. 13 जून 2012 को कराची, पाकिस्तान में उनका निधन हो गया. मेहँदी हसन ने अपनी गजल गायकी से न केवल इस संगीत विधा को समृद्ध किया, बल्कि इसे एक नए स्तर पर पहुंचाया.

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उपन्यासकार मुद्राराक्षस

मुद्राराक्षस भारतीय साहित्य के एक प्रमुख उपन्यासकार, नाटककार और आलोचक थे. उनका असली नाम सुभाष वर्मा था, लेकिन वे अपने साहित्यिक नाम ‘मुद्राराक्षस’ से प्रसिद्ध हुए. उनकी लेखनी समाज के विभिन्न मुद्दों, राजनीति और मानव स्वभाव के विविध पहलुओं को उकेरती है. मुद्राराक्षस का जन्म 21 जून 1933 को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के पास बेहटा नामक गाँव में हुआ था. उनका मूल नाम सुहास वर्मा था.

प्रमुख रचनाएँ: –

धर्म और उसका विकृत रूप – यह उपन्यास धर्म के नाम पर समाज में व्याप्त कुरीतियों और विकृतियों की आलोचना करता है

मैं हिन्दू क्यों नहीं हूँ – इस पुस्तक में उन्होंने अपने विचारधारा को प्रस्तुत करते हुए भारतीय समाज में धर्म की भूमिका पर गहन चर्चा की है.

हिन्दू समाज में स्त्री – यह पुस्तक भारतीय समाज में स्त्रियों की स्थिति और उनकी समस्याओं को उजागर करती है.

शब्द शेष – यह उपन्यास भाषा और साहित्य की दुनिया में उनकी गहरी समझ को प्रस्तुत करता है.

मुद्राराक्षस का निधन 13 जून 2016 को हुआ था. उनका लेखन समाज के निम्न वर्ग, दलित और स्त्रियों के मुद्दों पर केंद्रित था. उन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से सामाजिक न्याय और मानव अधिकारों की आवाज उठाई. उनके लेखन का प्रमुख उद्देश्य समाज में सुधार लाना और सामाजिक असमानताओं के खिलाफ आवाज उठाना था.

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